लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण और बिजली विभाग में आपसी तालमेल न होने का खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है. लखनऊ विकास प्राधिकरण से एनओसी न मिलने के चलते उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन नहीं मिल पा रहा है. इससे वे आधारभूत आवश्यकताओं से वंचित हो रहे हैं. उपभोक्ता बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं और बिजली विभाग लखनऊ विकास प्राधिकरण से एनओसी की मांग कर रहा है. इन दोनों विभागों के चक्कर लगाकर उपभोक्ताओं का बुरा हाल है.
नक्शे में फंसा कनेक्शन
राजधानी के विभिन्न इलाकों में आवास बन रहे हैं. विकासनगर हो या गोमती नगर यहां पर धड़ल्ले से लखनऊ विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद नक्शे पास कर रहा है, जबकि यहां पर उपकेंद्र के लिए प्राधिकरण के पास भूमि ही नहीं है. ऐसे में बिजली विभाग छोटे उपभोक्ताओं को अन्य विकल्पों से बिजली कनेक्शन दे रहा है. इन दोनों ही स्थानों पर नए बिजलीघर बनने हैं, लेकिन लखनऊ विकास प्राधिकरण बिजली विभाग को इसके लिए जमीन नहीं उपलब्ध करा रहा है. इसके चलते उपकेंद्र बन ही नहीं पा रहे हैं.
नहीं मिल रहा जवाब
प्राधिकरण ने गोमती नगर में दो उपकेंद्र के लिए जमीन दी है, लेकिन यहां मांग दो और उपकेंद्रों की है. अगर विकासनगर की बात करें तो यहां पर लखनऊ विकास प्राधिकरण बिजली विभाग को बिजलीघर के लिए जमीन ही नहीं उपलब्ध करा पा रहा है. इससे उपभोक्ताओं को कनेक्शन मिलने में परेशानी हो रही है. उपभोक्ता को जब नया बिजली कनेक्शन चाहिए होता है तो इसके लिए बिजली विभाग को एनओसी की जरूरत पड़ती है. लखनऊ विकास प्राधिकरण उपभोक्ताओं को इसलिए एनओसी नहीं दे रहा है क्योंकि बिना नक्शा पास कराए घर बन गए हैं. अब सवाल यह है कि 500 से अधिक कॉलोनियों में बन रहे मकान में रहने वाले लोग क्या बिना बिजली के ही रहेंगे? बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिना नक्शे वाले मकानों का निर्माण रोकना लखनऊ विकास प्राधिकरण का काम है. वह निर्माण क्यों नहीं रोक पा रहा है? इस पर प्राधिकरण की तरफ से कोई भी उचित जवाब नहीं मिल रहा है.
ये कहते हैं अधिकारी
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक सूर्यपाल गंगवार का कहना है कि जब तक बिजलीघर न बन जाए, तब तक लखनऊ विकास प्राधिकरण को एक भी नक्शा पास नहीं करना चाहिए. नियोजित और अनियोजित कॉलोनी और मकानों को देखना प्राधिकरण का काम है. निर्माण प्राधिकरण को रोकना चाहिए बिजली विभाग के ऊपर इस तरह की पाबंदी नहीं लगानी चाहिए कि उपभोक्ता को कनेक्शन न दिया जाए. इसका उन्हें स्थायी हल निकालना चाहिए.