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शिवांक्षी बनी एसडीएम, पिता के सपनों को किया साकार

लखनऊ की रहने वाली शिवांक्षी दीक्षित ने शहर का नाम रौशन किया है. शिवांक्षी ने इस परीक्षा में सफलता हासिल कर दूसरा स्थान पाप्त किया है. शिवांक्षी का चयन एसडीएम पद पर हुआ है.

शिवांक्षी एसडीएम बनी.
शिवांक्षी एसडीएम बनी.
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Published : Apr 13, 2021, 5:04 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने सोमवार को पीसीएस-2020 का परिणाम जारी किया. राजधानी की बेटी शिवांक्षी दीक्षित ने इस परीक्षा में सफलता हासिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है. शिवाक्षी का चयन एसडीएम पद पर हुआ है. राजधानी के इंदिरा नगर की रहने वाली शिवांक्षी कहती हैं कि उन्होंने स्कूली शिक्षा के दौरान ही प्रशासनिक सेवा में जाने का लक्ष्य बना लिया था. पिता स्व. कृष्णकांत दीक्षित बैंक मैनेजर थे और मां वीणा दीक्षित टीचर हैं. शिवाक्षी कहती हैं कि पिताजी का सपना था कि मैं प्रशासनिक सेवाओं में जाऊं. आज यह पूरा हो गया.

इसे भी पढ़ें:लखनऊ: केजीएमयू के बाहर दर्द से कराह रहे मरीज, तीमारदारों का फूटा गुस्सा


ऐसे पाई सफलता
शिवांक्षी कहती हैं कि उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी रणनीति तैयार की. हाईस्कूल की पढ़ाई स्प्रिंगडेल स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई ला-मार्टिनियर कॉलेज से की थी. वे कहती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने ज्यादा किताबें पढ़ने के बजाय एनसीईआरटी पर फोकस किया. अपने नोट्स को तैयार किए. पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अध्ययन किया. शिवाक्षी कहती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए धैर्य और नियमित प्रयास की जरूरत होती है. उन्होंने अपना खुद का टाइमटेबल बनाया. बिना किसी लापरवाही के उस टाइमटेबल के हिसाब से पढ़ाई की. उन्होंने कहा सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के लिए सिर्फ किताबी ज्ञान काफी नहीं होता. देश दुनिया में होने वाली रोजमर्रा की घटनाओं पर भी ध्यान दें.

पिताजी ने पढ़ने का दिया भरपूर मौका

शिवाक्षी कहती हैं कि पिताजी ने उन्हें पढ़ने का भरपूर मौका दिया. उसका नतीजा है कि आज हम यह सफलता पा सकें. शिवाक्षी ने कहा बेटियों की शिक्षा के लिए कार्य करना उनका लक्ष्य है. सरकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता रहेगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने सोमवार को पीसीएस-2020 का परिणाम जारी किया. राजधानी की बेटी शिवांक्षी दीक्षित ने इस परीक्षा में सफलता हासिल कर दूसरा स्थान प्राप्त किया है. शिवाक्षी का चयन एसडीएम पद पर हुआ है. राजधानी के इंदिरा नगर की रहने वाली शिवांक्षी कहती हैं कि उन्होंने स्कूली शिक्षा के दौरान ही प्रशासनिक सेवा में जाने का लक्ष्य बना लिया था. पिता स्व. कृष्णकांत दीक्षित बैंक मैनेजर थे और मां वीणा दीक्षित टीचर हैं. शिवाक्षी कहती हैं कि पिताजी का सपना था कि मैं प्रशासनिक सेवाओं में जाऊं. आज यह पूरा हो गया.

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ऐसे पाई सफलता
शिवांक्षी कहती हैं कि उन्होंने इस परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी रणनीति तैयार की. हाईस्कूल की पढ़ाई स्प्रिंगडेल स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई ला-मार्टिनियर कॉलेज से की थी. वे कहती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने ज्यादा किताबें पढ़ने के बजाय एनसीईआरटी पर फोकस किया. अपने नोट्स को तैयार किए. पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अध्ययन किया. शिवाक्षी कहती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए धैर्य और नियमित प्रयास की जरूरत होती है. उन्होंने अपना खुद का टाइमटेबल बनाया. बिना किसी लापरवाही के उस टाइमटेबल के हिसाब से पढ़ाई की. उन्होंने कहा सिविल सेवा परीक्षा में सफलता के लिए सिर्फ किताबी ज्ञान काफी नहीं होता. देश दुनिया में होने वाली रोजमर्रा की घटनाओं पर भी ध्यान दें.

पिताजी ने पढ़ने का दिया भरपूर मौका

शिवाक्षी कहती हैं कि पिताजी ने उन्हें पढ़ने का भरपूर मौका दिया. उसका नतीजा है कि आज हम यह सफलता पा सकें. शिवाक्षी ने कहा बेटियों की शिक्षा के लिए कार्य करना उनका लक्ष्य है. सरकारी योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता रहेगी.

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