लखनऊ : देश में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन लखनऊ का मलिहाबाद करता है. यहां पर एक से बढ़कर एक नायाब आम की किस्म उपलब्ध हैं. माना जाता है कि फलपट्टी को सबसे ज्यादा समृद्ध करने का काम पद्मश्री कलीमुल्लाह खान ने किया है. पद्मश्री कलीमुल्लाह एक ही पेड़ पर आम की तीन सौ से ज्यादा किस्में उगाकर पूरे देश ने अपने हुनर का परिचय दिया है. इसी कारण पूरे भारत मे उनकी पहचान मैंगो मैन के रूप में होने लगी है. अब पद्मश्री कलीमुल्लाह ने दशहरी आम के वजूद पर खतरे देखते हुए आम की नई किस्म दशहरी कलीम ईजाद की है. आकार में दशहरी जैसा दिखने वाला यह आम पकने पर हरा और लाल रंग का शेप ले लेता है.
दशहरी की लोकप्रियता हो रही कम : कलीमुल्लाह के मुताबिक दशहरी आम का वजूद खतरे में है. नकली दवाइयों और मौसम की मार के कारण विश्व प्रसिद्ध दशहरी आम पर खतरा मंडरा रहा है. पिछले डेढ़ दशक से मौसम में बदलाव के कारण दशहरी आम के स्वाद में भी काफी परिवर्तन हो गया है. जिस कारण लोग दशहरी को छोड़कर सहारनपुर के चौसा आम को पसंद करने लगे. यहां चौसा आम की ज्यादा पैदावार होती है. इस कारण दशहरी आम का अस्तित्व संकट में है.
दशहरी की कॉपी है दशहरी कलीम : दशहरी कलीम दशहरी आम की कॉपी है. इसका आकार रूप एक जैसा है, लेकिन सिर्फ पकने पर यह नया रंग ले लेता है. पकने पर यह आम हरे रंग के साथ लाल दिखाई पड़ता हैऔर स्वाद में काफी मनमोहक है. पकने के बाद ही दशहरी कलीम और दशहरी आम में फर्क दिख सकेगा. आगामी 5 वर्षों में इस आम की कलम प्रचुर मात्रा में तैयार हो जाएगी.
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