लखनऊ: राजधानी लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट से बुधवार को बसपा के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने तीन अलग-अलग आपराधिक मुकदमों मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया है. खास बात ये है कि, इन तीनों ही मुकदमों में एफआईआर दर्ज कराने वाले पुलिस व जेल अधिकारी थे.
पहला मामला- 28 अप्रैल 2003 को लखनऊ जेल के जेलर एसके अवस्थी ने आलमबाग थाने में मुख्तार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया गया था कि, जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आए लोगों की तलाशी लेने का आदेश देने पर जेलर एसके अवस्थी को जान से मारने की धमकी दी गई थी. इसके साथ ही जेलर एसके अवस्थी ने आरोप लगाया था कि, मुख्तार अंसारी ने उनके साथ गाली-गलौच करते हुए उन पर पिस्तौल भी तान दी थी.
दूसरा मामला- 1 मार्च 1999 को तत्कालीन अपर महानिरीक्षक कारागार एसपी सिंह पुंढीर ने कृष्णानगर थाना में मुख्तार अंसारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक अभियुक्त द्वारा उन्हें धमकी दी गई थी.
तीसरा मामला- विशेष अदालत में इन दोनों मामलों के अलावा मुख्तार अंसारी के खिलाफ थाना हजरगंज से संबधित गैंगेस्टर एक्ट के मुकदमे की भी सुनवाई हो रही थी. इस मुकदमे में भी विशेष अदालत ने बाहुबली बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को बरी कर दिया है.