लखनऊः कोरोना वायरस के बचाव में लंबे समय तक लोगों को मास्क लगाए रहना पड़ता है. इससे कई लोगों को सांस संबंधी परेशानी और घुटन की शिकायत भी हो रही है. ऐसे में सीएसआईआर के प्रयोगशाला राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान ने डीकन्जेस्टेंट इनहेलर नमक उत्पाद बनाया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि मास्क पहनने से होने वाली घुटन को काफी हद तक दूर कर सकता है.
राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) द्वारा बनाया गया डीकन्जेस्टेंट इनहेलर पूरी तरह से आयुर्वेदिक है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें किसी भी तरह के कोई साइड इफेक्ट नहीं है. इसके बारे में संस्थान के निदेशक डॉ. एस. के. बारिक कहते हैं कि डीकन्जेस्टेंट इनहेलर एसेंशियल ऑयल पर आधारित है, जिसका काम नाक की नली और अपर ट्रैकिया में हो रही रुकावट या कंजेशन को हटाना है.
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति को सामान्य तौर पर सर्दी और कफ की शिकायत है या वायरल है और वह मास्क लगा रहे हैं. तो मास्क पर एक बार स्प्रे करने से यह काफी समय तक उसमें रहता है और कफ या सीने की जकड़न को काफी हद तक ठीक कर सकता है. इसे बनाने वाले एनबीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. शरद श्रीवास्तव ने बताया कि जब हम मास्क पहनते हैं और काफी देर तक पहने रहते हैं. तो कुछ लोगों को सांस लेने में शिकायत होती है.
शरद श्रीवास्त आगे बताते हैं कि मास्क से सिर दर्द या सांस न आने जैसी परेशानी होने लगती है. आजकल लॉकडाउन के दौरान ज्यादातर पुलिसकर्मिय, हेल्थ वर्कर्स और ऐसे लोगों को लंबे समय तक मास्क पहनना पड़ता है जो लगातार ड्यूटी कर रहे हैं. ऐसे में प्रयोगशाला में आयुर्वेद में वर्णित कई एसेंशियल ऑयल के आधार पर एक स्पेसिफिक कॉन्बिनेशन बनाया है.
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उनका कहना है कि इस इनहेलर का बेस ऑयल भी पूरी तरह से वेजिटेबल है. इसे एक निश्चित अनुपात में मिलाकर हमने लगातार ड्यूटी कर रहे तकरीबन 100 व्यक्तियों को देकर इसे परखा है. इन लोगों में ज्यादातर पुलिसकर्मी, स्वास्थ्य कर्मचारी और जिला प्रशासन के लोग शामिल थे. इन सभी को हमने इसके इस्तेमाल की विधि बताई. मास्क पर सिर्फ एक बार स्प्रे करने के बाद उन्हें वह मास्क लगाना था और लंबी सांस लेनी थी. इन सभी में से किसी ने भी डीकन्जेस्टेंट इनहेलर से किसी भी तरह की परेशानी होने से इनकार किया.