लखनऊ : यूपी के पॉलिटेक्निक संस्थानों में संचालित डिप्लोमा कोर्सेज की सीटें खाली होने से नाराज कॉलेज प्रबंधकों ने सोमवार को संयुक्त प्रवेश परीक्षा कार्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. कॉलेज प्रबंधन डायरेक्ट एडमिशन की प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर सचिव को ज्ञापन सौंपा. सचिव से मिलने पहुंचे कॉलेज प्रबंधकों का कहना था कि परिषद ने इस बार डायरेक्ट एडमिशन की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है. जिसके कारण कॉलेज में काउंसिलिंग के बाद खाली रह गए सीटों को भर नहीं जा सका है. जिससे उन्हें आर्थिक तौर पर काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में प्राविधिक शिक्षा परिषद जल्द से जल्द डायरेक्ट एडमिशन कराने की मंजूरी दे तो उनकी खाली सीटें भरी जा सके. इस संबंध में उन्होंने शासन से हस्तक्षेप करने की भी मांग की है.
संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद में प्रदेश के पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रवेश के लिए 6 राउंड की काउंसलिंग आयोजित कराई थी. 6 चरण की काउंसलिंग के बाद पूरे प्रदेश में करीब 69 फ़ीसदी सीटें खाली रह गई थी. प्राविधिक शिक्षा परिषद में इंजिनियरिंग ग्रुप में 1,22,887 सीटें एवं अन्य ग्रुप में 28,811 सीटों पर प्रवेश के लिए प्रक्रिया आयोजित की थी. इसमें एनआईसी ने करीब 47000 अभ्यर्थियों के प्रवेश लेने का डाटा परिषद को भेजा गया था.
जबकि प्रवेश परीक्षा में 1,59,352 अभ्यर्थी क्वालिफाइड हुए थे. सीटें खाली रहने के बाद अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद को दोबारा काउंसलिंग कराने की मंजूरी देने से भी मना कर दिया था. एआईसीटीई ने काउंसलिंग से पहले ही स्पष्ट निर्देश जारी किए थे कि 15 अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करा ले. लेकिन, प्रवेश नहीं हुए तो परिषद ने 29 सितंबर तक काउंसलिंग की अनुमति मांगी, जिस पर एआईसीटीई ने मंजूरी देने से साफ मना कर दिया है.
यूपी में पॉलिटेक्निक कॉलेज और छात्रों की संख्या:
- प्रदेश में कुल पॉलिटेक्निक कॉलेज की संख्या- 1430
- प्रदेश में गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज की संख्या-150
- प्रदेश में सेल्फ फाइनेंस पॉलिटेक्निक कॉलेज की संख्या- 1280
- पॉलिटेक्निक कॉलेज में इंजीनियरिंग विषय की कुल सीटें- 1,22,887
- पॉलिटेक्निक कॉलेज में अन्य विषयों की कुल सीटें- 28,811
- पॉलिटेक्निक कॉलेज में मौजूद कुल सीटों की संख्या- 1,51,698
- प्रवेश परीक्षा के बाद काउंसलिंग के लिए क्वालिफाइड हुए कुल छात्रों की संख्या- 1,59,352
दोहरी मार से परेशान रहे अभ्यर्थी: सीटें खाली रहने पर कॉलेज प्रबंधकों का कहना है कि पॉलिटेक्निक प्रवेश परीक्षा में इस बार शुरू से ही अभ्यर्थियों के लिए चुनौतीपूर्ण था. पहले तो परिषद ने प्रवेश परीक्षा के लिए एजेंसी का चुनाव करने में दो महीने से ज्यादा का समय लगा दिया. जिसके कारण प्रवेश परीक्षा अपने निर्धारित समय से काफी देरी से आयोजित कराई जा सकी. इसका असर यह हुआ की प्रवेश परीक्षा में विलंब होने के कारण अभ्यर्थियों का रुझान पॉलिटेक्निक से कम हो गया.
इसका असर प्रवेश परीक्षा पर साफ देखने को मिला पूरी आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रवेश के लिए पूरे प्रदेश से कुल 2,30,258 आवेदन ही प्राप्त हो सके. प्रवेश परीक्षा के बाद काउंसलिंग के लिए योग पाए गए अभ्यर्थियों की संख्या घटकर 1,59,352 ही रह गई. परिषद की ओर से इस बार तीन सामान्य और दो विशेष काउंसलिंग कराई. लेकिन, परिषद की लापरवाही के चलते तमाम सीटें खाली रह गई. ज्
सीटें खाली रहने के बाद परिषद ने बीते 11 से 15 सितंबर के बीच एक अन्य काउंसलिंग कराई, लेकिन अभ्यर्थियों की संख्या नहीं बढ़ी. पॉलिटेक्निक प्रबंधकों का कहना है कि काउंसलिंग में शामिल होने के बाद भी अभ्यर्थियों को फीस जमा करने का समय नहीं मिल रहा था. वहीं, परिषद ने अपनी इसी गलती को सुधारते हुए फॉर्मेसी काउंसलिंग में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को 15 दिनों का समय दिया है. तब तक काफी देरी हो चुका था.
