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तो क्या 7 साल का होगा योगी सरकार का कार्यकाल ! - देश में एक साथ होंगे चुनाव

वन नेशन-वन इलेक्शन प्रोग्राम के तहत अगर देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते हैं तो प्रदेश की योगी सरकार को बड़ा फायदा होने वाला है. योगी सरकार के कार्यकाल में दो साल की बढ़ोतरी हो जाएगी.

सीएम योगी (फाइल फोटो).
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Published : Jun 18, 2019, 5:51 PM IST

लखनऊ: जिस वन नेशन-वन इलेक्शन प्रोग्राम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के साथ चर्चा करने जा रहे हैं, अगर उस पर आम सहमति बनी तो प्रदेश समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव 2024 में लोकसभा के साथ होंगे. ऐसे में यूपी की योगी सरकार को सात साल तक काम करने का मौका मिल सकेगा.

वन नेशन-वन इलेक्शन मसौदे की जानकारी देते सिद्धार्थनाथ सिंह.

वन नेशन-वन इलेक्शन का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी के चेयरमैन योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह हैं. कमेटी में भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शर्मा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुज कुमार विश्नोई, लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान, सेवानिवृत्त जिला जज विजय वर्मा, उत्तर प्रदेश सरकार के सेवानिवृत्त विशेष सचिव विधि मनोहर लाल और राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ के एसोसिएट प्रोफेसर एसके तिवारी सदस्य रहे हैं.

टल सकते हैं कई राज्यों का चुनाव

इस कमेटी ने 31 दिसंबर 2021 को कट ऑफ डेट घोषित करने का सुझाव दिया है. यानी इस तारीख के बाद जिन भी राज्यों में विधानसभा के चुनाव होंगे, वहां पर 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. अगर ऐसा होता है तो 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव भी टालने पड़ेंगे. इस तरह से योगी सरकार को सात साल तक काम करने का मौका मिल सकेगा.

त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति पर कमेटी ने बनाया प्लान

सिद्धार्थनाथ सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन प्रोग्राम से देश की जनता को बड़ा फायदा मिलेगा. इलेक्शन पर होने वाले भारी भरकम खर्च को कम किया जा सकेगा. इससे जो सरकारी राजस्व बचेगा, वह विकास कार्यों में इस्तेमाल हो सकेगा. उन्होंने यह भी बताया कि त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में भी कमेटी ने विचार किया है. ऐसा होने पर लोकसभा के चुनाव तो दोबारा कराए जा सकते हैं, लेकिन विधानसभा के चुनाव दोबारा नहीं होंगी.

लखनऊ: जिस वन नेशन-वन इलेक्शन प्रोग्राम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के साथ चर्चा करने जा रहे हैं, अगर उस पर आम सहमति बनी तो प्रदेश समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव 2024 में लोकसभा के साथ होंगे. ऐसे में यूपी की योगी सरकार को सात साल तक काम करने का मौका मिल सकेगा.

वन नेशन-वन इलेक्शन मसौदे की जानकारी देते सिद्धार्थनाथ सिंह.

वन नेशन-वन इलेक्शन का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी के चेयरमैन योगी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह हैं. कमेटी में भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शर्मा, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुज कुमार विश्नोई, लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान, सेवानिवृत्त जिला जज विजय वर्मा, उत्तर प्रदेश सरकार के सेवानिवृत्त विशेष सचिव विधि मनोहर लाल और राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ के एसोसिएट प्रोफेसर एसके तिवारी सदस्य रहे हैं.

टल सकते हैं कई राज्यों का चुनाव

इस कमेटी ने 31 दिसंबर 2021 को कट ऑफ डेट घोषित करने का सुझाव दिया है. यानी इस तारीख के बाद जिन भी राज्यों में विधानसभा के चुनाव होंगे, वहां पर 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. अगर ऐसा होता है तो 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव भी टालने पड़ेंगे. इस तरह से योगी सरकार को सात साल तक काम करने का मौका मिल सकेगा.

त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति पर कमेटी ने बनाया प्लान

सिद्धार्थनाथ सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन प्रोग्राम से देश की जनता को बड़ा फायदा मिलेगा. इलेक्शन पर होने वाले भारी भरकम खर्च को कम किया जा सकेगा. इससे जो सरकारी राजस्व बचेगा, वह विकास कार्यों में इस्तेमाल हो सकेगा. उन्होंने यह भी बताया कि त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में भी कमेटी ने विचार किया है. ऐसा होने पर लोकसभा के चुनाव तो दोबारा कराए जा सकते हैं, लेकिन विधानसभा के चुनाव दोबारा नहीं होंगी.

Intro:लखनऊ. जिस वन नेशन -वन इलेक्शन प्रोग्राम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के साथ चर्चा करने जा रहे हैं अगर आम सहमति बनी तो उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव 2024 में लोकसभा के साथ ही होंगे ऐसे में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को 7 साल तक काम करने का मौका मिल सकेगा.


Body:वन नेशन वन इलेक्शन का मसौदा तैयार करने वाली कमेटी के चेयरमैन प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह रहे हैं. इस कमेटी में भारत सरकार के पूर्व सचिव विजय शर्मा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुज कुमार विश्नोई लखनऊ स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बलराज चौहान सेवानिवृत्त जिला जज विजय वर्मा उत्तर प्रदेश सरकार के सेवानिवृत्त विशेष सचिव विधि मनोहर लाल और राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ के एसोसिएट प्रोफ़ेसर एसके तिवारी सदस्य रहे हैं. इस कमेटी ने 31 दिसंबर 2021 को कट ऑफ डेट घोषित करने का सुझाव दिया है यानी इस तारीख के बाद जिन भी राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं वह 2024 में लोकसभा चुनाव के साथ ही कराए जाएं अगर ऐसा होता है तो उत्तर प्रदेश विधानसभा के 2022 में होने वाले चुनाव भी टालने पड़ेंगे। तब प्रदेश की योगी सरकार को 7 साल तक काम करने का मौका मिल सकेगा।

बाइट /सिद्धार्थ नाथ सिंह, प्रस्ताव कमेटी के चेयरमैन ,प्रदेश सरकार के मंत्री


Conclusion:प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा की वन नेशन वन इलेक्शन प्रोग्राम से देश की जनता को बड़ा फायदा मिलेगा इलेक्शन पर होने वाले भारी भरकम खर्च को कम किया जा सकेगा इससे जो सरकारी राजस्व बचेगा वह विकास कार्यो में इस्तेमाल हो सकेगा। उन्होंने यह भी बताया कि त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में भी कमेटी ने विचार किया है। ऐसा होने पर लोकसभा के चुनाव तो दोबारा कराए जा सकते हैं लेकिन विधानसभा के चुनाव दोबारा नहीं होंगे।

पीटीसी अखिलेश तिवारी
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