ETV Bharat / state

दो गैंगस्टर भाइयों को कोर्ट ने सुनाई कारावास की सजा - Lucknow district court

राजधानी लखनऊ की कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में दो सगे भाइयों को सजा सुनाई है. गैंगस्टर एक्ट की विशेष अदालत ने दोनों भाइयों को दोषी करार देते हुए दस और पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

Lucknow district court
Lucknow district court
author img

By

Published : Dec 23, 2020, 9:55 PM IST

लखनऊ: एक आपराधिक मामले में अभियुक्त पप्पू उर्फ तुलसी और मुन्ना को गैंगस्टर एक्ट की विशेष कोर्ट ने दोषी करार दिया है. गैंगेस्टर एक्ट कोर्ट के विशेष जज आदित्य चुर्तवेदी ने दोनों को क्रमशः दस और पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पर क्रमशः दस और पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है. आपको बता दें कि अभियुक्त पप्पू और मुन्ना दोनों सगे भाई हैं और वर्ष 2005 से इस मामले में निरुद्ध थे.

जानें पूरा मामला

वरिष्ठ लोक अभियोजक अवधेश सिंह के मुताबिक गैंगस्टर एक्ट का यह मामला थाना सआदतगंज से संबधित है. अभियुक्तों पर वर्ष 1989, 1992 से 1996 और 2003 में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. दोनों अभियुक्त सगे भाई हैं. दोनों गैंग बनाकर अपराधों को अंजाम देते थे. अभियुक्तों पर आर्थिक, भौतिक और दुनियावी लाभ अर्जित करने के लिए एक संगठित गिरोह बनाकर गंभीर अपराध करने का आरोप है. अभियोजन पक्ष की दलील थी कि अभियुक्तों के कृत्य की वजह से जनता में भय व आतंक का माहौल व्याप्त है.

वहीं बचाव पक्ष ने अभियुक्तों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने में विहित प्रक्रिया का पालन न करने की दलील दी. हालांकि विशेष अदालत ने बचाव पक्ष की दलील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने पाया कि प्रक्रिया में ऐसी कोई त्रुटि नहीं थी जिसका लाभ अभियुक्तों को दिया जाए.

लखनऊ: एक आपराधिक मामले में अभियुक्त पप्पू उर्फ तुलसी और मुन्ना को गैंगस्टर एक्ट की विशेष कोर्ट ने दोषी करार दिया है. गैंगेस्टर एक्ट कोर्ट के विशेष जज आदित्य चुर्तवेदी ने दोनों को क्रमशः दस और पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने दोनों पर क्रमशः दस और पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है. आपको बता दें कि अभियुक्त पप्पू और मुन्ना दोनों सगे भाई हैं और वर्ष 2005 से इस मामले में निरुद्ध थे.

जानें पूरा मामला

वरिष्ठ लोक अभियोजक अवधेश सिंह के मुताबिक गैंगस्टर एक्ट का यह मामला थाना सआदतगंज से संबधित है. अभियुक्तों पर वर्ष 1989, 1992 से 1996 और 2003 में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. दोनों अभियुक्त सगे भाई हैं. दोनों गैंग बनाकर अपराधों को अंजाम देते थे. अभियुक्तों पर आर्थिक, भौतिक और दुनियावी लाभ अर्जित करने के लिए एक संगठित गिरोह बनाकर गंभीर अपराध करने का आरोप है. अभियोजन पक्ष की दलील थी कि अभियुक्तों के कृत्य की वजह से जनता में भय व आतंक का माहौल व्याप्त है.

वहीं बचाव पक्ष ने अभियुक्तों पर गैंगस्टर एक्ट लगाने में विहित प्रक्रिया का पालन न करने की दलील दी. हालांकि विशेष अदालत ने बचाव पक्ष की दलील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने पाया कि प्रक्रिया में ऐसी कोई त्रुटि नहीं थी जिसका लाभ अभियुक्तों को दिया जाए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.