लखनऊ: अल्पसंख्यकों को लेकर सरकार ने कई योजनाओं का एलान किया है. दोबारा सरकार बनने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों और छात्राओं को शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ावा देने के मकसद से सरकार ने 5 करोड़ बच्चों को स्कॉलरशिप दिए जाने की भी घोषणा की है. छात्राओं का कहना है कि स्कॉलरशिप योजना का लाभ बहुत कम ही बच्चों को मिल पाता है और ज्यादातर मायूसी हाथ लगती है. छात्राओं ने इस बार पीएम मोदी से उम्मीद जताते हुए फार्म भरने वाले सभी बच्चों को स्कॉलरशिप दिए जाने की मांग की है.
- केंद्र सरकार ने हर साल 1 करोड़ और अपने कार्यकाल के दौरान कुल 5 करोड़ छात्रों और छात्राओं को स्कॉलरशिप देने का एलान किया था.
- स्कॉलरशिप के लिए आवेदन का दौर भी शुरू हो गया है.
- आवदेन करने वाली छात्राएं बताती है कि हर साल आवेदन करने के बावजूद भी स्कॉलरशिप उन तक नहीं पहुंच पाता है.
- छात्राओं ने कहा फार्म भरने से लेकर तमाम सर्टिफिकेट बनवाने में दुश्वारियों के साथ काफी पैसा भी खर्च होता है.
- ऐसे में छात्रवृत्ति नहीं मिलने से निराशा हाथ लगती है.
- इस बार पीएम मोदी से छात्राओं को काफी उम्मीदे हैं, जिसके कारण छात्र-छात्राएं बढ़-चढ़कर आवेदन कर रहे हैं.
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अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के तहत दी जाने वाली यह स्कॉलरशिप प्री मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम मींस के तहत दी जानी है, जिसमें प्री मैट्रिक के छात्र और छात्राएं 15 अक्टूबर तक वहीं पोस्ट मैट्रिक और मेरिट कम मींस छात्रवृत्ति के लिए छात्र 31अक्टूबर तक आवेदन कर सकते हैं. इसमें मुस्लिम छात्र-छात्राएं भी केंद्र सरकार की ओर से दी जाने वाली इस स्कोलरशिप में बढ़-चढ़कर आवेदन करते नजर आ रहे हैं.