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लखनऊ जेल में बंद मुख्तार के गुर्गे शकील की हुई मौत, ठगी का था मास्टर माइंड - लखनऊ की खबरें

माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे शकील हैदर की केजीएमयू में इलाज के दौरान मौत हो गई. शकील को हाई बीपी समेत कई बीमारियां थी.

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शकील हैदर
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Published : Sep 13, 2022, 10:56 PM IST

लखनऊ: बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे शकील हैदर की मंगलवार को देर शाम केजीएमयू में इलाज के दौरान मौत हो गई. उसे लखनऊ जेल से अस्पताल भर्ती कराया गया था. लखनऊ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी के मुताबिक बीते 11 जुलाई से शकील हैदर का इलाज केजीएमयू में चल रहा था. शकील को हाई बीपी समेत कई बीमारियां थी.

बता दें, कि करीब एक साल पहले 22 अगस्त 2021 को वजीरगंज पुलिस ने शकील को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उसके खिलाफ लखनऊ के वजीरगंज थाने 10 व अमेठी समेत कई जिलों में दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं. उसने जेहटा रोड स्थित पांच बीघे के प्लाट पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अमीनाबाद स्थित बैंक से 66 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इसके बाद उस प्लाट को 70 से 75 लोगों को बेचा था. इस बारे में जब खरीदारों को जानकारी हुई और उन्होंने विरोध किया, तो शकील और उसके गुर्गे उन्हें धमकाने लगे.

भाई से सीखे थे ठगी के तरीके
शकील पर महानगर कोतवाली में तैनात दारोगा समेत अन्य वादी मुकदमा को धमकी देने का भी आरोप था. इसके बाद शकील को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. शकील मूल रूप से गाजीपुर जिले का रहने वाला है और मुख्तार अंसारी का करीबी है. शकील का छोटा भाई रईस ग्रामीण बैंक में नौकरी करता था. बैंकिंग सिस्टम की बारीकियों को अपने भाई से समझने के बाद उसने बैंकों से लोन लेने का खेल शुरू किया था. इस अपने गृह जनपद गाजीपुर के भी कई व्यापारियों के पैसे रियल एस्टेट में निवेश करने के नाम पर गबन किया था.

पढ़ेंः सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष तिलक यादव की संपत्ति कुर्क, हत्या और गैंगरेप सहित 55 मामले हैं दर्ज

सीबीआई भी शकील के खिलाफ दर्ज कर चुकी थी FIR
सीबीआई ने भी शकील हैदर और उसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. आरोप था कि शकील ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर युनाइटेड बैंक आफ इंडिया (अब पंजाब नेशनल बैंक) से बैंक क्रेडिट लिमिट हासिल की और झूठे तथ्यों को दिखाकर बैंक की 43.17 करोड़ रुपये हड़प लिए.

सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के असिस्टेंट जनरल मैनेजर श्याम नारायण पांडेय की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया था. सीबीआई ने अपनी एफआइआर में शकील हैदर, उनकी कंपनी हिंद बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सैयद मेंहदी हसन, एजाज व अन्य सरकारी व निजी कर्मचारियों को आरोपित बनाया था.

पढ़ेंः आरटीओ ऑफिस के वरिष्ठ सहायक 7500 की रिश्वत के साथ गिरफ्तार

लखनऊ: बांदा जेल में बंद बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी के गुर्गे शकील हैदर की मंगलवार को देर शाम केजीएमयू में इलाज के दौरान मौत हो गई. उसे लखनऊ जेल से अस्पताल भर्ती कराया गया था. लखनऊ जेल अधीक्षक आशीष तिवारी के मुताबिक बीते 11 जुलाई से शकील हैदर का इलाज केजीएमयू में चल रहा था. शकील को हाई बीपी समेत कई बीमारियां थी.

बता दें, कि करीब एक साल पहले 22 अगस्त 2021 को वजीरगंज पुलिस ने शकील को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उसके खिलाफ लखनऊ के वजीरगंज थाने 10 व अमेठी समेत कई जिलों में दर्जनों मुकदमें दर्ज हैं. उसने जेहटा रोड स्थित पांच बीघे के प्लाट पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अमीनाबाद स्थित बैंक से 66 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. इसके बाद उस प्लाट को 70 से 75 लोगों को बेचा था. इस बारे में जब खरीदारों को जानकारी हुई और उन्होंने विरोध किया, तो शकील और उसके गुर्गे उन्हें धमकाने लगे.

भाई से सीखे थे ठगी के तरीके
शकील पर महानगर कोतवाली में तैनात दारोगा समेत अन्य वादी मुकदमा को धमकी देने का भी आरोप था. इसके बाद शकील को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. शकील मूल रूप से गाजीपुर जिले का रहने वाला है और मुख्तार अंसारी का करीबी है. शकील का छोटा भाई रईस ग्रामीण बैंक में नौकरी करता था. बैंकिंग सिस्टम की बारीकियों को अपने भाई से समझने के बाद उसने बैंकों से लोन लेने का खेल शुरू किया था. इस अपने गृह जनपद गाजीपुर के भी कई व्यापारियों के पैसे रियल एस्टेट में निवेश करने के नाम पर गबन किया था.

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सीबीआई भी शकील के खिलाफ दर्ज कर चुकी थी FIR
सीबीआई ने भी शकील हैदर और उसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. आरोप था कि शकील ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर युनाइटेड बैंक आफ इंडिया (अब पंजाब नेशनल बैंक) से बैंक क्रेडिट लिमिट हासिल की और झूठे तथ्यों को दिखाकर बैंक की 43.17 करोड़ रुपये हड़प लिए.

सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक के असिस्टेंट जनरल मैनेजर श्याम नारायण पांडेय की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया था. सीबीआई ने अपनी एफआइआर में शकील हैदर, उनकी कंपनी हिंद बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सैयद मेंहदी हसन, एजाज व अन्य सरकारी व निजी कर्मचारियों को आरोपित बनाया था.

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