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लखनऊ में 24.43 करोड़ की लागत से बनेगा नौसेना का शौर्य संग्रहालय, जानें खासियत - सेवामुक्त हुए युद्धपोत

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग 24.43 करोड़ की लागत से शहीद पथ के किनारे 8 एकड़ पर नौसेना का शौर्य संग्रहालय बनाने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि सितंबर में शौर्य संग्रहालय की आधारशिला रखी जा सकती है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 28, 2023, 2:30 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों में देशभक्ति के भाव को जागृत करने के लिए पर्यटन विभाग एक और नया तोहफा राजधानी के लोगों को देने जा रहा है. पर्यटन विभाग 24.43 करोड़ की लागत से शहीद पथ के किनारे आठ एकड़ पर नौसेना का शौर्य संग्रहालय बनाने की तैयारी कर रहा है. पर्यटन विभाग ने इस का प्रस्ताव बनकर शासन को भेजा है. जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी, सितंबर में आधारशिला रखी जा सकती है.

नौसेना का शौर्य संग्रहालय
नौसेना का शौर्य संग्रहालय.

पर्यटन विभाग की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि संग्रहालय में वायु सेवा से सेवामुक्त हुए युद्धपोत आईएनएस गोमती की मिसाइल, टारपीडो व कैनन समेत अन्य उपकरणों लोगों के देखने के लिए प्रदर्शित की जाएगी. बता दे आईएनएस गोमती गरीब 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना में कमीशन रहा है. वहां से सेवानिवृत होने के बाद भारतीय नौसेना ने इसे उत्तर प्रदेश को दे दिया है.

देश का सबसे बड़ा व पुराना संग्रहालय.
देश का सबसे बड़ा व पुराना संग्रहालय.
देश के संग्रहालय.
देश के संग्रहालय.

देश का पहला संग्रहालय : पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि भारतीय नौसेना का शौर्य संग्राहालय देश का पहला संग्रहालय होगा. इस संग्रहालय में पांच हजार वर्ष पूर्व भारतीय सभ्यता, संस्कृति के शुरुआत में सिंधु घाटी सभ्यता के नगरों हड़प्पा, मोहन जोदड़ो, लोथल आदि में बने जलयानों से लेकर प्राचीन भारत में सातवाहन, गुप्त व चोल साम्राज्य तथा मध्यकाल में मराठा साम्राज्य द्वारा गठित नौसेना और मौजूदा भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और जलयानों को प्रदर्शित किया जाएगा. आईएनएस गोमती अक्टूबर में प्रदेश पहुंचेगी अभी तक यह मुंबई में है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और भारतीय नौसेना में एग्रीमेंट हुआ है कि शौर्य संग्रहालय का निर्माण शुरू होने के साथ ही मिसाइल समेत अन्य उपकरणों को लखनऊ लाया जाएगा. ऐसे में अक्टूबर में सभी उपकरणों को मंगाया जाएगा. संग्रहालय में आईएएनएस गोमती के उपकरणों के अलावा नौसेना के सी-किंग हेलीकाप्टर और सी-हैरियर वायुयान को भी प्रदर्शित किया जाएगा. युवाओं को नौसेना संबंधित जानकारी देने के लिए डिजिटल इंटरप्रेटेशन सेंटर का निर्माण भी किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : घोसी उपचुनाव में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह को दिया समर्थन

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही लोगों में देशभक्ति के भाव को जागृत करने के लिए पर्यटन विभाग एक और नया तोहफा राजधानी के लोगों को देने जा रहा है. पर्यटन विभाग 24.43 करोड़ की लागत से शहीद पथ के किनारे आठ एकड़ पर नौसेना का शौर्य संग्रहालय बनाने की तैयारी कर रहा है. पर्यटन विभाग ने इस का प्रस्ताव बनकर शासन को भेजा है. जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी, सितंबर में आधारशिला रखी जा सकती है.

नौसेना का शौर्य संग्रहालय
नौसेना का शौर्य संग्रहालय.

पर्यटन विभाग की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि संग्रहालय में वायु सेवा से सेवामुक्त हुए युद्धपोत आईएनएस गोमती की मिसाइल, टारपीडो व कैनन समेत अन्य उपकरणों लोगों के देखने के लिए प्रदर्शित की जाएगी. बता दे आईएनएस गोमती गरीब 34 वर्षों तक भारतीय नौसेना में कमीशन रहा है. वहां से सेवानिवृत होने के बाद भारतीय नौसेना ने इसे उत्तर प्रदेश को दे दिया है.

देश का सबसे बड़ा व पुराना संग्रहालय.
देश का सबसे बड़ा व पुराना संग्रहालय.
देश के संग्रहालय.
देश के संग्रहालय.

देश का पहला संग्रहालय : पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि भारतीय नौसेना का शौर्य संग्राहालय देश का पहला संग्रहालय होगा. इस संग्रहालय में पांच हजार वर्ष पूर्व भारतीय सभ्यता, संस्कृति के शुरुआत में सिंधु घाटी सभ्यता के नगरों हड़प्पा, मोहन जोदड़ो, लोथल आदि में बने जलयानों से लेकर प्राचीन भारत में सातवाहन, गुप्त व चोल साम्राज्य तथा मध्यकाल में मराठा साम्राज्य द्वारा गठित नौसेना और मौजूदा भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और जलयानों को प्रदर्शित किया जाएगा. आईएनएस गोमती अक्टूबर में प्रदेश पहुंचेगी अभी तक यह मुंबई में है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग और भारतीय नौसेना में एग्रीमेंट हुआ है कि शौर्य संग्रहालय का निर्माण शुरू होने के साथ ही मिसाइल समेत अन्य उपकरणों को लखनऊ लाया जाएगा. ऐसे में अक्टूबर में सभी उपकरणों को मंगाया जाएगा. संग्रहालय में आईएएनएस गोमती के उपकरणों के अलावा नौसेना के सी-किंग हेलीकाप्टर और सी-हैरियर वायुयान को भी प्रदर्शित किया जाएगा. युवाओं को नौसेना संबंधित जानकारी देने के लिए डिजिटल इंटरप्रेटेशन सेंटर का निर्माण भी किया जाएगा.

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