लखनऊः बीजेपी में शामिल होने वाले विधानसभा उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल (Vidhan Sabha Deputy Speaker Nitin Agarwal) ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष को पत्र भेजकर एसपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया है. इसके साथ ही विधानसभा सदस्यता और विधानसभा उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को पत्र भेजा है. उन्होंने कहा कि मैं नैतिकता के आधार पर समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं, साथ ही विधानसभा सदस्यता और विधानसभा उपाध्यक्ष पद से भी त्यागपत्र दे रहा हूं.
उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी के राष्ट्रवाद के साथ ही रहूंगा. करीब दो साल पहले नितिन भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन तब उन्होंने सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था. बाद में उन्हें विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर भाजपा ने चुनाव लड़ाया और वह निर्वाचित हुए थे. अब उन्होंने नैतिकता का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दे दिया है.
उल्लेखनीय है कि हरदोई सदर से समाजवादी पार्टी के विधायक के रुप में नितिन अग्रवाल 2017 के विधानसभा चुनाव में निर्वाचित हुए थे. करीब 2 साल पहले वह राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा के करीब आए और भाजपा में शामिल हो गए थे. नितिन अग्रवाल के पिता नरेश अग्रवाल समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे हैं. वह भी भाजपा में शामिल हुए थे. भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाया और वह निर्वाचित हुए. विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच यह चर्चा थी कि नरेश अग्रवाल एक बार फिर दल बदलते हुए समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.
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ऐसे में इन खबरों को विराम लगाते हुए नितिन अग्रवाल ने सपा की सदस्यता के साथ ही विधानसभा की सदस्यता और विधानसभा उपाध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दिया है. उन्होंने कहा है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से प्रभावित हैं और इसी के चलते भाजपा में शामिल हुए हैं. अब नैतिकता के आधार पर समाजवादी पार्टी की सदस्यता सहित अन्य पदों से इस्तीफा दे रहे हैं.
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