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लखनऊः नई एंड्राइड टिकटिंग मशीनें नहीं रीड कर पा रहीं स्मार्ट कार्ड, फ्री में यात्रा कर रहे यात्री

यूपी की राजधानी में पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन हटाकर नई एंड्राइड मशीनें लगाई गई हैं. वहीं कंडक्टरों का कहना है कि मशीनें स्मार्ट एमएसटी और ओपन एंडेड कार्ड रीड ही नहीं कर रही हैं.

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नई एंड्राइड टिकटिंग मशीनें.
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Published : Jan 7, 2020, 11:25 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने परिचालकों के हाथ से पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन हटाकर नई एंड्राइड मशीनें थमाई हैं. मकसद था कि इन एंड्राइड मशीनों से कंडक्टरों को सहूलियत मिलेगी, लेकिन एंड्राइड मशीनें रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही हैं. हर रोज रोडवेज को कई लाख का नुकसान इन मशीनों से हो रहा है. दरअसल, यह मशीनें स्मार्ट एमएसटी और ओपन एंडेड कार्ड रीड ही नहीं कर रही हैं.

रोज होते हैं विवाद
पिछले 2 महीने से एमएसटी कार्ड धारक और ओपेन एंडेड कार्ड धारक पैसेंजर इन एंड्राइड ईटीएम की वजह से मुफ्त में ही यात्रा का लुत्फ उठा रहे हैं. कार्डधारकों को जब यह जानकारी हो गई कि नई ईटीएम कार्ड रीड नहीं कर रही, ऐसे में रिचार्ज कराना छोड़ दिया और कार्ड से पैसे काटने की बात कहकर यात्रा करने की जिद पर अड़ जाते हैं. रोजाना ही बस में कंडक्टर और कार्डधारकों के बीच इसे लेकर विवाद पैदा हो रहे हैं.

नई एंड्राइड टिकटिंग मशीनें नहीं रीड कर पा रहीं स्मार्ट कार्ड.

980 ओपन एंडेड और एमएसटी कार्ड धारक
कंडक्टर इसलिए पैसेंजर्स को फ्री में यात्रा कराने को मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि अगर किसी पैसेंजर ने रोडवेज के उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दी तो उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगेगा. इस तरह हर रोज लाखों और हर माह करोड़ों रुपए का नुकसान परिवहन निगम झेल रहा है. राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन से ही 980 ओपन एंडेड कार्ड और एमएसटी कार्ड धारक रोजाना बसों में सफर करते हैं. प्रदेश भर में ऐसे कार्ड धारकों का आंकड़ा कई हजार है.

क्या कहते हैं परिचालक
इस बारे में ईटीवी भारत ने कई परिचालकों से बात की तो उनका साफ कहना है कि पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों में सभी कार्ड रीड हो जाते थे. यात्रियों को भुगतान देकर सफर करना होता था, लेकिन नई एंड्राइड मशीनों में किसी भी तरह के कार्ड स्वैप नहीं होते हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों का आदेश है कि जिसके पास कार्ड है. उसे हरहाल में यात्रा करानी होगी. ऐसे में अब बिना कार्ड रिचार्ज कराए ही यात्री खूब यात्रा कर रहे हैं और मारपीट से बचने के लिए उन्हें मजबूरन यात्रा करानी भी पड़ रही है.

भविष्य में सभी एंड्राइड ईटीएम कंडक्टर को देनी है ऐसे में ट्रायल के तौर पर एंड्राइड ईटीएम कंडक्टरों को दी गई हैं. अभी इनमें कार्ड रीड न होने की बात सामने आ रही है. आरएम लखनऊ ने आज यह जानकारी दी है कि साफ्टवेआर में दिक्कत है जल्द ही सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की समस्या दूर करा दी जाएगी और इसके बाद इन एंड्राइड मशीनों में सभी तरह के कार्ड रीडर हो सकेंगे.
-राधेश्याम, अपर प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम

लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने परिचालकों के हाथ से पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन हटाकर नई एंड्राइड मशीनें थमाई हैं. मकसद था कि इन एंड्राइड मशीनों से कंडक्टरों को सहूलियत मिलेगी, लेकिन एंड्राइड मशीनें रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही हैं. हर रोज रोडवेज को कई लाख का नुकसान इन मशीनों से हो रहा है. दरअसल, यह मशीनें स्मार्ट एमएसटी और ओपन एंडेड कार्ड रीड ही नहीं कर रही हैं.

