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लखनऊ: परमिट सस्पेंड या निरस्त हुए डग्गामार वाहनों पर नहीं हुआ कोई एक्शन

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Published : Aug 28, 2019, 11:39 PM IST

जनवरी माह से अब तक के आरटीओ लखनऊ की तरफ से अनधिकृत वाहनों पर की गई कार्रवाई के आंकड़े में 625 अवैध तरीके से संचालित बसों पर कार्रवाई की गई है. अनधिकृत रूप से संचालित 235 बसों पर धारा 86 के तहत परमिट निलंबित या निरस्त करने के लिए एसटीए को भेजा गया.

परमिट सस्पेंड या निरस्त हुए डग्गामार वाहनों पर नहीं हुआ कोई एक्शन

लखनऊ: राजधानी की सड़कों पर डग्गामार बसें परमिट शर्तो का उल्लंघन करते हुए फर्राटा भर रही हैं. इन अनधिकृत बसों पर जब आरटीओ के प्रवर्तन दस्ते कार्रवाई करते हैं तो उनकी कार्रवाई पर विभाग ही पानी फेरने का काम कर रहा है. जनवरी माह से अब तक के आरटीओ लखनऊ की तरफ से अनधिकृत वाहनों पर की गई कार्रवाई के आंकड़े में 625 अवैध तरीके से संचालित बसों पर कार्रवाई की गई है.

परमिट सस्पेंड या निरस्त हुए डग्गामार वाहनों पर नहीं हुआ कोई एक्शन

जिनमें से अनधिकृत रूप से संचालित 235 बसों पर धारा 86 के तहत परमिट निलंबित या निरस्त करने के लिए एसटीए को भेजा गया लेकिन यहां पर किसी भी तरह की कार्रवाई की ही नहीं गई.

625 बसों में की गयी कार्रवाई -
जनवरी माह से आरटीओ लखनऊ की तरफ से अब तक प्रवर्तन अधिकारियों ने कुल 625 बसों पर कार्रवाई की. प्रवर्तन अधिकारियों की तरफ से, बार-बार परमिट शर्तो का उल्लंघन करने के चलते धारा 86 की कार्रवाई के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण को परमिट सस्पेंड या फिर कैंसिल करने के लिए भेज दिया गया.

परिवहन विभाग के उच्च अधिकारी यह बता ही नहीं पा रहे हैं कि धारा 86 के तहत कार्रवाई के लिए प्रवर्तन दस्तों की तरफ से जिन बसों को भेजा गया क्या अब तक निलंबन या निरस्तीकरण की कोई कार्रवाई भी हुई है. ऐसे में जब ऊपर से कोई एक्शन नहीं हो रहा है तो डग्गामार बस संचालकों के हौसले बुलंद हैं.

जनवरी माह से अब तक लगभग 625 अवैध तरीके से संचालित बसों का चालान और बंद करने की कार्रवाई की गई है. 235 ऐसी बसें भी पकड़ी गई हैं जो कई बार परमिट शर्तो का उल्लंघन कर रही थीं इन पर धारा 86 के तहत कार्रवाई के लिए एसटीए को भेजा गया है.
- संजीव कुमार गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन

लखनऊ: राजधानी की सड़कों पर डग्गामार बसें परमिट शर्तो का उल्लंघन करते हुए फर्राटा भर रही हैं. इन अनधिकृत बसों पर जब आरटीओ के प्रवर्तन दस्ते कार्रवाई करते हैं तो उनकी कार्रवाई पर विभाग ही पानी फेरने का काम कर रहा है. जनवरी माह से अब तक के आरटीओ लखनऊ की तरफ से अनधिकृत वाहनों पर की गई कार्रवाई के आंकड़े में 625 अवैध तरीके से संचालित बसों पर कार्रवाई की गई है.

परमिट सस्पेंड या निरस्त हुए डग्गामार वाहनों पर नहीं हुआ कोई एक्शन

जिनमें से अनधिकृत रूप से संचालित 235 बसों पर धारा 86 के तहत परमिट निलंबित या निरस्त करने के लिए एसटीए को भेजा गया लेकिन यहां पर किसी भी तरह की कार्रवाई की ही नहीं गई.

