लखनऊ: पिछले दिनों दुष्कर्म व महिला अपराधों को लेकर उत्तर प्रदेश काफी चर्चा में रहा. इसमें उन्नाव रेप कांड, मैनपुरी रेप कांड, शाहजहांपुर रेप कांड को लेकर योगी सरकार की खूब किरकिरी हुई. वहीं उत्तर प्रदेश के तमाम ऐसे बड़े राजनेता हैं, जिनपर महिला अपराध के मामले दर्ज हैं. इनमें से कई राजनेताओं के ऊपर आरोप सिद्ध हुए और उन्हें कोर्ट से सजा भी मिली. तो वहीं कई राजनेता ऐसे भी हैं, जिनके मामले कोर्ट में काफी समय से लंबित हैं.
इन राजनेताओं पर लगे आरोप के मामले हैं लंबित
गायत्री प्रजापति
समाजवादी सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति पर 16 वर्ष की एक लड़की ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. दुष्कर्म के आरोपों के बाद गायत्री प्रजापति की गिरफ्तारी हुई और गायत्री प्रजापति सलाखों के पीछे हैं. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई है. सीबीआई सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी के खिलाफ जांच कर रही है. सामूहिक दुष्कर्म के आरोप लगने के बाद गायत्री प्रजापति का कद समाजवादी पार्टी में भी कमजोर हो गया. न चाहते हुए भी समाजवादी पार्टी ने गायत्री प्रजापति से दूरियां बना लीं. गायत्री प्रसाद प्रजापति पर वर्ष 2017 में आरोप लगे थे, लेकिन अभी तक गायत्री प्रजापति को इस मामले में सजा नहीं सुनाई गई है.
कुलदीप सेंगर
नौकरी मांगने आई एक लड़की से रेप के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सलाखों के पीछे हैं. पीड़िता ने वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार करते हुए दुष्कर्म के गुनहगारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. इसके बाद हरकत में आई पुलिस ने जांच की और कुलदीप सिंह सेंगर को सलाखों के पीछे भेज दिया गया. सीबीआई पूरे मामले की जांच कर रही है. इसी बीच वर्ष 2019 में पीड़िता और उसके वकील का रोड एक्सीडेंट हुआ, जिसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए.
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भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर लगे आरोपों के लंबे समय बाद भाजपा ने कुलदीप सिंह सेंगर की सदस्यता निरस्त कर दी. 2 साल बाद अब, जब सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्धारित समय सीमा में फैसला देने का निर्देश सीबीआई कोर्ट को दिया है, जिसके बाद अब सीबीआई कोर्ट ने कुलदीप सिंह सिंगर पर फैसला सुरक्षित कर लिया है. 16 दिसंबर को कोर्ट कुलदीप सिंह सेंगर पर फैसला सुनाएगी.
चिन्मयानंद
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता चिन्मयानंद पर उन्हीं के कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा ने दुष्कर्म का आरोप लगाया. आरोपों से जुड़े हुए वीडियो भी सामने आए. हालांकि एसआईटी की जांच में चिन्मयानंद पर लगाए गए आरोपों के साथ-साथ इस बात का भी खुलासा हुआ कि चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली छात्रा ने चिन्मयानंद से रंगदारी मांगी थी. कार्रवाई करते हुए एसआईटी ने चिन्मयानंद सहित आरोप लगाने वाली छात्रा व उसके साथियों को भी गिरफ्तार किया. मामला कोर्ट में लंबित है.
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अतुल राय
उत्तर प्रदेश की घोसी लोकसभा सीट से सांसद अतुल राय पर कॉलेज की छात्रा ने अपहरण और रेप के आरोप लगाए थे. आरोपों पर जांच करते हुए पुलिस ने अतुल राय को सलाखों के पीछे भेज दिया है. जेल जाने से बचने के लिए अतुल राय ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगाने और रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने अतुल राय की याचिका खारिज कर दी है. वर्तमान में अतुल राय जेल के पीछे हैं. पीड़िता ने डीजीपी ओपी सिंह को पत्र लिखकर अतुल राय के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद अतुल राय पर कार्रवाई की गई. हालांकि अभी तक अतुल राय को सजा नहीं हुई है और यह मामला लंबित है.
