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DRDO के कोविड अस्पताल में 85 फीसदी बेड खाली, दर-दर भटक रहे मरीज - लखनऊ डीआरडीओ अस्पताल

राजधानी लखनऊ में कोविड कमांड सेंटर की अव्यवस्था के चलते लोगों को इलाज नहीं मिल पा रहा है. वहीं, अवध शिल्प ग्राम में बने डीआरडीओ के 505 बेड के कोविड अस्पताल में बड़ी संख्या में बेड खाली पड़े हैं.

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डीआरडीओ अस्पताल में भर्ती होने में कमांड सेंटर बना रोड़ा
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Published : May 7, 2021, 7:36 PM IST

लखनऊ: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड मरीजों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने के लिए मिशन मोड पर डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) की मदद से कोविड अस्पताल तैयार कराया. अवध शिल्पग्राम स्थित इस अस्पताल में 505 बेड की क्षमता है. इसका उद्घाटन बुधवार को सीएम योगी ने किया, लेकिन सीएमओ का कोविड कमांड सेंटर शासन प्रशासन की मंशा पर पानी फेर रहा है.

कमांड सेंटर की अव्यवस्था के कारण अब भी 85 फीसद बेड खाली
आलम यह है शहर के अस्पतालों में बेड के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं, लेकिन डीआरडीओ के अस्पताल में बेड खाली हैं और मरीज भर्ती नहीं हो पा रहे हैं. अस्पताल के बाहर तीमारदार अपने परिजनों की भर्ती के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं, लेकिन यहां मरीजों को तब भर्ती किया जा रहा है, जब कोविड कमांड सेंटर की तरफ से रेफर किया गया हो.

इस तरह कोविड कमांड सेंटर की वजह से अस्पताल के होने का फायदा मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. इस अस्पताल में अभी भी करीब 85 फीसद बेड खाली हैं. कोविड कमांड सेंटर के फोन नंबर 05224523000 पर लोग फोन करते हैं, उन्हें आश्वासन भी दिया जाता है, लेकिन दोबारा पलट कर उन्हें कुछ भी नहीं बताया जाता. कोविड कमांड सेंटर की अव्यवस्था के चलते लोग जान से हाथ धो रहे हैं. कमांड सेंटर गंभीर मरीजों को यहां भेजने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है.

इसे भी पढ़ें : अस्पताल में मरीज की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप

अब तक भर्ती हुए सिर्फ इतने मरीज
बुधवार को सीएम योगी ने 505 बेड की क्षमता वाले डीआरडीओ के इस अस्पताल का उद्घाटन किया. शुक्रवार तक अस्पताल में 250 कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाना था. इनमें 150 आईसीयू और 100 ऑक्सीजन वाले जनरल वार्ड के बेड पर सेना ने बुधवार शाम से ही भर्ती शुरू कर दी थी. बुधवार की रात में अस्पताल में भर्ती होने के लिए कुल 11 मरीज ही पहुंचे. गुरुवार दोपहर तक ये आंकड़ा सिर्फ 22 मरीजों तक ही पहुंचा, जबकि गुरुवार शाम तक डीआरडीओ के इस अस्पताल में सिर्फ 42 मरीजों की ही भर्ती हो पाई. इन मरीजों में 26 को आईसीयू में जगह मिली तो एक वेंटिलेटर और 15 मरीज ऑक्सीजन वार्ड में भर्ती किए गए. शनिवार सुबह तक अस्पताल के पास भर्ती मरीजों का आंकड़ा नहीं है. शहर में कोरोना फैल रहा है, लेकिन अस्पताल में मरीजों को भर्ती कराने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. इससे मरीज और तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बजते रहते हैं फोन, नहीं हो पाती मदद
मरीजों को भर्ती कराने की सुविधा के लिए डीआरडीओ अस्पताल में हेल्पलाइन की व्यवस्था की गई है. यहां पर भर्ती कराने के लिए लगातार फोन घनघनाते रहते हैं, लेकिन कोविड कमांड सेंटर भर्ती कराने में रोड़ा बन जाता है. हेल्पलाइन पर तैनात रजिस्ट्रार कर्नल समीर मेहरोत्रा के फोन (9519109283) पर हर दिन सैकड़ों लोग कॉल करते हैं. इसके अलावा हेल्प डेस्क के नंबर (95191092399) और (9519109240) पर भी दिन भर फोन आते रहते हैं.

