प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज जिला न्यायालय में गत 29 अप्रैल की घटना पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की रिपोर्ट पर लंबित आपराधिक अवमानना मामले में मुख्य दो वकीलों रणविजय सिंह व मोहम्मद आसिफ के अलावा अन्य सभी अधिवक्ताओं को अवमानना कार्यवाही से बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि 10 वकीलों को नोटिस जारी किया गया था लेकिन किसी के खिलाफ घटना में शामिल होने का कोई साक्ष्य नहीं दिया गया. इनमें कुछ विवाह समारोह या अन्य निजी कार्य के कारण शहर से बाहर थे.
संजीव सिंह व ऋतेश श्रीवास्तव हाईकोर्ट में वकालत करते हैं और सीसीटीवी फुटेज व पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट में दो वकीलों की ही पहचान की गई है. पुलिस की चार्जशीट पर अदालत ने संज्ञान भी ले लिया है. ऐसे में दो को छोड़कर अन्य को अवमानना कार्यवाही से अवमुक्त कर दिया गया. यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ ने आपराधिक अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए दिया है. इस मामले में शुरुआत में रणविजय सिंह व मोहम्मद आसिफ को अवमानना नोटिस दिया गया था.
बाद में जिला जज की रिपोर्ट पर दस वकीलों को नोटिस जारी किया गया. कुछ को नोटिस गलत चला गया. उन्होंने आपत्ति की. जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद मिश्र रज्जू ने भी कहा कि लोगों के बताने पर नाम लिए थे. हलफनामा भी दाखिल किया. इस पर 10 वकीलों के खिलाफ दस महीने से चल रही अवमानना कार्यवाही समाप्त कर दी गई.
ये भी पढ़ें- लोन में अनियमितता के आरोपी सीनियर बैंक मैनेजर की गिरफ्तारी पर रोक