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नगर निगम ने 5.26 करोड़ हाउस टैक्स बकाया हाेने पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी काे किया सील

लखनऊ में नगर निगम ने बकाया टैक्स जमा न करने पर इंटीग्रल यूनिवर्सिटी काे सील कर दिया. इसके अलावा आवास विकास परिषद के गुणवत्ता नियंत्रण कार्यालय को भी सील किया गया है.

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Published : Mar 25, 2023, 10:05 AM IST

हाउस टैक्स बकाए पर नगर निगम ने इन्टीग्रल यूनिवर्सिटी काे सील कर दिया.
हाउस टैक्स बकाए पर नगर निगम ने इन्टीग्रल यूनिवर्सिटी काे सील कर दिया.

लखनऊ : नगर निगम ने शुक्रवार को हाउस टैक्स के बड़े बकाएदारों के प्रतिष्ठान, दुकान व कार्यालय सील करा दिए. कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन को 5.26 करोड़ रुपए का बकाया हाउस टैक्स जमा न करने पर सील कर दिया गया. मामले में कई बार नोटिस दिया जा चुका है. इसके बाद भी टैक्स नहीं जमा किया गया. लिहाजा जोनल अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर भवन काे सील करने की कार्रवाई की.

निगम के अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधिकारी कहते हैं कि वे दानोत्तर संस्था में आते हैं. ऐसे में उन पर टैक्स नहीं लगता है. जबकि 1998 के शासनादेश में साफ कहा गया है कि दानोत्तर संस्था वही मानी जाएगी जो 50 रुपये तक शुल्क लेती होगी. विश्वविद्यालय लाखों रुपए फीस लेता है. इसके अलावा नगर निगम ने लेवर कालोनी वार्ड में आवास विकास परिषद के गुणवत्ता नियंत्रण कार्यालय को भी सील करा दिया.

अवध वन प्रभाग के दुबग्गा स्थित क्षेत्रीय वनाधिकारी कार्यालय पर 16 लाख रुपए बकाया दिखाकर सील कराया गया. लगभग तीन घंटे बाद नगर निगम ने इसकी सील खोल दी. मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि वन विभाग कार्यालय वन क्षेत्र में आता है. यह टैक्स से बाहर रहता है. इसीलिए इसकी सील खोल दी गयी. इसे टैक्स मुक्त किया जाएगा. इसके अलावा जोन एक में रानी लक्ष्मी बाई वार्ड, यदुनाथ सान्याल वार्ड में छह बकाएदारों के भवनों काे सील किया गया.

जोन-2 में एसके मेडिकल स्टोर पर कुल देय गृहकर बकाया 73,169 होने के साथ ही सात बकाएदारों के भवनों को सील कर दिया गया. जोन आठ में भी 7 प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई करने के अतिरिक्त निर्गत डिमाण्ड नोटिस के सापेक्ष 4.80 लाख गृहकर वसूल किया गया. गृहकर वसूली के अभियान के तहत कुल 5,26000 रुपए वसूल किए गए.

एक महीने में चोरी हो गया 27 लाख का डीजल-पेट्रोल : नगर निगम के आरआर विभाग व जोनल कार्यालयों में तैनात स्थायी व कार्यदायी संस्था के वाहन चालकों ने जनवरी माह में 27 लाख रुपए से अधिक की डीजल-पेट्रोल की चोरी कर ली. तेल चोरी की पूरी कहानी स्मार्ट सिटी के लगे ब्लैक बॉक्स के जीपीएस व वीटीएस में कैद हो गई है. अपर नगर आयुक्त व स्मार्ट सिटी प्रभारी पंकज सिंह ने आरआर विभाग के प्रभारी पीके सिंह को फटकार लगाते हुए चिन्हित किए गए वाहनों के चालकों के विरुद्घ प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. जोनल अधिकारी व सेनेटरी इंस्पेक्टर अपने जोन के दोषी वाहन चालकों के विरुद्घ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे. आरआर विभाग के प्रभारी पीके सिंह को प्रतिदिन डीजल-पेट्रोल खर्च की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. स्मार्ट सिटी में लगे ब्लैक बॉक्स के अनुसार 232 नगर निगम वाहनों से कुल 30 हजार 297 लीटर डीजल की चोरी दर्ज की गई है. निधार्रित दर के अनुसार 27 लाख 18 हजार 852 रुपए 78 पैसे की राजस्व की चोरी की गई है. डीजल की चोरी करने वाले समस्त 232 वाहन केन्द्रीय कार्यशाला आरआर विभाग से संचालित हो रहे हैं. तीन दिन के अन्दर आरआर प्रभारी को कार्रवाई करनी है.

