लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राम मंदिर बनाये जाने के लिए ट्रस्ट के नाम की घोषणा कर दी. इस एलान के बाद देश भर में ट्रस्ट की टाइमिंग पर भी लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. असदुद्दीन ओवैसी और विपक्ष के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी ट्रस्ट के एलान की तारीख पर सवाल उठाया है.
शिया धर्मगुरु ने जाहिर की चिंता
शिया धर्मगुरु और शिया चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना सैफ अब्बास ने इस मामले पर कहा कि जो वक्त ट्रस्ट के एलान के लिए चुना गया है. वह दिल्ली के चुनाव से ठीक पहले का है. उन्होंने कहा कि मुल्क में चुनाव होते रहते हैं. इसे नकारा नहीं जा सकता है लेकिन पीएम मोदी को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए था कि दिल्ली के चुनाव में ध्रुवीकरण की बात सामने न आए.
हालांकि मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि उनको डर है कि ट्रस्ट को लेकर आगे कोई झगड़ा न हो. इस पर भी सभी को ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने पीएम मोदी को संसद में ट्रस्ट के एलान की शुभकामनाएं भी दी.
धार्मिक मुद्दों को लाने की कोशिश
दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि दिल्ली चुनाव से पहले कई धार्मिक मुद्दों को लाने की कोशिश की गई. वहीं देश का सबसे बड़ा मुद्दा राम मंदिर को भी एक बार फिर लाने की कोशिश हुई है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत यह ट्रस्ट बना है और इस मुद्दे पर अब सियासत नहीं होनी चाहिए.
सुफियान निज़ामी ने कहा कि 5 एकड़ जमीन को लेकर मुसलमानों के बीच एक आम राय कायम हुई थी कि जमीन के बदले किसी तरह की कोई जमीन और कोई बदला नहीं लेना चाहिए. हालांकि सुफियान निजामी ने कहा कि अब फैसला सुन्नी वक्फ बोर्ड को करना है कि वह यह जमीन लेता है या नहीं.
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