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लखनऊ: साइबर क्राइम में बढ़ोतरी, एसपी हितेश तिवारी ने बताए बचाव के उपाय

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में लगातार साइबर क्राइम की घटनाओं की शिकायत मिल रही है. इस कड़ी में एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

cyber crime is increased
साइबर क्राइम की घटनाओं में बढ़ोतरी
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Published : May 20, 2020, 10:50 AM IST

लखनऊ: एक ओर जहां कोविड-19 संक्रमण को लेकर पूरा विश्व परेशान है तो वहीं दूसरी ओर लोगों के डर और जरूरत का फायदा उठाकर साइबर अपराधी लगातार लोगों को शिकार बना रहे हैं. कोविड-19 के नाम पर साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन इलाज, बचाव सामग्री और दान के नाम पर कई ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इसको लेकर साइबर सेल चिंतित नजर आ रहा है. कोविड-19 के नाम पर होने वाली साइबर ठगी पर लगाम लगाने में भले ही साइबर सेल कामयाब नजर न आ रहा हो, लेकिन साइबर अपराध से बचने के तरीके साइबर सेल जरूर बता रहा है.

साइबर क्राइम की घटनाओं में बढ़ोतरी

राजधानी लखनऊ में लगातार होने वाली साइबर अपराध की घटनाओं को लेकर ईटीवी भारत ने एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने समझाया कि किस तरह से कोविड-19 के नाम पर साइबर अपराधी लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. वहीं उन्होंने इससे बचने के उपाय बताएं हैं.

कोविड-19 के नाम पर ठगी
ईटीवी भारत से बातचीत में एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने बताया कि बीते कुछ महीने में कोविड-19 के नाम पर ठगी की घटना सामने आई है. मुख्य रूप से ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी के मामले सामने आए हैं. इसमें लोगों को चिकित्सा सुविधा और दवाइयां उपलब्ध कराने की बात कही गई, लेकिन जब पीड़ित ने खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया तो उन तक कोई सुविधा नहीं पहुंची. ऐसी घटनाओं को लेकर साइबर सेल को काफी शिकायतें मिली हैं.

ठगी करने वाले बना रहे फेक वेबसाइट
विवेक रंजन राय ने बताया कि ऑनलाइन तमाम ऐसी शॉपिंग वेबसाइट बनाई गई हैं, जहां पर कोविड-19 में प्रयोग किए जाने वाली सामग्री सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की बात कही जाती है. वहीं जब लोग इस सामग्री को खरीदते हैं और पेमेंट कर देते हैं तो फिर बाद में यह सामग्री पीड़ित के घर नहीं पहुंचती है. ऐसे कई मामले राजधानी लखनऊ में देखे गए हैं.

सामान लेने से पहले वेबसाइट की करें पुष्टि
ईटीवी भारत से बातचीत में एसीपी साइबर क्राइम ने लोगों को राय दी है कि इस दौरान जब कोविड-19 महामारी का समय चल रहा है तो लोग सरकार की मदद के लिए ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं. अगर आप ऐसा कर रहे हैं या करना चाहते हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऑनलाइन तमाम ऐसी फेक वेबसाइट वा यूपीआई बनी हुई है, जिससे आपका पैसा गलत हाथों में जा सकता है. ऐसे में अगर आप ऑनलाइन मदद करना चाहते हैं तो मदद करने से पहले इस बात की पुष्टि कर ले कि जिस यूपीआई या वेबसाइट में आप पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं वह सही है या नहीं.

कई ठगी की घटनाओं की एफआईआर दर्ज
राजधानी लखनऊ में बीते दिनों हुई साइबर अपराध की तमाम घटनाओं को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं साइबर सेल लगातार सोशल मीडिया पर भी निगरानी रख रहा है. कोविड-19 संक्रमण के दौरान सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही हैं. साइबर सेल के निर्देशों के तहत राजधानी लखनऊ के विभिन्न थानों में आपत्तिजनक और भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ 22 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

लखनऊ: एक ओर जहां कोविड-19 संक्रमण को लेकर पूरा विश्व परेशान है तो वहीं दूसरी ओर लोगों के डर और जरूरत का फायदा उठाकर साइबर अपराधी लगातार लोगों को शिकार बना रहे हैं. कोविड-19 के नाम पर साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन इलाज, बचाव सामग्री और दान के नाम पर कई ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. इसको लेकर साइबर सेल चिंतित नजर आ रहा है. कोविड-19 के नाम पर होने वाली साइबर ठगी पर लगाम लगाने में भले ही साइबर सेल कामयाब नजर न आ रहा हो, लेकिन साइबर अपराध से बचने के तरीके साइबर सेल जरूर बता रहा है.

साइबर क्राइम की घटनाओं में बढ़ोतरी

राजधानी लखनऊ में लगातार होने वाली साइबर अपराध की घटनाओं को लेकर ईटीवी भारत ने एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने समझाया कि किस तरह से कोविड-19 के नाम पर साइबर अपराधी लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं. वहीं उन्होंने इससे बचने के उपाय बताएं हैं.

कोविड-19 के नाम पर ठगी
ईटीवी भारत से बातचीत में एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने बताया कि बीते कुछ महीने में कोविड-19 के नाम पर ठगी की घटना सामने आई है. मुख्य रूप से ऑनलाइन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी के मामले सामने आए हैं. इसमें लोगों को चिकित्सा सुविधा और दवाइयां उपलब्ध कराने की बात कही गई, लेकिन जब पीड़ित ने खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया तो उन तक कोई सुविधा नहीं पहुंची. ऐसी घटनाओं को लेकर साइबर सेल को काफी शिकायतें मिली हैं.

ठगी करने वाले बना रहे फेक वेबसाइट
विवेक रंजन राय ने बताया कि ऑनलाइन तमाम ऐसी शॉपिंग वेबसाइट बनाई गई हैं, जहां पर कोविड-19 में प्रयोग किए जाने वाली सामग्री सस्ती दरों पर उपलब्ध कराने की बात कही जाती है. वहीं जब लोग इस सामग्री को खरीदते हैं और पेमेंट कर देते हैं तो फिर बाद में यह सामग्री पीड़ित के घर नहीं पहुंचती है. ऐसे कई मामले राजधानी लखनऊ में देखे गए हैं.

सामान लेने से पहले वेबसाइट की करें पुष्टि
ईटीवी भारत से बातचीत में एसीपी साइबर क्राइम ने लोगों को राय दी है कि इस दौरान जब कोविड-19 महामारी का समय चल रहा है तो लोग सरकार की मदद के लिए ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं. अगर आप ऐसा कर रहे हैं या करना चाहते हैं तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऑनलाइन तमाम ऐसी फेक वेबसाइट वा यूपीआई बनी हुई है, जिससे आपका पैसा गलत हाथों में जा सकता है. ऐसे में अगर आप ऑनलाइन मदद करना चाहते हैं तो मदद करने से पहले इस बात की पुष्टि कर ले कि जिस यूपीआई या वेबसाइट में आप पैसा ट्रांसफर कर रहे हैं वह सही है या नहीं.

कई ठगी की घटनाओं की एफआईआर दर्ज
राजधानी लखनऊ में बीते दिनों हुई साइबर अपराध की तमाम घटनाओं को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. वहीं साइबर सेल लगातार सोशल मीडिया पर भी निगरानी रख रहा है. कोविड-19 संक्रमण के दौरान सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक और भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही हैं. साइबर सेल के निर्देशों के तहत राजधानी लखनऊ के विभिन्न थानों में आपत्तिजनक और भ्रामक पोस्ट करने वालों के खिलाफ 22 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.

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