रोज होते हैं विवाद
पिछले 2 महीने से एमएसटी कार्ड धारक और ओपेन एंडेड कार्ड धारक पैसेंजर इन एंड्राइड ईटीएम की वजह से मुफ्त में ही यात्रा का लुत्फ उठा रहे हैं. कार्डधारकों को जब यह जानकारी हो गई कि नई ईटीएम कार्ड रीड नहीं कर रही, ऐसे में रिचार्ज कराना छोड़ दिया और कार्ड से पैसे काटने की बात कहकर यात्रा करने की जिद पर अड़ जाते हैं. रोजाना ही बस में कंडक्टर और कार्डधारकों के बीच इसे लेकर विवाद पैदा हो रहे हैं.

नई एंड्राइड टिकटिंग मशीनें नहीं रीड कर पा रहीं स्मार्ट कार्ड.

980 ओपन एंडेड और एमएसटी कार्ड धारक
कंडक्टर इसलिए पैसेंजर्स को फ्री में यात्रा कराने को मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि अगर किसी पैसेंजर ने रोडवेज के उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दी तो उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगेगा. इस तरह हर रोज लाखों और हर माह करोड़ों रुपए का नुकसान परिवहन निगम झेल रहा है. राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन से ही 980 ओपन एंडेड कार्ड और एमएसटी कार्ड धारक रोजाना बसों में सफर करते हैं. प्रदेश भर में ऐसे कार्ड धारकों का आंकड़ा कई हजार है.

क्या कहते हैं परिचालक
इस बारे में ईटीवी भारत ने कई परिचालकों से बात की तो उनका साफ कहना है कि पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों में सभी कार्ड रीड हो जाते थे. यात्रियों को भुगतान देकर सफर करना होता था, लेकिन नई एंड्राइड मशीनों में किसी भी तरह के कार्ड स्वैप नहीं होते हैं. उनका कहना है कि अधिकारियों का आदेश है कि जिसके पास कार्ड है. उसे हरहाल में यात्रा करानी होगी. ऐसे में अब बिना कार्ड रिचार्ज कराए ही यात्री खूब यात्रा कर रहे हैं और मारपीट से बचने के लिए उन्हें मजबूरन यात्रा करानी भी पड़ रही है.

भविष्य में सभी एंड्राइड ईटीएम कंडक्टर को देनी है ऐसे में ट्रायल के तौर पर एंड्राइड ईटीएम कंडक्टरों को दी गई हैं. अभी इनमें कार्ड रीड न होने की बात सामने आ रही है. आरएम लखनऊ ने आज यह जानकारी दी है कि साफ्टवेआर में दिक्कत है जल्द ही सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की समस्या दूर करा दी जाएगी और इसके बाद इन एंड्राइड मशीनों में सभी तरह के कार्ड रीडर हो सकेंगे.
-राधेश्याम, अपर प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम

Intro:एंड्रॉयड ईटीएम से रोडवेज को हो रहा लाखों का नुकसान, एमएसटी, ओपन एंडेड कार्ड से यात्री लगा रहे हर रोज लाखों का चूना


लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने परिचालकों के हाथ से पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन हटाकर नई एंड्राइड मशीनें थमाई। मकसद था कि इन एंड्राइड मशीनों से कंडक्टरों को सहूलियत मिलेगी, लेकिन एंड्राइड मशीनें रोडवेज के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही हैं। हर रोज रोडवेज को कई लाख का नुकसान इन मशीनों से हो रहा है। दरअसल, यह मशीनें स्मार्ट एमएसटी और ओपन एंडेड कार्ड रीड ही नहीं कर रही हैं। इसमें कार्ड धारक एमएसटी और ओपन एंडेड कार्ड रिचार्ज ही नहीं करा रहे हैं। कार्ड धारक कंडक्टर को अपना कार्ड दिखाकर फ्री में आराम से यात्रा कर रहे हैं। परिवहन निगम के अधिकारी बाखबर होते हुए भी बेखबर बने हुए हैं।


Body:परिवहन निगम ने रोडवेज के परिचालकों से पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनें वापस लेकर उन्हें स्मार्ट मशीनें सौंपी। ये स्मार्ट मशीनें रोडवेज के लिए फायदे के बजाय घाटे का सौदा साबित हो रही हैं। पिछले 2 महीने से एमएसटी कार्ड धारक और ओपेन एंडेड कार्ड धारक पैसेंजर इन एंड्राइड ईटीएम की वजह से मुफ्त में ही यात्रा का लुत्फ उठा रहे हैं। कार्डधारकों को जब यह जानकारी हो गई कि नई ईटीएम कार्ड रीड नहीं कर रही, ऐसे में उन्होंने रिचार्ज कराना ही छोड़ दिया और सफर के दौरान परिचालकों से इसी कार्ड से पैसे काटने की बात कहकर यात्रा करने की जिद पर अड़ जाते हैं। रोजाना ही बस में कंडक्टर और कार्डधारकों के बीच इसे लेकर विवाद पैदा हो रहे हैं। कंडक्टर इसलिए पैसेंजर्स को फ्री में यात्रा कराने को मजबूर हो रहे हैं क्योंकि अगर किसी पैसेंजर ने रोडवेज के उच्चाधिकारियों से शिकायत कर दी तो उनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगेगा इस तरह हर रोज लाखों और हर माह करोड़ों रुपए का नुकसान परिवहन निगम झेल रहा है। राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन से ही 980 ओपन एंडेड कार्ड और एमएसटी कार्ड धारक रोजाना बसों में सफर करते हैं और इनमें से ज्यादातर इस समय फ्री में यात्रा कर रहे हैं। प्रदेश भर में ऐसे कार्ड धारकों का आंकड़ा कई हजार है। ऐसे में कई करोड़ का घाटा परिवहन निगम को हो रहा है। एंड्राइड ईटीएम में कार्ड रीड न करने से कंडक्टरों को किस तरह की समस्या आ रही है इस बारे में ईटीवी भारत ने कई परिचालकों से बात की तो उनका साफ कहना है कि पुरानी इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों में सभी कार्ड रीड हो जाते थे और यात्रियों को भुगतान देकर सफर करना होता था, लेकिन नई एंड्राइड मशीनों में किसी भी तरह के कार्ड स्वैप नहीं होते हैं। उनका कहना है कि अधिकारियों का आदेश है कि जिसके पास कार्ड है उसे हरहाल में यात्रा करानी होगी। ऐसे में अब बिना कार्ड रिचार्ज कराए ही यात्री खूब यात्रा कर रहे हैं और मारपीट से बचने के लिए उन्हें मजबूरन यात्रा करानी भी पड़ रही है। इससे रोडवेज को खूब नुकसान हो रहा है।


Conclusion:बाइट: राधेश्याम: अपर प्रबंध निदेशक, परिवहन निगम

भविष्य में सभी एंड्राइड ईटीएम कंडक्टर को देनी है ऐसे में ट्रायल के तौर पर एंड्राइड ईटीएम कंडक्टरों को दी गई हैं। अभी इनमें कार्ड रीड न होने की बात सामने आ रही है। आरएम लखनऊ ने आज यह जानकारी दी है कि साफ्टवेआर में दिक्कत है जल्द ही सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर की समस्या दूर करा दी जाएगी और इसके बाद इन एंड्राइड मशीनों में सभी तरह के कार्ड रीडर हो सकेंगे।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 933686 4096
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