लखनऊः जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर को लेकर मुख्य सचिव स्तर पर कवायद शुरू हो गयी है. जिससे राजधानी के लोग अब एसपी सरकार में बनाई जा रही सिग्रेचर की बिल्डिंग का इस्तेमाल करने का मौका मिल सकता है. इसकी वजह ये है कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने शासन को जेपीएनआईसी को लेकर 2 फार्मूले बनाये हैं. एक फॉर्मूले में जहां 975 करोड़ रुपये की संशोधित डीपीआर की अनुमति देनी होगी. वहीं दूसरे प्रस्ताव में खर्च को न्यूनतम रखते हुए जेपीएनआईसी का निर्माण पूरा कर उपयोगी बनाना होगा.
जेपीएनआईसी को उपयोगी बनाने पर विचार
एलडीए के इस फार्मूले में दूसरा वाला यानि कि न्यूनतम बजट लगाकर जेपीएनआईसी को उपयोगी बनाने को लेकर बल दिया जा रहा है. इसी पर सहमति भी बनी हुई है. खर्च को न्यूनतम रखते हुए प्रस्ताव बनाकर मंडलायुक्त रंजन कुमार को बोर्ड की अगली बैठक में रखने के लिए बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने कहा है. बोर्ड की बैठक मुख्य सचिव आरके तिवारी की अध्यक्षता में बुलाई गई थी. इसमें पीडब्ल्यूडी सहित दूसरे विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए थे. इस फैसले के बाद इसकी एक रिपोर्ट दोबारा से तैयार कर एलडीए चेयरमैन और मंडलाआयुक्त बोर्ड को देंगे. बोर्ड इस प्रस्ताव पर चर्चा करके फैसला करेगा कि जेपीएनआईसी में काम कैसे कराया जायें.
फार्च्यून फाउंडेशन के साथ हुआ करार
एलडीए के लिए जेपी एनआईसी का न्यूनतम काम कराकर शुरू करना आसान नहीं होगा. इसकी वजह 2016 में चुना गया ऑपरेटर फार्च्यून फाउंडेशन के साथ हुआ अनुबंध है. इसके मुताबिक एलडीए को पूरी बिल्डिंग तैयार करके देनी है. ऐसे में एलडीए को सबसे पहले ऑपरेटर के साथ एक नए अनुबंध साइन करने होंगे. जिसमें न्यूनतम काम कराने पर सहमति हो. इसके लिए ऑपरेटर को तैयार करना अधिकारियों के लिए खुद में एक चुनौती मानी जा रही है. बोर्ड ने ऑपरेटर को भी बुलाकर वार्ता करने को कहा है, जिसको लेकर के बहुत जल्द कवायद शुरू होगी.
मंडलायुक्त ने किया निरीक्षण
मंडलायुक्त बोर्ड के निर्देश पर बुधवार को निरीक्षण करने के लिए पहुंचे. जेपी एनआईसी का बुधवार को मंडलायुक्त रंजन कुमार ने निरीक्षण किया. मंगलवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक हुई थी. जिसमें कि बचे हुए कामों को पूरा कराने से पहले कामों का सत्यापन कराने का निर्देश दिया गया था. इसके साथ ही निर्देश दिया गया था कि मंडलायुक्त इसका परीक्षण पूरा कर लें. बुधवार कमिश्नर जेपीएनआईसी पहुंचे, उन्होंने वहां पर स्पोर्ट्स ब्लॉक और म्यूजियम का निरीक्षण किया. इस दौरान प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता आनंद मिश्रा भी मौजूद थे. मंडलायुक्त निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे. इसके बाद आगे की बैठक में फैसला लिया जायेगा.