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बजट 2025 में रेल परियोजनाओं का जिक्र नहीं, यात्री और रेलकर्मियों के लिए भी कुछ नहीं - BUDGET 2025

केंद्र सरकार की ओर से यात्री हित और रेल हित में भेजे गए प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.

बजट में रेलवे को लेकर नहीं हुईं घोषणाएं.
बजट में रेलवे को लेकर नहीं हुईं घोषणाएं. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 10:35 PM IST

लखनऊ: केंद्रीय बजट में रेल परियोजनाओं का जिक्र नहीं होने से रेलवे से जुड़ा हर तबका उदास है. जनरल से लेकर एसी बोगियों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई. कोविड में बंद वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली ट्रेनों के किराये में छूट बहाल नहीं की. यात्रियों का बोझ उठाने वाले कुलियों को रेलवे के गुप डी में समायोजित करने के संबंध में कोई घोषणा नहीं हुई. यहीं नहीं रेलवे से जुड़े अफसर भी बजट में रेल परियोजनाओं और संरक्षा से जुड़े प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. इससे रेलवे के अफसर ही नहीं यात्रियों में भी निराशा हैं.

अब पिंक बुक के इंतजार में अफसरः इस बार बजट से रेलवे के अफसरों से लेकर रेल कर्मियों और कुलियों को काफी उम्मीदें थी. केंद्र सरकार की ओर से यात्री हित और रेल हित में भेजे गए प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. ऐसे में रेलवे के अफसर और कर्मचारी बजट के बाद जारी होने वाले पिंक बुक के आस में है. उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को बजट में 700 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलने की आस थी. यहीं नहीं रेलवे को मेट्रो और रिंग रेल समेत 26 परियोजनाओं के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव पर बजट में कोई घोषणा नहीं की. ऐसे में हफ्ते भर में आने वाले पिंक बुक के जरिए ही रेल परियोजनओं, रेलकर्मियों और यात्री संरक्षा से जुड़े फैसलों की जानकारी मिल सकेगी. रेलकर्मियों ने कहा कि यह बजट ठेकेदारी बढ़ाने, सरकारी नौकरियां खत्म करने वाला रहा. तीन फीसदी मंहगाई भत्ते की किश्तों को रिलीज ना करना दुर्भाग्यपूर्ण रहा. नयी पोस्टों के लिए लगाए गए बैन को ना हटाना, सुरक्षा की अनदेखी की गई है. 8 वें पे कमिशन जब तक लागू नहीं होता, तब तक अंतरिम राहत देना था, वह भी घोषणा नहीं हुई.

बजट 2025; एक्सपर्ट बोले- युवा, शिक्षा और कौशल विकास पर केंद्रित बजट


वर्ष 2025-26 का आम बजट भारत सरकार ने जो प्रस्तुत किया गया, उसे सुनकर आश्चर्य होता है. रेलवे कर्मचारियों सहित समस्त कर्मचारियों के लिए यह बजट निराशाजनक रहा. सरकार के इस कदम से लाखों रेलकर्मियों में निराशा है. -आरपी राव, मंडल अध्यक्ष, यूआरएमयू, लखनऊ मंडल

कुलियों को 2008 के तर्ज पर रेलवे में समायोजित करने पर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई. इससे देश भर के कुलियों में नाराजगी हैं. जबकि सत्याग्रह करके सरकार को कुलियों की समस्याओं से अवगत कराया था. बावजूद सरकार ने कुलियों के दर्द को अनसुना करते हुए नजरअंदाज कर दिया. -सुरेश यादव, कोऑर्डिनेटर, राष्ट्रीय कुली मोर्चा

लखनऊ: केंद्रीय बजट में रेल परियोजनाओं का जिक्र नहीं होने से रेलवे से जुड़ा हर तबका उदास है. जनरल से लेकर एसी बोगियों में सफर करने वाले यात्रियों के लिए कोई घोषणा नहीं की गई. कोविड में बंद वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली ट्रेनों के किराये में छूट बहाल नहीं की. यात्रियों का बोझ उठाने वाले कुलियों को रेलवे के गुप डी में समायोजित करने के संबंध में कोई घोषणा नहीं हुई. यहीं नहीं रेलवे से जुड़े अफसर भी बजट में रेल परियोजनाओं और संरक्षा से जुड़े प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. इससे रेलवे के अफसर ही नहीं यात्रियों में भी निराशा हैं.

अब पिंक बुक के इंतजार में अफसरः इस बार बजट से रेलवे के अफसरों से लेकर रेल कर्मियों और कुलियों को काफी उम्मीदें थी. केंद्र सरकार की ओर से यात्री हित और रेल हित में भेजे गए प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. ऐसे में रेलवे के अफसर और कर्मचारी बजट के बाद जारी होने वाले पिंक बुक के आस में है. उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को बजट में 700 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिलने की आस थी. यहीं नहीं रेलवे को मेट्रो और रिंग रेल समेत 26 परियोजनाओं के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव पर बजट में कोई घोषणा नहीं की. ऐसे में हफ्ते भर में आने वाले पिंक बुक के जरिए ही रेल परियोजनओं, रेलकर्मियों और यात्री संरक्षा से जुड़े फैसलों की जानकारी मिल सकेगी. रेलकर्मियों ने कहा कि यह बजट ठेकेदारी बढ़ाने, सरकारी नौकरियां खत्म करने वाला रहा. तीन फीसदी मंहगाई भत्ते की किश्तों को रिलीज ना करना दुर्भाग्यपूर्ण रहा. नयी पोस्टों के लिए लगाए गए बैन को ना हटाना, सुरक्षा की अनदेखी की गई है. 8 वें पे कमिशन जब तक लागू नहीं होता, तब तक अंतरिम राहत देना था, वह भी घोषणा नहीं हुई.

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वर्ष 2025-26 का आम बजट भारत सरकार ने जो प्रस्तुत किया गया, उसे सुनकर आश्चर्य होता है. रेलवे कर्मचारियों सहित समस्त कर्मचारियों के लिए यह बजट निराशाजनक रहा. सरकार के इस कदम से लाखों रेलकर्मियों में निराशा है. -आरपी राव, मंडल अध्यक्ष, यूआरएमयू, लखनऊ मंडल

कुलियों को 2008 के तर्ज पर रेलवे में समायोजित करने पर बजट में कोई घोषणा नहीं हुई. इससे देश भर के कुलियों में नाराजगी हैं. जबकि सत्याग्रह करके सरकार को कुलियों की समस्याओं से अवगत कराया था. बावजूद सरकार ने कुलियों के दर्द को अनसुना करते हुए नजरअंदाज कर दिया. -सुरेश यादव, कोऑर्डिनेटर, राष्ट्रीय कुली मोर्चा

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