फार्मेसी की सीटे खाली रहने पर 30 सितंबर तक आवेदन लिया गया: कॉलेज प्रबंधकों का कहना है कि पॉलिटेक्निक में डी फार्मा संस्थानों में प्रवेश के लिए पहले 25 सितंबर से काउंसलिंग शुरू होनी थी. प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से नई संस्थाओं को संबद्धता देने के का काम समय से पूरा नहीं हो सका. जिसके कारण संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद ने काउंसलिंग के लिए नई तिथि जारी कर दी. डीफार्मा में प्रवेश का इंतजार कर रहे हैं अभ्यर्थियों को 30 सितंबर से काउंसलिंग कराकर प्रवेश दिया जाने का निर्देश परिषद की ओर से जारी किया गया. इसका नतीजा यह रहा की नए संबद्धता फार्मेसी कॉलेज में प्रवेश के लिए 103952 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया.
इसमें से 73969 अभ्यर्थियों को ही काउंसलिंग में शामिल कराया जा सका. काउंसलिंग के समय पूरे प्रदेश में 849 संस्थानों में कुल 56 हजार 452 सीटें मौजूद थी. पर डीफार्मा के 493 नए फार्मेसी कॉलेज जोड़ने के कारण इनकी संख्या 1300 से ऊपर पहुंच गई और सिम करीब 86 हजार से अधिक हो गई. पर काउंसलिंग के लिए योग्य 73669 अभ्यर्थियों की संख्या निश्चित सीट से कम होने और फिर काउंसलिंग में काम छात्रों के आने के कारण कई फार्मेसी कॉलेज का खाता तक नहीं खुल पाया है वहाँ एक भी प्रवेश नहीं हो पाए. ऐसे में सभी कॉलेज सभी प्रवेश परीक्षा से डायरेक्ट ऐडमिशन शुरू करने की मांग कर रहे हैं.
संयुक्त प्रवेश परिषद के सचिव संजय कुमार श्रीवास्तव से मिलने पहुंचे कॉलेज प्रबंधकों का कहना था कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा सत्र 2024-25 मैं प्रवेश के लिए ऑनलाइन कंप्यूटर आधारित प्रवेश परीक्षा की डेट 16 से 22 मार्च तय कर दी है. जिसके लिए परिषद आवेदन प्रक्रिया 1 जनवरी से 29 फरवरी 2024 तक जारी करेगा. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि जहां परिषद नए शैक्षिक सत्र के लिए एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर रहा है. वहीं सत्र 2023-24 में कॉलेज की खाली पड़ी 60% से अधिक सीटों को भरने के लिए डायरेक्ट एडमिशन की मंजूरी नहीं दे रहा है. सत्र 2023-24 में 6 चरण की काउंसिलिंग के बाद भी प्रवेश सभी पॉलिटेक्निक में मुश्किल से 20 से 30% थी एडमिशन हुए. बाकी सभी सीटें खाली पड़ी हुई हैं.
अचानक से बीच में ही बदल दी प्रवेश प्रक्रिया : कॉलेज प्रबंधक वीरेंद्र कुमार पटेल का बताया कि इस साल हुए पॉलिटेक्निक के डिप्लोमा कोर्स में और फार्मेसी कोर्स में प्रवेश के लिए विभाग ने कुल 6 चरणों की काउंसिलिंग कराई गई थी. जिसमें तीन चरण में इंजीनियरिंग कोर्सों के लिए काउंसिलिंग थी. उसके बाद दो चरणों के लिए फार्मेसी की काउंसिलिंग कराई थी. इसके बाद एक चरण की काउंसिलिंग सभी के लिए आयोजित कराया था, पर कॉलेज को डायरेक्ट एडमिशन का मौका नहीं दिया था.
इन 6 चरण की काउंसिलिंग के बाद वह मुश्किल से 20% ही सीटें भर पाई थी. उन्होंने बताया कि कई कॉलेज तो ऐसे हैं जहां पर इक्का-दुक्का एडमिशन हुए हैं और करीब 10% कॉलेज ऐसे हैं. जहां पर जीरो एडमिशन है. कॉलेज प्रबंधन डॉ. शिशिर रस्तोगी ने बताया कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा ने 26 जून 2023 को अचानक से शासनादेश में बदलाव कर दिया और इसका नोटिफिकेशन 12 जुलाई 2023 को जारी किया.
इस नोटिफिकेशन में विभाग ने डायरेक्ट एडमिशन की प्रक्रिया को पॉलिटेक्निक से समाप्त कर दिया है. जबकि पॉलिटेक्निक के लिए आवेदन की प्रक्रिया मार्च 2023 से शुरू हुई थी. जब पॉलिटेक्निक में प्रवेश के लिए कॉलेजों ने प्रक्रिया शुरू की तो गांव-गांव में जाकर प्रचार प्रसार के दौरान काउंसिलिंग और डायरेक्ट एडमिशन के बारे में लोगों और बच्चों को बताया था. इसके बाद अचानक से जुलाई में नया शासनादेश लाकर विभाग ने डायरेक्ट एडमिशन पर रोक लगा दी. जिस कॉलेज में काउंसिलिंग के बाद भी सीटें नहीं भर पाई हैं.
कॉलेज को डायरेक्ट एडमिशन का भी विकल्प नहीं दिया जा रहा है. कॉलेज प्रबंधकों का कहना है कि एक तरफ प्राविधिक शिक्षा परिषद पॉलिटेक्निक में डायरेक्ट एडमिशन पर रोक लगा दी है वहीं दूसरी तरफ विभाग से ही संबंध डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय को डायरेक्ट एडमिशन के माध्यम से अपने इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज में प्रवेश का मौका दे रही है. ऐसे में विभाग के इस दोहरी रवैया से पॉलिटेक्निक कॉलेज काफी परेशान है.
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