625 बसों में की गयी कार्रवाई -
जनवरी माह से आरटीओ लखनऊ की तरफ से अब तक प्रवर्तन अधिकारियों ने कुल 625 बसों पर कार्रवाई की. प्रवर्तन अधिकारियों की तरफ से, बार-बार परमिट शर्तो का उल्लंघन करने के चलते धारा 86 की कार्रवाई के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण को परमिट सस्पेंड या फिर कैंसिल करने के लिए भेज दिया गया.

परिवहन विभाग के उच्च अधिकारी यह बता ही नहीं पा रहे हैं कि धारा 86 के तहत कार्रवाई के लिए प्रवर्तन दस्तों की तरफ से जिन बसों को भेजा गया क्या अब तक निलंबन या निरस्तीकरण की कोई कार्रवाई भी हुई है. ऐसे में जब ऊपर से कोई एक्शन नहीं हो रहा है तो डग्गामार बस संचालकों के हौसले बुलंद हैं.

जनवरी माह से अब तक लगभग 625 अवैध तरीके से संचालित बसों का चालान और बंद करने की कार्रवाई की गई है. 235 ऐसी बसें भी पकड़ी गई हैं जो कई बार परमिट शर्तो का उल्लंघन कर रही थीं इन पर धारा 86 के तहत कार्रवाई के लिए एसटीए को भेजा गया है.
- संजीव कुमार गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन

Intro:प्रवर्तन दस्तों की मेहनत पर विभाग फेर रहा है पानी, अवैध वाहनों का परमिट सस्पेंड या निरस्त करने पर नहीं कोई एक्शन

लखनऊ। राजधानी समेत प्रदेश भर में डग्गामार वाहनों का संचालन धड़ल्ले से हो रहा है। सड़कों पर डग्गामार बसें परमिट शर्तो का उल्लंघन करते हुए फर्राटा भर रही हैं। इन अनधिकृत बसों पर जब आरटीओ के प्रवर्तन दस्ते कार्रवाई करते हैं तो उनकी कार्रवाई पर विभाग ही पानी भी फेरने का काम कर रहा है। जनवरी माह से अब तक का जो आरटीओ लखनऊ की तरफ से अनधिकृत वाहनों पर की गई कार्रवाई का आंकड़ा सामने आया है उसमें 625 अवैध तरीके से संचालित बसों पर कार्रवाई की गई है। जिनमें से अनधिकृत रूप से संचालित 235 बसों पर धारा 86 के तहत परमिट निलंबित या निरस्त करने के लिए एसटीए को भेजा गया लेकिन यहां पर किसी भी तरह की कार्रवाई की ही नहीं गई।
Body:8 माह में आरटीओ लखनऊ की तरफ से प्रवर्तन अधिकारियों ने कुल 625 ऐसी बसों पर कार्रवाई की जो अनधिकृत रूप से राजधानी की सड़कों से प्रदेश के विभिन्न जनपदों के लिए सवारियां ढो रही थीं। सैकड़ों बसों पर चालान की कार्रवाई की गई तो तमाम बसों को थाने में बंद कराया गया और परमिट शर्तो का उल्लंघन करने का दोषी पाते हुए बसों का परमिट निलंबित या निरस्त करने की संस्तुति की गई। प्रवर्तन अधिकारियों की तरफ से बार-बार परमिट शर्तो का उल्लंघन करने के चलते धारा 86 की कार्रवाई के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण को परमिट सस्पेंड या फिर कैंसिल करने के लिए भेज दिया गया, लेकिन परिवहन विभाग के उच्च अधिकारी यह बता ही नहीं पा रहे हैं कि धारा 86 के तहत कार्रवाई के लिए प्रवर्तन दस्तों की तरफ से जिन बसों को भेजा गया क्या अब तक निलंबन या निरस्तीकरण की कोई कार्रवाई भी हुई है। ऐसे में जब ऊपर से कोई एक्शन नहीं हो रहा है तो डग्गामार बस संचालकों के हौसले बुलंद हैं। शायद यही वजह है कि प्रदेश भर में अवैध तरीके से बसों का संचालन बदस्तूर जारी है।Conclusion:बाइट: संजीव कुमार गुप्ता, एआरटीओ प्रवर्तन

जनवरी माह से अब तक लगभग 625 अवैध तरीके से संचालित बसों का चालान और बंद करने की कार्रवाई की गई है। 235 ऐसी बसें भी पकड़ी गई हैं जो कई बार परमिट शर्तो का उल्लंघन कर रही थीं इन पर धारा 86 के तहत कार्रवाई के लिए एसटीए को भेजा गया है।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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