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रैगिंग का आरोप सिद्ध हुआ तो भी नहीं हो पाएगी कार्रवाई, लोहिया विधि विवि प्रशासन जुटा रहा सबूत

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Published : Nov 30, 2022, 7:44 AM IST

बीए एलएलबी पहले सेमेस्टर के छात्र से रैगिंग का आरोप अगर आरोपी छात्रों पर सिद्ध हो जाता है तो भी अभी उन पर कार्रवाई नहीं हो पाएगी. बहरहाल डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि सबूत मिलना इतना आसान नहीं है, क्योंकि छात्रावासों में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग अधिक समय से नहीं रहती है.

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लखनऊः बीए एलएलबी पहले सेमेस्टर के छात्र से रैगिंग का आरोप अगर आरोपी छात्रों पर सिद्ध हो जाता है तो भी अभी उन पर कार्रवाई नहीं हो पाएगी. बहरहाल डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि सबूत मिलना इतना आसान नहीं है, क्योंकि छात्रावासों में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग अधिक समय से नहीं रहती है. यूजीसी द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रशासन सक्रिय हुआ है. उसके कारण बताओ नोटिस में आरोपी छात्रों ने घटना में शामिल होने से इनकार कर दिया है. अब विश्वविद्यालय के पास केवल सीसीटीवी का ही सहारा है.

विश्वविद्यालय के चीफ प्राक्टर और चीफ प्रोवोस्ट केए पांडे (KA Pandey, Chief Proctor and Chief Provost of the University) ने बताया कि घटना पुरानी है. लिहाजा सीसीटीवी फुटेज की रिकार्डिंग मंगवाई है. एक-एक दिन के फुटेज की रिकार्डिंग की बारीकी से जांच की जाएगी. प्रो. केए पांडे का कहना है कि आरोपों को लेकर गार्डों के भी बयान लिए गए हैं, लेकिन गार्डों ने पीड़ित छात्र के आरोपों का समर्थन नहीं किया है. ऐसे में आरोप की सत्यता जानने का एक मात्र तरीका सीसीटीवी फुटेज है. वहीं विवि के एक वरिष्ठ शिक्षक का कहना है कि काफी मुश्किल है यह साबित कर पाना कि रैगिंग हुई है, क्योंकि छात्रावासों में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग की क्षमता तो कम है ही और उसके कैमरे इतने अच्छे नहीं है कि रात की रिकार्डिंग सही से होगी.

बहरहाल चीफ प्रोवोस्ट केए पांडे (Chief Provost KA Pandey) का कहना है कि छात्रावास के सीसीटीवी में 10 दिन तक रिकार्डिंग रहती है. मुख्य सर्वर में एक माह तक की रिकार्डिंग सुरक्षित रहती है. अगर आरोपी छात्रों के आरोप सिद्ध होते हैं, तो भी अभी कार्रवाई नहीं हो पाएगी, क्योंकि परीक्षा 30 नवंबर को खत्म होगी. इसके बाद एक माह के लिए अवकाश हो जाएगा. छात्र इंटर्नशिप के लिए जाते हैं. वापस करीब 10 जनवरी तक विवि आएंगे. लिहाजा इसके बाद ही कार्रवाई होगी. किसी छात्र को इंटर्नशिप के लिए रोका नहीं जा सकता है. वहीं विवि में 17 नवंबर से सेमेस्टर परीक्षा चल रही है. यह परीक्षा 30 नवंबर को खत्म होगी. मंगलवार को परीक्षा में उडन दस्तों ने चार छात्रों को नकल के आरोप में पकड़ा है. इसमें से दो के पास मोबाइल था. अभी तक परीक्षा में कुल पांच छात्र नकल के आरोप में पकड़े गए हैं. पहले पकड़े गए छात्र के पास से स्मार्ट वॉच मिली थी.

यह भी पढ़ें : आईपीएस अधिकारी के फार्म की देखरेख करने वाले का शव फंदे पर लटका मिला, हत्या की आशंका

लखनऊः बीए एलएलबी पहले सेमेस्टर के छात्र से रैगिंग का आरोप अगर आरोपी छात्रों पर सिद्ध हो जाता है तो भी अभी उन पर कार्रवाई नहीं हो पाएगी. बहरहाल डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े शिक्षकों का कहना है कि सबूत मिलना इतना आसान नहीं है, क्योंकि छात्रावासों में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग अधिक समय से नहीं रहती है. यूजीसी द्वारा जानकारी दिए जाने के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय प्रशासन सक्रिय हुआ है. उसके कारण बताओ नोटिस में आरोपी छात्रों ने घटना में शामिल होने से इनकार कर दिया है. अब विश्वविद्यालय के पास केवल सीसीटीवी का ही सहारा है.

विश्वविद्यालय के चीफ प्राक्टर और चीफ प्रोवोस्ट केए पांडे (KA Pandey, Chief Proctor and Chief Provost of the University) ने बताया कि घटना पुरानी है. लिहाजा सीसीटीवी फुटेज की रिकार्डिंग मंगवाई है. एक-एक दिन के फुटेज की रिकार्डिंग की बारीकी से जांच की जाएगी. प्रो. केए पांडे का कहना है कि आरोपों को लेकर गार्डों के भी बयान लिए गए हैं, लेकिन गार्डों ने पीड़ित छात्र के आरोपों का समर्थन नहीं किया है. ऐसे में आरोप की सत्यता जानने का एक मात्र तरीका सीसीटीवी फुटेज है. वहीं विवि के एक वरिष्ठ शिक्षक का कहना है कि काफी मुश्किल है यह साबित कर पाना कि रैगिंग हुई है, क्योंकि छात्रावासों में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग की क्षमता तो कम है ही और उसके कैमरे इतने अच्छे नहीं है कि रात की रिकार्डिंग सही से होगी.

बहरहाल चीफ प्रोवोस्ट केए पांडे (Chief Provost KA Pandey) का कहना है कि छात्रावास के सीसीटीवी में 10 दिन तक रिकार्डिंग रहती है. मुख्य सर्वर में एक माह तक की रिकार्डिंग सुरक्षित रहती है. अगर आरोपी छात्रों के आरोप सिद्ध होते हैं, तो भी अभी कार्रवाई नहीं हो पाएगी, क्योंकि परीक्षा 30 नवंबर को खत्म होगी. इसके बाद एक माह के लिए अवकाश हो जाएगा. छात्र इंटर्नशिप के लिए जाते हैं. वापस करीब 10 जनवरी तक विवि आएंगे. लिहाजा इसके बाद ही कार्रवाई होगी. किसी छात्र को इंटर्नशिप के लिए रोका नहीं जा सकता है. वहीं विवि में 17 नवंबर से सेमेस्टर परीक्षा चल रही है. यह परीक्षा 30 नवंबर को खत्म होगी. मंगलवार को परीक्षा में उडन दस्तों ने चार छात्रों को नकल के आरोप में पकड़ा है. इसमें से दो के पास मोबाइल था. अभी तक परीक्षा में कुल पांच छात्र नकल के आरोप में पकड़े गए हैं. पहले पकड़े गए छात्र के पास से स्मार्ट वॉच मिली थी.

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