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लक्ष्मीशंकर यादव हत्याकांड : 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट - लखनऊ ताजा समाचार

एमपी-एलएलए कोर्ट ने हत्याकांड के एक मामले में तत्कालीन एसएचओ समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.

लक्ष्मीशंकर यादव हत्याकांड
लक्ष्मीशंकर यादव हत्याकांड
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Published : Jul 29, 2021, 9:39 PM IST

लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने पूर्व विधायक व अभियुक्त पवन कुमार पांडेय से जुड़े एक आपराधिक मामले में गवाही के लिए कोर्ट न आने पर तत्कालीन एसएचओ समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने तत्कालीन एसएचओ वेदपाल सिंह, एसआई तेज बहादुर सिंह, राम चरण मौर्या, एसएसआई शिवप्रकाश सिंह, जगदीश, रामस्वरुप, शिवबालक यादव, प्रेम शर्मा, अख्तर हुसैन, अरविंद सिंह व कांस्टेबिल गिरीश शर्मा को 27 अगस्त को कोर्ट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है.


वर्ष 1995 का यह मामला राजधानी के बहुचर्चित लक्ष्मी शंकर यादव हत्याकांड से जुड़ा है. पवन पांडेय पर इस हत्याकांड के अभियुक्त अंगद यादव, सूरजपाल यादव व रमेश कालिया को शिवसेना कार्यालय, अम्बेडकर नगर में शरण देने का आरोप है. 20 फरवरी, 2020 को विशेष अदालत ने पवन कुमार पांडेय पर आईपीसी की धारा 216 के तहत आरोप तय किया था.



22 अक्टूबर, 1995 को इस मामले की एफआईआर विजय कुमार यादव ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक बसपा सरकार में राज्यमंत्री रहे अंगद यादव के साथ ही रमेश कालिया व सूरजपाल तथा अन्य लोग उनके घर में घुस गये. उस समय वादी के पिता लक्ष्मी शंकर यादव अंदर कमरे में थे. अंगद ने ललकारा कि मारो इसे बचने न पाए. इस पर उनके साथ आए लोगों ने गोलियां चलानी शुरु कर दी. पिताजी लहूलुहान होकर गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

इसे भी पढ़ें - तीन माह में भर दिए जाएंगे उपभोक्ता आयोगों के रिक्त पद: हाईकोर्ट में राज्य सरकार

लखनऊ : एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने पूर्व विधायक व अभियुक्त पवन कुमार पांडेय से जुड़े एक आपराधिक मामले में गवाही के लिए कोर्ट न आने पर तत्कालीन एसएचओ समेत 11 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने तत्कालीन एसएचओ वेदपाल सिंह, एसआई तेज बहादुर सिंह, राम चरण मौर्या, एसएसआई शिवप्रकाश सिंह, जगदीश, रामस्वरुप, शिवबालक यादव, प्रेम शर्मा, अख्तर हुसैन, अरविंद सिंह व कांस्टेबिल गिरीश शर्मा को 27 अगस्त को कोर्ट के समक्ष पेश करने का आदेश दिया है.


वर्ष 1995 का यह मामला राजधानी के बहुचर्चित लक्ष्मी शंकर यादव हत्याकांड से जुड़ा है. पवन पांडेय पर इस हत्याकांड के अभियुक्त अंगद यादव, सूरजपाल यादव व रमेश कालिया को शिवसेना कार्यालय, अम्बेडकर नगर में शरण देने का आरोप है. 20 फरवरी, 2020 को विशेष अदालत ने पवन कुमार पांडेय पर आईपीसी की धारा 216 के तहत आरोप तय किया था.



22 अक्टूबर, 1995 को इस मामले की एफआईआर विजय कुमार यादव ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक बसपा सरकार में राज्यमंत्री रहे अंगद यादव के साथ ही रमेश कालिया व सूरजपाल तथा अन्य लोग उनके घर में घुस गये. उस समय वादी के पिता लक्ष्मी शंकर यादव अंदर कमरे में थे. अंगद ने ललकारा कि मारो इसे बचने न पाए. इस पर उनके साथ आए लोगों ने गोलियां चलानी शुरु कर दी. पिताजी लहूलुहान होकर गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.

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