लखनऊ : गोमती नगर स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) को लेकर सियासी हलचल एक बार फिर तेज हो गई है. विधानसभा में बजट सत्र के दौरान लखनऊ मध्य के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने सवाल उठाया कि आखिर जेपीएनआईसी कब खुलेगा और इसके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? इस पर सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि 'काम पूरा होने के बाद ही सेंटर खोला जाएगा'.
विधायक रविदास मेहरोत्रा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने पिछले आठ वर्षों में जेपीएनआईसी को शुरू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. उन्होंने कहा कि जब भी इस मुद्दे पर सरकार से सवाल किया गया तो जवाब मिला कि 'बजट की कमी के कारण काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है'.
मूर्ति बनवाकर किया था माल्यार्पण : बता दें कि जेपीएनआईसी को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष कई बार भाजपा सरकार पर निशाना साध चुके हैं. 11 अक्टूबर 2024 को जय प्रकाश नारायण की जयंती पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जेपीएनआईसी पहुंचे थे, लेकिन वहां भारी पुलिस बल तैनात था और गेट पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी, जिसके चलते वे जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण नहीं कर सके. इसके विरोध में अखिलेश यादव ने अपने आवास के बाहर जय प्रकाश नारायण की मूर्ति बनवाकर वहां माल्यार्पण किया था.
2017 में जांच के आदेश : बता दें कि जेपीएनआईसी की अनुमानित लागत 864 करोड़ रुपये थी. इसे इंडिया हैबिटेट सेंटर की तर्ज पर बनाया गया था और निर्माण कार्य एक निजी कंपनी ने किया था, लेकिन 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दिए गए. लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने इस परियोजना में भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर जांच शुरू की थी.
8 साल से बंद है जेपीएनआईसी : समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान जेपीएनआईसी का निर्माण शुरू हुआ था, जिसमें जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा, संग्रहालय, रिसर्च सेंटर, गेस्ट हाउस, ऑल वेदर स्विमिंग पूल, हेलीपैड, बैडमिंटन कोर्ट और लॉन टेनिस की सुविधाएं शामिल हैं, लेकिन 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट पर काम रुक गया.
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