लखनऊ : नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की ओर से सोमवार को देश के सभी विश्वविद्यालयों व शिक्षा संस्थानों की रैंकिंग जारी की गई. जारी रैंकिंग में हर साल की तरह इस बार भी लखनऊ के कई शिक्षक संस्थाओं ने शानदार प्रदर्शन कर अपने रैंकिंग में सुधार किया है. वहीं इस बार की रैंकिंग में कई संस्थानों का प्रदर्शन पिछले साल की तुलना में ठीक नहीं रहा. कुछ संस्थानों की रैंकिंग में फेरबदल नहीं हुआ है. फिर भी देश की टॉप 100 रैंकिंग में राजधानी लखनऊ के शिक्षण संस्थानों ने उपस्थिति दर्ज कराने में कामयाब हुए हैं.
बीबीएयू 13 पायदान बढ़ा : बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय (बीबीएयू) विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में इस बार 42 वां स्थान पाने में कामयाब रहा. पिछले साल 2022 में वह इस कैटेगरी में 55 में स्थान पर था. वर्ष 2021 में वह 65वें स्थान पर था. ओवरऑल विश्वविद्यालयों में बीबीएयू को 69 वां स्थान मिला है. जबकि पिछले साल वह इस श्रेणी में 78 वे स्थान पर था. बीबीएयू के प्रबंध विभाग को प्रबंध श्रेणी में 78 वां रैंक मिला है. फार्मेसी श्रेणी में बीबीएयू को 20 वां स्थान मिला है. बीबीएयू के विधि विभाग को विधि श्रेणी में 10वां स्थान मिला है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अवनीश कुमार सिंह का कहना है कि पिछले तीन सालों में विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए 23 विश्वविद्यालयों को पीछे करते हुए पूरे देश में बढ़त बनाई है. हम तीन साल से लगातार एनआईआरएफ रैंकिंग में आगे बढ़ रहे हैं. संस्था की शैक्षणिक, शोध की गुणवत्ता और ओवरऑल बेहतर प्रदर्शन से यह रैंकिंग आगे बढ़ी है.
आईआईएम की नहीं बदली रैंकिंग : एनआईआरएफ रैंकिंग में देश के प्रबंध संस्थानों की रैंकिंग में भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ इस साल छठे स्थान पर आया है. पिछले साल भी वह इसी स्थान पर था. आईआईएम ने सभी पैरामीटर पर बेहतर करने की कोशिश की है. प्लेसमेंट में बहुत ही हुई है, तीन साल में यह 23 लाख रुपए से 29 लाख रुपये के वार्षिक पैकेज पर प्लेसमेंट हुआ है. एनआईआरएफ की रिपोर्ट के अनुसार 100% आईआईएम का प्लेसमेंट रहा है. आईआईएम लखनऊ वर्ष 2021 में सातवें पायदान पर रहा था.
डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय 21वें स्थान पर रहा : डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पिछले साल के मुकाबले 3 पायदान नीचे खिसक गया है. विधि श्रेणी में इस बार 21वें स्थान पर रहा. पिछले साल संस्थान की इस श्रेणी में रैंकिंग 17 वी थी. हालांकि देश के सभी राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में लोहिया विश्वविद्यालय की रैंकिंग 18वीं हैं. सोमवार को ही एनआईआरएफ रैंकिंग जारी की और इसी दिन विधि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुधीर भटनागर का कार्यकाल भी पूरा हो गया. अपने कार्यकाल के अंतिम दिन विश्वविद्यालय की रैंकिंग जारी होने पर उन्होंने कहा कि इस वर्ष शोध प्रकाशन और प्लेसमेंट पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. कानूनी क्षेत्र में नए स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए मैं इनक्यूबेशन क्लब विकसित करने की प्रक्रिया में है.
लखनऊ विश्वविद्यालय ने लगाई 80 पायदान की छलांग : लखनऊ विश्वविद्यालय की एनआईआरएफ रैंकिंग 2023 में बड़ा सुधार देखने को मिला है. बीते साल नैक मूल्यांकन में ए डबल प्लस ग्रेड पाने के बाद एनआईआरएफ रैंकिंग में उसका असर साफ तौर पर देखने को मिला है. विश्वविद्यालय ने इस साल 80 रैंक की छलांग लगाते हुए 115वें स्थान पर पहुंचने में कामयाब रहा है. पिछले साल लखनऊ विश्वविद्यालय 195 वें स्थान पर रहा था.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने बताया कि रैंकिंग सुधार के लिए सबसे जरूरी काम शिक्षक छात्र अनुपात में सुधार करना था. इसके लिए 1 साल में सवा सौ से अधिक की संख्या में शिक्षकों की नियुक्तियां की गई. वहीं विद्यार्थियों के प्लेसमेंट में भी काफी सुधार हुआ है जिसका असर हमें एनआईए फ्रैंकिंग में देखने को मिला. उन्होंने बताया कि एनआईआरएफ रैंकिंग में पिछले 2 वर्षों में लखनऊ विश्वविद्यालय को 151 से 200 बैंड पर रखा गया था.
इस बार विश्वविद्यालय ने अपनी कमियों को दूर करते हुए इसमें काफी सुधार किया है. वहीं उत्तर प्रदेश रैंकिंग, प्रत्यायन और परामर्श केंद्र (उपक्रम) ने राज्य के विश्वविद्यालयों को 5 जून को नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) 2023 के लिए घोषित परिणाम बेहतर प्रदर्शन करने में मदद किया है. उपक्रम टीम ने राष्ट्रीय रैंकिंग एनआईआरएफ 2023 के लिए आवेदन करने के लिए ग्यारह विश्वविद्यालयों को उनके शिक्षण और अनुसंधान की गुणवत्ता के आधार पर प्रेरित और चयनित किया था. इन संस्थानों की रैंकिंग में सुधार के लिए उपक्रम द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन और सलाह ने इन विश्वविद्यालयों को न केवल एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष स्थान हासिल करने में मदद की है बल्कि पिछले वर्षों की रैंकिंग की तुलना में अन्य मैट्रिक्स मापदंडों में भी सुधार किया है.
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