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लखनऊ के सिविल अस्पताल में 8 बेड की वेंटिलेटर यूनिट शुरू, लोकबंधु अस्पताल में होने लगी संक्रमण की जांच - LUCKNOW HOSPITAL PATIENT FACILITY

डॉक्टर व स्टाफ की भी तैनाती, वेंटिलेटर बेड न होने से मरीजों को हो रही थी परेशानी.

सिविल अस्पताल में बढ़ाई गई सुविधा.
सिविल अस्पताल में बढ़ाई गई सुविधा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 3, 2025, 2:05 PM IST

लखनऊ : राजधानी में प्रदेशभर से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. यही वजह है कि जिला अस्पताल हो या फिर बड़े मेडिकल संस्थान हो, यहां हमेशा मरीजों की भीड़ रहती है. इससे हर मरीज को वेंटिलेटर बेड नहीं उपलब्ध हो पाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सिविल अस्पताल में वेंटीलेटर बेड की संख्या बढ़ा दी गई है. वहीं लोकबंधु अस्पताल में संक्रमण जांच की सुविधा भी शुरू हो गई है. इसके अलावा ठाकुरगंज अस्पताल में में थैलेसीमिया जांच होने लगी है.

सिविल अस्पताल के आईसीयू में 8 बेड की वेंटिलेटर यूनिट शुरू हो गई है. सुविधा न होने से पहले यहां से मरीजों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता था. सिविल 400 बेड की क्षमता का अस्पताल है. यहां आईसीयू में आठ वेंटिलेटर लगाए गए हैं. इनके संचालन के लिए कुशल डॉक्टर व स्टाफ तैनात किए गए हैं. इससे गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा मिलनी शुरू हो गई हैं. अभी तक आईसीयू में 2 वेंटिलेटर लगे थे. सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि आईसीयू में 8 वेंटिलेटर पर मरीजों की भर्ती शुरू हो गई है. न्यूरो व नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञ न होने से इन बीमारियों के मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है.

एचडीयू यूनिट भी होगी शुरू : अस्पताल के आईसीयू में 8 वेंटिलेटर स्थापित होने के बाद 5 बेड की एचडीयू यूनिट भी दूसरे तल पर शुरू होगी. इसके लिए संसाधन जुटाए जा रहे हैं. वहीं सिविल अस्पताल की पीडियाट्रिक यूनिट में आठ बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा है. यहां पर अति गंभीर बच्चों को भर्ती करके इलाज मुहैया कराया जा रहा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है लखनऊ समेत आसपास जिले से अति गंभीर बच्चों का यहां इलाज किया जाता है.

लोकबंधु में मरीजों को मिलने लगी 2 नई जांच की सुविधा : लोकबंधु अस्पताल के आईसीयू मरीजों में संक्रमण की पहचान के लिए 2 नई जांचें शुरू हुईं हैं. अभी तक सुविधा न होने से नमूने केजीएमयू भेजे जाते थे. रिपोर्ट देर से मिलने से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता था. यह 300 बेड की क्षमता का अस्पताल है. आईसीयू का संचालन होता है. यहां भर्ती होने वाले मरीजों में संक्रमण की पहचान व उसका लोड परखा जाता है. इसके बाद दवा की डोज विशेषज्ञ तय करते हैं. सुविधा न होने पर नमूने हायर सेंटर भेजे जाते थे. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर ने बताया कि हाई सेंसिटिव सीआरपी, प्रोकैल्सीटोनिन टेस्ट (पीसीटी) दो नई जांचें शुरू हुई हैं. दावा है कि अभी तक किसी भी अस्पताल की लैब में इन जांचों की सुविधा नहीं है.

ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल में थैलेसीमिया की जांच शुरू : ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल में अब गर्भवती व बच्चों की थैलेसीमिया जांच की सुविधा शुरू हो गई है. यहां ओपीडी में करीब डेढ़ से दो हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. अस्पताल में अब तक 145 मरीजों की जांच हुई है. इसमें दो मरीज पॉजिटिव भी आए हैं. अभी तक सुविधा न होने पर उन्हें दूसरे अस्पताल में जांच करानी पड़ रही थी. सीएमएस डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि जांच की सुविधा शुरू है.

