लखनऊ: राजधानी लखनऊ में केजीएमयू अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही दिनोदिन बढ़ती ही जा रही है. अब हालात ऐसे हो चले हैं कि लोगों की बीमारी कुछ और होती है, लेकिन डॉक्टर इलाज कुछ और ही करते रहते हैं.
केजीएमयू के लापरवाह डॉक्टर
- हरदोई निवासी सुनील को करीब ढाई साल पहले रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी.
- डॉक्टर पहले तो मरीज की नस दबने और फिर बोन टीबी की दवा 4 माह खिलाते रहे.
- मर्ज बढ़ने पर दो-दो बार एमआरआई भी कराई गई.
- जांच में मरीज को कैंसर की पुष्टि हुई.
- यहां न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में मरीज को पहले दिखाया गया.
- यहां पर उसको इलाज मिल जाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
- इस दौरान इलाज के नाम पर करीब ₹5 लाख खर्च हो गए.
बीमारी पर काबू पाने की बजाय बीमारी और ज्यादा बढ़ने लगी. तमाम तरह की शिकायतें भी बढ़ गई. लेकिन उसके हालात नहीं सुधरे. डॉक्टरों ने हड्डी की टीवी की आशंका जाहिर कर बोन टीबी का इलाज शुरू किया. लेकिन इलाज के बावजूद हालत गंभीर होती चली गई.
विद्यावती, पीड़ित की मां