लखनऊ: विधान भवन के सामने मंगलवार को सीतापुर के खैराबाद निवासी ठेकेदार वीरेंद्र कुमार रस्तोगी ने आत्मदाह करने की कोशिश की. आग लगने से वीरेंद्र का बायां पैर झुलस गया. ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत से किसी तरह वीरेंद्र को पकड़ा और आग बुझाकर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया.
वीरेंद्र ने क्यों लगाई आग-
- वर्ष 2005-06 में वीरेंद्र ने राजकीय निर्माण निगम के तहत मथुरा में शटरिंग का काम कराया था.
- काम पूरा होने के बाद विभाग की ओर से कराए गए काम का भुगतान नहीं किया गया.
- वीरेंद्र करीब 14 साल से विभाग के अधिकारियों और मुख्यमंत्री समेत अन्य लोगों से मिलकर गुहार लगा रहा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
- विभाग ने न तो उसका भुगतान किया और न ही शटरिंग का सामान वापस किया.
- किसी प्रकार की सुनवाई न होने पर वीरेंद्र ने आत्मदाह करने की कोशिश की.
वीरेंद्र ने लगाया आरोप-
- वीरेंद्र का आरोप है कि करीब 30 लाख रुपये का विभाग की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा है.
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पिछले 14 सालों से निर्माण निगम के चक्कर लगा रहा हूं, लेकिन न ही मेरा भुगतान किया जा रहा है और न ही साइट से मेरा सामान मुझे उपलब्ध कराया जा रहा है.
-वीरेंद्र, पीड़ित