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राजधानी में इतने लागत की जमीन कराई गई मुक्त, भू-माफियाओं का था कब्जा

सरकारी भूमि पर कब्जा जमाये भू-माफियाओं पर सरकार की ओर से बढ़ी सख्ती के बाद प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. लॉकडाउन के बाद अगस्त माह से लखनऊ जिला प्रशासन ने 1043.411 एकड़ भूमि भू-माफियाओं से मुक्त कराई है. मुक्त कराई गई सरकारी भूमि की कीमत 549 करोड़ 17 लाख रुपये है.

एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह.
एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह.
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Published : Nov 2, 2020, 4:34 AM IST

Updated : Nov 2, 2020, 6:45 AM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एंटी भू-माफिया स्क्वायड का गठन किया था. बीते तीन वर्षों में जहां राजधानी लखनऊ में बड़े पैमाने पर भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई तो वहीं लॉकडाउन के बाद भी भू-माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है.

जानकारी देते एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह.

अगस्त के बाद अब तक इतने एकड़ भूमि कराई गई मुफ्त
लॉकडाउन के बाद अगस्त महीने से अब तक भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लखनऊ जिला प्रशासन ने 1043.411 एकड़ भूमि भू-माफियाओं से मुक्त कराई है. मुक्त कराई गई सरकारी भूमि की कीमत 549 करोड़ 17 लाख रुपये है.

दर्ज कराई गई 36 FIR
भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जहां करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को मुक्त कराया गया है तो वहीं सरकारी जमीन पर कब्जा के मामले में 36 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. एक मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. दर्ज कराई गई 36 एफआईआर में से 25 मामलों में लखनऊ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. एफआईआर के बावजूद पुलिस ने एक भी भू-माफिया को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल नहीं की है.

तहसील वार कार्रवाई का विवरण

  1. राजधानी लखनऊ की सदर तहसील के अंतर्गत 153.40 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराने की कार्रवाई की गई है. इस भूमि की लागत 168 करोड़ 9 लाख रुपये है. सदर तहसील के अंतर्गत 15 एफआईआर भू-माफियाओं के खिलाफ दर्ज की गई है और सभी मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है.
  2. मोहनलालगंज तहसील के अंतर्गत 234.038 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराया गया है. इस भूमि की कीमत 50 करोड़ 20 लाख रुपये है. भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए छह एफआईआर दर्ज कराई गई हैं, जिनमें से चार में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है.
  3. मलिहाबाद तहसील के अंतर्गत 209.953 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराने की कार्रवाई की गई है, जिसकी कीमत 42 करोड़ 54 लाख रुपये है. भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है.
  4. बीकेटी तहसील के अंतर्गत 344.875 एकड़ जमीन भू-माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई गई है, जिसकी कीमत 87 करोड़ 82 लाख रुपये है. भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बीकेटी तहसील के अंतर्गत आठ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं, जिनमें से दो में चार्जशीट दाखिल हुई है.
  5. सरोजनी नगर तहसील के अंतर्गत 101.145 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराया गया है, जिसकी कीमत 200 करोड़ 52 लाख रुपये है. सरोजनी नगर तहसील के अंतर्गत भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए छह एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से चार में चार्जशीट दाखिल की गई है.

कार्रवाई हुई पर एक भी गिरफ्तारी नहीं
भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लखनऊ पुलिस-प्रशासन ने भले ही 36 एफआईआर दर्ज की है, लेकिन दर्ज की गई एफआईआर के तहत एक भी आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी नहीं मिली है.

भू-माफियाओं के खिलाफ सोमवार से चलेगा अभियान
एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक बार फिर से जिले में अभियान चलाया जाएगा. 2 नवंबर से राजधानी लखनऊ में बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर ऐसी भूमि को चिन्हित किया जाएगा, जो सरकारी हैं और जिस पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है. इस जमीन को मुक्त कराने के साथ-साथ जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एंटी भू-माफिया स्क्वायड का गठन किया था. बीते तीन वर्षों में जहां राजधानी लखनऊ में बड़े पैमाने पर भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई तो वहीं लॉकडाउन के बाद भी भू-माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है.

जानकारी देते एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह.

अगस्त के बाद अब तक इतने एकड़ भूमि कराई गई मुफ्त
लॉकडाउन के बाद अगस्त महीने से अब तक भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लखनऊ जिला प्रशासन ने 1043.411 एकड़ भूमि भू-माफियाओं से मुक्त कराई है. मुक्त कराई गई सरकारी भूमि की कीमत 549 करोड़ 17 लाख रुपये है.

दर्ज कराई गई 36 FIR
भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए जहां करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को मुक्त कराया गया है तो वहीं सरकारी जमीन पर कब्जा के मामले में 36 एफआईआर दर्ज कराई गई हैं. एक मामले में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है. दर्ज कराई गई 36 एफआईआर में से 25 मामलों में लखनऊ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. एफआईआर के बावजूद पुलिस ने एक भी भू-माफिया को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल नहीं की है.

तहसील वार कार्रवाई का विवरण

  1. राजधानी लखनऊ की सदर तहसील के अंतर्गत 153.40 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराने की कार्रवाई की गई है. इस भूमि की लागत 168 करोड़ 9 लाख रुपये है. सदर तहसील के अंतर्गत 15 एफआईआर भू-माफियाओं के खिलाफ दर्ज की गई है और सभी मामलों में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है.
  2. मोहनलालगंज तहसील के अंतर्गत 234.038 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराया गया है. इस भूमि की कीमत 50 करोड़ 20 लाख रुपये है. भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए छह एफआईआर दर्ज कराई गई हैं, जिनमें से चार में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की है.
  3. मलिहाबाद तहसील के अंतर्गत 209.953 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराने की कार्रवाई की गई है, जिसकी कीमत 42 करोड़ 54 लाख रुपये है. भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए एक एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं की गई है.
  4. बीकेटी तहसील के अंतर्गत 344.875 एकड़ जमीन भू-माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराई गई है, जिसकी कीमत 87 करोड़ 82 लाख रुपये है. भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बीकेटी तहसील के अंतर्गत आठ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं, जिनमें से दो में चार्जशीट दाखिल हुई है.
  5. सरोजनी नगर तहसील के अंतर्गत 101.145 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं से मुक्त कराया गया है, जिसकी कीमत 200 करोड़ 52 लाख रुपये है. सरोजनी नगर तहसील के अंतर्गत भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए छह एफआईआर दर्ज की गई है, जिनमें से चार में चार्जशीट दाखिल की गई है.

कार्रवाई हुई पर एक भी गिरफ्तारी नहीं
भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लखनऊ पुलिस-प्रशासन ने भले ही 36 एफआईआर दर्ज की है, लेकिन दर्ज की गई एफआईआर के तहत एक भी आरोपी को गिरफ्तार करने में कामयाबी नहीं मिली है.

भू-माफियाओं के खिलाफ सोमवार से चलेगा अभियान
एडीएम प्रशासन अमरपाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि भू-माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक बार फिर से जिले में अभियान चलाया जाएगा. 2 नवंबर से राजधानी लखनऊ में बड़े पैमाने पर अभियान चलाकर ऐसी भूमि को चिन्हित किया जाएगा, जो सरकारी हैं और जिस पर लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर रखा है. इस जमीन को मुक्त कराने के साथ-साथ जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.

Last Updated : Nov 2, 2020, 6:45 AM IST
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