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लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत, जनता परेशान

राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में लॉकडाउन की वजह से रोजमर्रा की दवाइयों की किल्लत होने लगी है. जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पेरासिटामोल से लेकर एज़िथ्रोमाइसिन जैसी दवाइयां भी काफी जद्दोजहद के बाद ही मिल पा रही हैं.

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Published : May 6, 2021, 5:57 PM IST

लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत
लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत

लखनऊ: महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला लेते हुए लॉकडाउन को बढ़ा दिया है. वहीं बढ़े हुए लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में आम दवाइयों की किल्लत होने लगी है. लोगों को पेरासिटामोल से लेकर एज़िथ्रोमाइसिन तक आसानी से नहीं मिल पा रही है. लोग एक मेडिकल स्टोर से दूसरे मेडिकल स्टोर पर भटकने को मजबूर हो रहे हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत.

ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं मिल पा रही रोजमर्रा की दवाइयां
महामारी के इस दौर में जहां लोगों को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और महामारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के मिलने में समस्या हो रही थी. वहीं अब दूसरी ओर राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में आम दवाइयों की भी किल्लत होने लगी है. ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले निगोहा कस्बे पहुंची. जहां मेडिकल स्टोर के बाहर लाइन में लगे लोगों ने बताया कि वह ब्लड प्रेशर और सर्दी जुखाम जैसी आम दवाइयों के लिए भी एक मेडिकल स्टोर से दूसरे मेडिकल स्टोर भटक रहे हैं. लेकिन उन्हें दवाइयां नहीं मिल पा रही है. वहीं मेडिकल स्टोर पर दवाइयां न मिल पाने से उन्हें लगभग 35 से 40 किलोमीटर का सफर तय कर दूसरे क्षेत्र में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है.

कालाबाजारी की वजह से बढ़ गए दाम
वहीं मेडिकल स्टोर के संचालकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से मेडिकल मार्केट पूरी तरह से नहीं खुल रही है और डिमांड भी बढ़ जाने की वजह से सप्लाई में यह अंतर आया है. जिसकी वजह से रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली आम दवाइयां जैसे पेरासिटामोल, एज़िथ्रोमाइसिन और एंटीबायोटिक्स भी नहीं उपलब्ध हो पा रही हैं. वहीं मेडिकल स्टोर के संचालकों का कहना है कि कालाबाजारी करने वाले लोगों की वजह से भी सप्लाई में यह अंतर देखने को मिल रहा है. साथ ही साथ दवाइयों के रेट भी कालाबाजारी की वजह से काफी बढ़ गए हैं.

लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत
लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत

इसे भी पढ़ें-कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों का हाल चाल न मिलने से परिजन परेशान

लॉकडाउन लगने व दवाइयों की कालाबाजारी की वजह से राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में आम दवाइयों की भी अब किल्लत होने लगी है. लोगों को दवाइयां खरीदने के लिए दर दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं अब देखने वाली बात होगी कि ग्रामीण जनता को दवाइयों की किल्लत से कब राहत मिल पाती है.

लखनऊ: महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अहम फैसला लेते हुए लॉकडाउन को बढ़ा दिया है. वहीं बढ़े हुए लॉकडाउन की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में आम दवाइयों की किल्लत होने लगी है. लोगों को पेरासिटामोल से लेकर एज़िथ्रोमाइसिन तक आसानी से नहीं मिल पा रही है. लोग एक मेडिकल स्टोर से दूसरे मेडिकल स्टोर पर भटकने को मजबूर हो रहे हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत.

ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं मिल पा रही रोजमर्रा की दवाइयां
महामारी के इस दौर में जहां लोगों को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और महामारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के मिलने में समस्या हो रही थी. वहीं अब दूसरी ओर राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में आम दवाइयों की भी किल्लत होने लगी है. ईटीवी भारत की टीम राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले निगोहा कस्बे पहुंची. जहां मेडिकल स्टोर के बाहर लाइन में लगे लोगों ने बताया कि वह ब्लड प्रेशर और सर्दी जुखाम जैसी आम दवाइयों के लिए भी एक मेडिकल स्टोर से दूसरे मेडिकल स्टोर भटक रहे हैं. लेकिन उन्हें दवाइयां नहीं मिल पा रही है. वहीं मेडिकल स्टोर पर दवाइयां न मिल पाने से उन्हें लगभग 35 से 40 किलोमीटर का सफर तय कर दूसरे क्षेत्र में जाने को मजबूर होना पड़ रहा है.

कालाबाजारी की वजह से बढ़ गए दाम
वहीं मेडिकल स्टोर के संचालकों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से मेडिकल मार्केट पूरी तरह से नहीं खुल रही है और डिमांड भी बढ़ जाने की वजह से सप्लाई में यह अंतर आया है. जिसकी वजह से रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल होने वाली आम दवाइयां जैसे पेरासिटामोल, एज़िथ्रोमाइसिन और एंटीबायोटिक्स भी नहीं उपलब्ध हो पा रही हैं. वहीं मेडिकल स्टोर के संचालकों का कहना है कि कालाबाजारी करने वाले लोगों की वजह से भी सप्लाई में यह अंतर देखने को मिल रहा है. साथ ही साथ दवाइयों के रेट भी कालाबाजारी की वजह से काफी बढ़ गए हैं.

लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत
लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्रों में दवाइयों की किल्लत

इसे भी पढ़ें-कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों का हाल चाल न मिलने से परिजन परेशान

लॉकडाउन लगने व दवाइयों की कालाबाजारी की वजह से राजधानी लखनऊ के ग्रामीण क्षेत्र में आम दवाइयों की भी अब किल्लत होने लगी है. लोगों को दवाइयां खरीदने के लिए दर दर भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं अब देखने वाली बात होगी कि ग्रामीण जनता को दवाइयों की किल्लत से कब राहत मिल पाती है.

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