लखनऊ: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कोविड मरीजों को तत्काल राहत उपलब्ध कराने के लिए मिशन मोड पर डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) की मदद से कोविड अस्पताल तैयार कराया. अवध शिल्पग्राम स्थित इस अस्पताल में 505 बेड की क्षमता है. इसका उद्घाटन बुधवार को सीएम योगी ने किया, लेकिन सीएमओ का कोविड कमांड सेंटर शासन प्रशासन की मंशा पर पानी फेर रहा है.

कमांड सेंटर की अव्यवस्था के कारण अब भी 85 फीसद बेड खाली
आलम यह है शहर के अस्पतालों में बेड के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं, लेकिन डीआरडीओ के अस्पताल में बेड खाली हैं और मरीज भर्ती नहीं हो पा रहे हैं. अस्पताल के बाहर तीमारदार अपने परिजनों की भर्ती के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं, लेकिन यहां मरीजों को तब भर्ती किया जा रहा है, जब कोविड कमांड सेंटर की तरफ से रेफर किया गया हो.

इस तरह कोविड कमांड सेंटर की वजह से अस्पताल के होने का फायदा मरीजों को नहीं मिल पा रहा है. इस अस्पताल में अभी भी करीब 85 फीसद बेड खाली हैं. कोविड कमांड सेंटर के फोन नंबर 05224523000 पर लोग फोन करते हैं, उन्हें आश्वासन भी दिया जाता है, लेकिन दोबारा पलट कर उन्हें कुछ भी नहीं बताया जाता. कोविड कमांड सेंटर की अव्यवस्था के चलते लोग जान से हाथ धो रहे हैं. कमांड सेंटर गंभीर मरीजों को यहां भेजने में पूरी तरह असफल साबित हो रहा है.

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अब तक भर्ती हुए सिर्फ इतने मरीज
बुधवार को सीएम योगी ने 505 बेड की क्षमता वाले डीआरडीओ के इस अस्पताल का उद्घाटन किया. शुक्रवार तक अस्पताल में 250 कोरोना मरीजों को भर्ती किया जाना था. इनमें 150 आईसीयू और 100 ऑक्सीजन वाले जनरल वार्ड के बेड पर सेना ने बुधवार शाम से ही भर्ती शुरू कर दी थी. बुधवार की रात में अस्पताल में भर्ती होने के लिए कुल 11 मरीज ही पहुंचे. गुरुवार दोपहर तक ये आंकड़ा सिर्फ 22 मरीजों तक ही पहुंचा, जबकि गुरुवार शाम तक डीआरडीओ के इस अस्पताल में सिर्फ 42 मरीजों की ही भर्ती हो पाई. इन मरीजों में 26 को आईसीयू में जगह मिली तो एक वेंटिलेटर और 15 मरीज ऑक्सीजन वार्ड में भर्ती किए गए. शनिवार सुबह तक अस्पताल के पास भर्ती मरीजों का आंकड़ा नहीं है. शहर में कोरोना फैल रहा है, लेकिन अस्पताल में मरीजों को भर्ती कराने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है. इससे मरीज और तीमारदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बजते रहते हैं फोन, नहीं हो पाती मदद
मरीजों को भर्ती कराने की सुविधा के लिए डीआरडीओ अस्पताल में हेल्पलाइन की व्यवस्था की गई है. यहां पर भर्ती कराने के लिए लगातार फोन घनघनाते रहते हैं, लेकिन कोविड कमांड सेंटर भर्ती कराने में रोड़ा बन जाता है. हेल्पलाइन पर तैनात रजिस्ट्रार कर्नल समीर मेहरोत्रा के फोन (9519109283) पर हर दिन सैकड़ों लोग कॉल करते हैं. इसके अलावा हेल्प डेस्क के नंबर (95191092399) और (9519109240) पर भी दिन भर फोन आते रहते हैं.

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