लखनऊः लखनऊ नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में महापौर संयुक्ता भाटिया ने सामान्य/कमर्शियल गृहकर रिवाइज न करने का फैसला लिया गया है. कोरोना काल से प्रभावित जनता और व्यापारियों को महापौर ने बड़ी राहत दी है. खास बात ये है कि महापौर संयुक्ता भाटिया के कार्यकाल में जनता पर टैक्स का कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया. लखनऊ नगर निगम कार्यकारिणी में बजट को लेकर अभी चर्चा जारी है. ऐसे में कई अहम फैसले होने की उम्मीद और जताई जा रही है.
महापौर संयुक्ता भाटिया (Mayor Sanyukta Bhatia) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कोरोना की वजह से व्यापारी से लेकर आम जनता तक परेशान रही है. ऐसे में अतिरिक्त टैक्स न डालकर उन्हें राहत देने का फैसला लिया गया है.
आपको बता दें कि बीते कुछ समय से लगातार हाउस टैक्स को बढ़ाने को लेकर चर्चाएं चल रही थी. हालांकि मौजूदा सदन का कार्यकाल 6 महीने के बाद पूरा होने जा रहा है. ऐसे में इसे लागू करने की संभावनाओं पर पहले ही आशंका जताई जा रही थी.
नगर निगम कार्यकारिणी चुनाव में फैजुल्लागंज चतुर्थ वार्ड से पार्षद प्रदीप शुक्ला सर्वसम्मति से कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष चुने गये. पार्षद श्रवण नायक ने प्रदीप शुक्ला के नाम का प्रस्ताव प्रस्तुत किया. जिसका समस्त बीजेपी पार्षदों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया. इस चुनाव में समाजवादी पार्टी की ओर से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा गया था. महापौर संयुक्ता भाटिया नगर आयुक्त और सदस्यों ने प्रदीप शुक्ला को बधाई दी.
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उत्तर प्रदेश में नगर निगम और नगर निकाय चुनाव 6 महीने के बाद होने हैं. ऐसे में लखनऊ नगर निगम में चल रही इस बैठक में कई लोकलुभावन फैसले होने की उम्मीद जताई जा रही है. जानकारों के मुताबिक इसमें बीते कुछ सालों से रुके हुए कई विकास कार्यों को लेकर चर्चा होने के साथ ही उन पर मुहर लगाये जाने की उम्मीद है.