अमनमणि त्रिपाठी
निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी पर अपनी पत्नी सारा की हत्या का आरोप लगा था. 9 जुलाई 2015 को अमनमणि की पत्नी सारा सिंह का शव फिरोजाबाद में हाईवे किनारे बरामद किया गया था. जहां एक ओर इस घटना को सड़क दुर्घटना बताया जा रहा था, तो वहीं दूसरी ओर सारा सिंह की मां सीमा सिंह ने इसे हत्या करार दिया था. 2015 में अमनमणि पर लगे आरोपों पर अभी तक फैसला नहीं हो सका है और अमनमणि जमानत पर बाहर हैं.
धनंजय सिंह
बाहुबली राजनेता धनंजय सिंह पर 5 नवंबर 2013 को अपनी नौकरानी की हत्या का आरोप लगा था. अभी तक धनंजय सिंह को इस मामले में सजा नहीं हो पाई है.
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इन राजनेताओं को हुई सजा
पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी
बांदा से पूर्व विधायक और बसपा नेता रहे पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी नौकरानी से रेप के मामले में जेल की सलाखों के पीछे हैं. कोर्ट ने उन्हें 10 साल की सजा दी है. पुरुषोत्तम द्विवेदी की नौकरानी ने पुरुषोत्तम द्विवेदी पर दुष्कर्म के आरोप लगाए थे, जिसके बाद कोर्ट ने धारा 376 के तहत उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई. पुरुषोत्तम द्विवेदी को सजा मिलने के बाद बसपा की खूब किरकिरी हुई थी.
आनंद सेन
बसपा सरकार में मंत्री रहे आनंद सेन रेप व हत्या मामले में सलाखों के पीछे हैं. 2011 में बहुचर्चित शशि हत्याकांड में फैजाबाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए माया सरकार के पूर्व मंत्री व तात्कालिक बसपा विधायक आनंद सेन को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई.
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अमरमणि त्रिपाठी
बाहुबली नेता अमरमणि त्रिपाठी जानी-मानी कवित्री मधुमिता हत्याकांड में सलाखों के पीछे हैं. कवित्री मधुमिता अमरमणि के बच्चे की मां बनने वाली थी, तभी गर्भ में 7 माह के बच्चे की अवस्था के दौरान अमरमणि के आदमियों ने कवित्री मधुमिता के मकान पर जाकर गोली मार दी. इस घटना के बाद अमरमणि व मधुमति के रिश्तों का खुलासा हुआ. कोर्ट ने इस घटना के बाद अमरमणि को रेप व हत्या की धाराओं में आजीवन कारावास की सजा दी. जिस समय यह घटना हुई अमरमणि बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे.
एक ओर जहां ज्यूडिशरी व पुलिस विभाग में अपने प्रभाव व रसूल के चलते समय पर राजनेताओं पर कार्रवाई नहीं हो पाती है. तो वही कोर्ट पर मुकदमों का अधिक दबाव होने के चलते भी राजनेताओं को फायदा मिलता है और समय पर इन पर कार्रवाई नहीं हो पाती है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत राजनेताओं पर सुनवाई के लिए दो फास्ट ट्रैक कोर्ट उत्तर प्रदेश में बनाई गई थीं, लेकिन इन कोर्ट में मुकदमों की प्राथमिकता तय न हो पाने के चलते रेप व महिला दुष्कर्म जैसे अपराधों में राजनेता लंबे समय तक मामले को खींचने में कामयाब हो जाते हैं. रेप व दुष्कर्म मामले में एविडेंस उठाने में भी लंबा समय लगता है.