लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में कंप्यूटर और एक हाथ में कुरान की परिकल्पना को उत्तर प्रदेश सरकार अब साकार करेगी. जल्द ही प्रदेश के मदरसों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू होंगी. इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं. एनसीईआरटी के तर्ज पर पाठ्यक्रम तैयार किया गया है. मार्च में इसका पूरा शिड्यूल जारी होगा. अब अगले सेशन से मदरसा के बच्चों को दीनी शिक्षा के साथ ही साथ तकनीकी और एनसीआरटी में पढ़ाई जाने वाली शिक्षा का भी ज्ञान प्राप्त होगा.
दरअसल, मदरसों को आधुनिक बनाने की कवायद चल रही है. यहां के बच्चे विज्ञान, गणित जैसे विषय पढ़ें और शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल हों. इसकी पुरजोर कोशिश हो रही है. यही कारण है कि मदरसों में कंप्यूटर शिक्षा भी शुरू की गई. विभाग के मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने के पीछे भी सरकार की मंशा यही है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चे भी प्रतिस्पर्धा में आगे रहें. इसी सोच के तहत प्री प्राइमरी कक्षाएं चलाने की तैयारियां हो रही हैं.
कल्याण मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि एनसीआरटी के तर्ज पर तेजी से काम शुरू हो गया है. प्री प्राइमरी का पाठ्यक्रम तैयार किया जा चुका है. कोशिश है कि शुरू से ही बच्चों को सभी विषय पढ़ाए जाएं. मार्च में बोर्ड का कैलेंडर जारी होता है. उसी समय प्री प्राइमरी कक्षाओं का भी शिड्यूल जारी कर दिया जाएगा.
मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि आने वाले सत्र में मदरसा में पढ़ने वाले बच्चों को एनसीईआरटी के सिलेबस को फॉलो करना होगा. इसके साथ ही साथ सर्वे में साढे 8000 गर मान्यता प्राप्त मदरसों पर भी मंत्री ने अपने स्टैंड को क्लियर कर दिया है, जो मानकों को पूरा करते हैं. मान्यता प्राप्त करना चाहते हैं. उनको मान्यता प्रदान की जाएगी. लेकिन वह जो मानकों को पूरा करते हैं. उसके बावजूद भी मानता नहीं चाहते हैं. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.