लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस के राजीव गांधी पंचायती राज विभाग ने अस्पतालों में मरीजों और तीमारदारों की सेवा के लिए एक अनूठी पहल की है. अस्पतालों में जानकारी के अभाव में लोगों को इधर-उधर न भटकना पड़े, सही समय पर मरीज को इलाज मिले, इसके लिए रोजाना दो घंटे उत्तर प्रदेश के कई अस्पतालों में कार्यकर्ता तैनात किए जा रहे हैं. यह कार्यकर्ता मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद करेंगे. तीमारदारों को अस्पताल में सही जानकारी देंगे. साथ ही डॉक्टरों से संपर्क कर मरीजों को भर्ती कराने में मदद करेंगे. पंचायतीराज विभाग के चेयरमैन शैलेंद्र तिवारी का कहना है कि इस पहल से निश्चित तौर पर लोगों को अस्पताल में काफी राहत मिलेगी.
हेल्प डेस्क से मिल रही तीमारदारों को हेल्प
राजनीति का पहला कर्तव्य होता है समाज सेवा, लेकिन अब ज्यादातर राजनेता समाज सेवा के बजाय अपनी सेवा करने में ही लगे रहते हैं. समाज से उनका ताल्लुक सिर्फ उसी वक्त रहता है, जब उन्हें अपने हित साधने के लिए लोगों की आवश्यकता पड़ती है. हालांकि अब भी कुछ राजनेता लोगों की सेवा के लिए समर्पित हैं. इसका उदाहरण कांग्रेस पार्टी के राजीव गांधी पंचायतीराज विभाग के चेयरमैन शैलेंद्र तिवारी हैं. जी हां, पार्टी की तरफ से जब उन्हें राजीव गांधी पंचायतीराज विभाग (मध्य यूपी) के चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपी गई, तो उन्होंने समाज सेवा का संकल्प लिया. अस्पतालों में लोगों को आ रही दिक्कतों को दूर करने का बीड़ा उठा लिया. एक ऐसा प्लान बनाया, जिससे दूरदराज से अस्पतालों में इलाज के लिए आ रहे लोगों को सहायता उपलब्ध कराई जा सके.
मध्य यूपी के अस्पतालों में हर रोज लोगों की सहायता के लिए उन्होंने कांग्रेस जन सहायता केंद्र स्थापित कराए. हर रोज दो घंटे के लिए ओपीडी के समय कार्यकर्ता लोगों की मदद के लिए मौजूद रहते हैं. यहां पर आने वाले मरीजों और तीमारदारों को पूरी जानकारी उपलब्ध कराते हैं. अस्पताल के किस वार्ड में कहां पर क्या इलाज होना है, इसके बारे में बताते हैं. ब्लड से लेकर सीटी स्कैन या अन्य किसी तरह की बीमारी के इलाज के लिए उनके साथ जाकर डॉक्टरों से संपर्क कर मदद करते हैं. इतना ही नहीं गंभीर मरीजों को भर्ती कराने के लिए डॉक्टरों से भी संपर्क कर सहायता उपलब्ध कराते हैं, इससे मरीजों और तीमारदारों को काफी सहूलियत मिल रही है.
मध्य जोन में आते हैं 14 जिले, इन जिलों में शुरू हुई सेवा
राजीव गांधी पंचायती राज विभाग के चेयरमैन शैलेंद्र तिवारी बताते हैं कि मध्य जोन में कुल 14 जिले आते हैं. इन सभी जिलों में जन सहायता केंद्र स्थापित कराए जा रहे हैं. कई जिलों में अब तक इनकी स्थापना हो चुकी है. कार्यकर्ता लोगों की मदद देने में जुट गए हैं. लखीमपुर, बहराइच, अयोध्या, बाराबंकी और सीतापुर जैसे जिलों के अस्पतालों में हर रोज सुबह दो घंटे कार्यकर्ता सहायता के लिए उपलब्ध रहते हैं. लखनऊ के अस्पतालों में भी जल्द ही यह व्यवस्था शुरू करने की तैयारी है.
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समन्वय स्थापित करने का काम कर रहा है पंचायतीराज विभाग
राजीव गांधी पंचायतीराज विभाग का उद्देश्य है, अस्पताल में आने वाले हर व्यक्ति की सहायता करना. अस्पताल में आने वाला व्यक्ति निश्चित तौर पर परेशान ही होता है, और ऐसे में उसे इलाज के लिए सही जानकारी मिल जाए, तो यह भी उसके लिए राहत की बात होती है. हमारा उद्देश्य मरीजों, तीमारदारों और डॉक्टरों के बीच समन्वय स्थापित करना है, जिससे उन्हें इलाज मिलने में किसी तरह की दिक्कत न हो. कई बार ऐसा होता है कि जानकारी के अभाव में अस्पताल आकर लोग इधर-उधर भटकते रहते हैं. कई बार डॉक्टर कोऑपरेट नहीं करते हैं. मरीजों और तीमारदारों को नहीं मालूम होता है कि कहां दवा मिलेगी, कहां ब्लड मिलेगा, कहां सीटी स्कैन होगा, तो इस तरह की समस्याएं दूर करने के लिए हमने हेल्पडेस्क स्थापित की है. इससे लोगों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. इतना ही नहीं कमजोर तबके को अगर इलाज में अन्य तरह की मदद की जरूरत है तो वह भी करने का प्रयास किया जा रहा है.