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अस्पताल की लापरवाही से टॉयलेट में गिरकर बुजुर्ग की हुई मौत - Patient dies after falling in toilet

उत्तर प्रदेश के राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में एक बुजुर्ग मरीज की टॉयलेट में गिर कर मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि हालत गंभीर होने के बावजूद उन्हें यूरिन बैग नहीं दिया गया. साथ ही अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से ही मरीज की मौत हुई है.

बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत
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Published : Sep 17, 2019, 10:37 AM IST

लखनऊ : राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में एक बार फिर से बलरामपुर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. दरअसल एक वृद्ध मरीज को सांस में ले लेने में दिक्कत होने के बाद उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां पर बुजुर्ग मरीज पेशाब के लिए बाशरूम गए तो वहां पर उनकी गिरकर मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की हालत पहले से ही गंभीर थी. चक्कर आने से वह गिर गए और उनकी मौत हो गई है.

बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत

क्या है पूरा मामला

  • बलरामपुर अस्पताल के वार्ड नंबर दो के माधवराम को सांस में लेने की दिक्कत थी.
  • इस पर उनके परिजनों ने बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया था.
  • मृतक बुजुर्ग को वार्ड नंबर 2 में शिफ्ट किया गया था. दोपहर में पेशाब के लिए बाथरुम गए हुए थे वहां उनकी गिरकर मौत हो गई.
  • इस दौरान उनका कोई भी अटेंडेंट, वार्ड बॉय, सिस्टर तक मौजूद नहीं थी.
  • तबीयत गंभीर होने के बावजूद भी यूरिन बैग की सुविधा भी नहीं दी गई थी.
  • बुजुर्ग खुद ही बाथरूम उठकर चले गए जहां पर वह गिर गए और 10 मिनट तक बाथरूम में पड़े रहे.
  • मरीज का बेटा जगदीश प्रसाद जब वहां पहुंचा तो पिता को उठा कर बेड पर लिटाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
  • घटना से नाराज मरीजों के तीमारदारों ने डॉक्टरों व स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया.

सांस में तकलीफ के बाद 2 दिन पहले मरीज को भर्ती कराया था. मरीज की हालत गंभीर होने के बाद भी उन्हें यूरिन बैग तक नहीं लगाया गया.

जगदीश प्रसाद, मृतक के परिजन

लखनऊ : राजधानी के बलरामपुर अस्पताल में एक बार फिर से बलरामपुर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है. दरअसल एक वृद्ध मरीज को सांस में ले लेने में दिक्कत होने के बाद उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां पर बुजुर्ग मरीज पेशाब के लिए बाशरूम गए तो वहां पर उनकी गिरकर मौत हो गई. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. वहीं डॉक्टरों का कहना है कि मरीज की हालत पहले से ही गंभीर थी. चक्कर आने से वह गिर गए और उनकी मौत हो गई है.

बलरामपुर अस्पताल में मरीज की मौत

क्या है पूरा मामला

  • बलरामपुर अस्पताल के वार्ड नंबर दो के माधवराम को सांस में लेने की दिक्कत थी.
  • इस पर उनके परिजनों ने बलरामपुर अस्पताल के इमरजेंसी में भर्ती कराया था.
  • मृतक बुजुर्ग को वार्ड नंबर 2 में शिफ्ट किया गया था. दोपहर में पेशाब के लिए बाथरुम गए हुए थे वहां उनकी गिरकर मौत हो गई.
  • इस दौरान उनका कोई भी अटेंडेंट, वार्ड बॉय, सिस्टर तक मौजूद नहीं थी.
  • तबीयत गंभीर होने के बावजूद भी यूरिन बैग की सुविधा भी नहीं दी गई थी.
  • बुजुर्ग खुद ही बाथरूम उठकर चले गए जहां पर वह गिर गए और 10 मिनट तक बाथरूम में पड़े रहे.
  • मरीज का बेटा जगदीश प्रसाद जब वहां पहुंचा तो पिता को उठा कर बेड पर लिटाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
  • घटना से नाराज मरीजों के तीमारदारों ने डॉक्टरों व स्टाफ पर लापरवाही का आरोप लगाया.

सांस में तकलीफ के बाद 2 दिन पहले मरीज को भर्ती कराया था. मरीज की हालत गंभीर होने के बाद भी उन्हें यूरिन बैग तक नहीं लगाया गया.

जगदीश प्रसाद, मृतक के परिजन

Intro: लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में एक बार फिर से बलरामपुर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है दरअसल एक वृद्ध मरीज को सांस में ले लेने में दिक्कत थी। इसके बाद उन्हें बलरामपुर अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां पर बुजुर्ग को पेशाब के लिए जब बाथरूम गए।तो वहां पर उनकी फिसल के मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने हंगामा किया और बलरामपुर प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।






Body:दरअसल बलरामपुर अस्पताल के वार्ड नंबर दो के टॉयलेट मे मड़ियाव नौबस्ता निवासी मरीज माधवराम गिरकर मौत हो गई। दरअसल माधवराम को सांस में लेने की दिक्कत हुई इसके बाद उन्हें बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती किया गया था उसके बाद उन्हें वार्ड नंबर 2 में शिफ्ट किया गया था दोपहर में उन्हें पेशाब के लिए जाना था इस दौरान उनका कोई भी अटेंडेंट वहां पर मौजूद नहीं था और वार्ड में भी कोई वार्ड बॉय वाच सिस्टर मौजूद नहीं थी तबीयत गंभीर होने के बावजूद भी उनको यूरिन बैंक की सुविधा भी नहीं दी गई थी इसकी वजह से बुजुर्ग खुद ही बाथरूम उठकर चले गए जहां पर वह गिर गए और 10 मिनट तक बाथरूम में पड़े रहे।दूसरों ने मरीज को वहां पड़ा देख स्टाफ को बुलाया आरोप है कि स्टाफ ने बुजुर्ग उठाया तक नहीं मरीज का बेटा जगदीश प्रसाद जब वहां पहुंचा और पिता को उठा कर बेड पर लिटाया। लेकिन तब तक सांसे थम चुकी थी। घटना से नाराज दूसरे मरीजों के तीमारदारों ने डॉक्टरों व स्टाफ का प्रवाह लापरवाही का आरोप लगाया।दरअसल सांस में तकलीफ के बाद 2 दिन पहले मरीज को भर्ती कराया गया था बेटे का आरोप है कि मरीज की हालत गंभीर होने के बाद भी उसे यूरिन बैक तक नहीं लगाया गया।इस पूरे मामले पर जब हमने बलरामपुर अस्पताल के निदेशक से बातचीत करी तो उन्होंने कहा कि मरीज की हालत पहले से ही गंभीर थी।

बाइट- परिजन

बाइट- डॉ राजीव लोचन, निदेशक, बलरामपुर अस्पताल




Conclusion:एन्ड
शुभम पाण्डेय
7054605976
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