यह भी पढ़ें : बिजली बिल अपडेट कराने के नाम पर साइबर ठग ने महिला के खाते से उड़ाए 13 लाख रुपए

लखनऊ : नगर निगम ने शुक्रवार को हाउस टैक्स के बड़े बकाएदारों के प्रतिष्ठान, दुकान व कार्यालय सील करा दिए. कुर्सी रोड स्थित इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन को 5.26 करोड़ रुपए का बकाया हाउस टैक्स जमा न करने पर सील कर दिया गया. मामले में कई बार नोटिस दिया जा चुका है. इसके बाद भी टैक्स नहीं जमा किया गया. लिहाजा जोनल अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर भवन काे सील करने की कार्रवाई की.

निगम के अधिकारियों ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधिकारी कहते हैं कि वे दानोत्तर संस्था में आते हैं. ऐसे में उन पर टैक्स नहीं लगता है. जबकि 1998 के शासनादेश में साफ कहा गया है कि दानोत्तर संस्था वही मानी जाएगी जो 50 रुपये तक शुल्क लेती होगी. विश्वविद्यालय लाखों रुपए फीस लेता है. इसके अलावा नगर निगम ने लेवर कालोनी वार्ड में आवास विकास परिषद के गुणवत्ता नियंत्रण कार्यालय को भी सील करा दिया.

अवध वन प्रभाग के दुबग्गा स्थित क्षेत्रीय वनाधिकारी कार्यालय पर 16 लाख रुपए बकाया दिखाकर सील कराया गया. लगभग तीन घंटे बाद नगर निगम ने इसकी सील खोल दी. मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि वन विभाग कार्यालय वन क्षेत्र में आता है. यह टैक्स से बाहर रहता है. इसीलिए इसकी सील खोल दी गयी. इसे टैक्स मुक्त किया जाएगा. इसके अलावा जोन एक में रानी लक्ष्मी बाई वार्ड, यदुनाथ सान्याल वार्ड में छह बकाएदारों के भवनों काे सील किया गया.

जोन-2 में एसके मेडिकल स्टोर पर कुल देय गृहकर बकाया 73,169 होने के साथ ही सात बकाएदारों के भवनों को सील कर दिया गया. जोन आठ में भी 7 प्रतिष्ठानों के खिलाफ कार्रवाई करने के अतिरिक्त निर्गत डिमाण्ड नोटिस के सापेक्ष 4.80 लाख गृहकर वसूल किया गया. गृहकर वसूली के अभियान के तहत कुल 5,26000 रुपए वसूल किए गए.

एक महीने में चोरी हो गया 27 लाख का डीजल-पेट्रोल : नगर निगम के आरआर विभाग व जोनल कार्यालयों में तैनात स्थायी व कार्यदायी संस्था के वाहन चालकों ने जनवरी माह में 27 लाख रुपए से अधिक की डीजल-पेट्रोल की चोरी कर ली. तेल चोरी की पूरी कहानी स्मार्ट सिटी के लगे ब्लैक बॉक्स के जीपीएस व वीटीएस में कैद हो गई है. अपर नगर आयुक्त व स्मार्ट सिटी प्रभारी पंकज सिंह ने आरआर विभाग के प्रभारी पीके सिंह को फटकार लगाते हुए चिन्हित किए गए वाहनों के चालकों के विरुद्घ प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं. जोनल अधिकारी व सेनेटरी इंस्पेक्टर अपने जोन के दोषी वाहन चालकों के विरुद्घ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे. आरआर विभाग के प्रभारी पीके सिंह को प्रतिदिन डीजल-पेट्रोल खर्च की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है. स्मार्ट सिटी में लगे ब्लैक बॉक्स के अनुसार 232 नगर निगम वाहनों से कुल 30 हजार 297 लीटर डीजल की चोरी दर्ज की गई है. निधार्रित दर के अनुसार 27 लाख 18 हजार 852 रुपए 78 पैसे की राजस्व की चोरी की गई है. डीजल की चोरी करने वाले समस्त 232 वाहन केन्द्रीय कार्यशाला आरआर विभाग से संचालित हो रहे हैं. तीन दिन के अन्दर आरआर प्रभारी को कार्रवाई करनी है.

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