यह भी पढ़ें : बच्चों के लिए निमोनिया बना जानलेवा, सर्दियों में रखें बच्चों का खास ख्याल...

लखनऊ : राजधानी में प्रदेशभर से मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. यही वजह है कि जिला अस्पताल हो या फिर बड़े मेडिकल संस्थान हो, यहां हमेशा मरीजों की भीड़ रहती है. इससे हर मरीज को वेंटिलेटर बेड नहीं उपलब्ध हो पाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सिविल अस्पताल में वेंटीलेटर बेड की संख्या बढ़ा दी गई है. वहीं लोकबंधु अस्पताल में संक्रमण जांच की सुविधा भी शुरू हो गई है. इसके अलावा ठाकुरगंज अस्पताल में में थैलेसीमिया जांच होने लगी है.

सिविल अस्पताल के आईसीयू में 8 बेड की वेंटिलेटर यूनिट शुरू हो गई है. सुविधा न होने से पहले यहां से मरीजों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता था. सिविल 400 बेड की क्षमता का अस्पताल है. यहां आईसीयू में आठ वेंटिलेटर लगाए गए हैं. इनके संचालन के लिए कुशल डॉक्टर व स्टाफ तैनात किए गए हैं. इससे गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर की सुविधा मिलनी शुरू हो गई हैं. अभी तक आईसीयू में 2 वेंटिलेटर लगे थे. सीएमएस डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि आईसीयू में 8 वेंटिलेटर पर मरीजों की भर्ती शुरू हो गई है. न्यूरो व नेफ्रोलॉजी के विशेषज्ञ न होने से इन बीमारियों के मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है.

एचडीयू यूनिट भी होगी शुरू : अस्पताल के आईसीयू में 8 वेंटिलेटर स्थापित होने के बाद 5 बेड की एचडीयू यूनिट भी दूसरे तल पर शुरू होगी. इसके लिए संसाधन जुटाए जा रहे हैं. वहीं सिविल अस्पताल की पीडियाट्रिक यूनिट में आठ बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा है. यहां पर अति गंभीर बच्चों को भर्ती करके इलाज मुहैया कराया जा रहा है. अस्पताल प्रशासन का कहना है लखनऊ समेत आसपास जिले से अति गंभीर बच्चों का यहां इलाज किया जाता है.

लोकबंधु में मरीजों को मिलने लगी 2 नई जांच की सुविधा : लोकबंधु अस्पताल के आईसीयू मरीजों में संक्रमण की पहचान के लिए 2 नई जांचें शुरू हुईं हैं. अभी तक सुविधा न होने से नमूने केजीएमयू भेजे जाते थे. रिपोर्ट देर से मिलने से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पाता था. यह 300 बेड की क्षमता का अस्पताल है. आईसीयू का संचालन होता है. यहां भर्ती होने वाले मरीजों में संक्रमण की पहचान व उसका लोड परखा जाता है. इसके बाद दवा की डोज विशेषज्ञ तय करते हैं. सुविधा न होने पर नमूने हायर सेंटर भेजे जाते थे. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर ने बताया कि हाई सेंसिटिव सीआरपी, प्रोकैल्सीटोनिन टेस्ट (पीसीटी) दो नई जांचें शुरू हुई हैं. दावा है कि अभी तक किसी भी अस्पताल की लैब में इन जांचों की सुविधा नहीं है.

ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल में थैलेसीमिया की जांच शुरू : ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल में अब गर्भवती व बच्चों की थैलेसीमिया जांच की सुविधा शुरू हो गई है. यहां ओपीडी में करीब डेढ़ से दो हजार मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. अस्पताल में अब तक 145 मरीजों की जांच हुई है. इसमें दो मरीज पॉजिटिव भी आए हैं. अभी तक सुविधा न होने पर उन्हें दूसरे अस्पताल में जांच करानी पड़ रही थी. सीएमएस डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि जांच की सुविधा शुरू है.

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