लखनऊ : बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) प्रशासन का एक नया झूठ खुलकर सामने आया है. अभी तक किसी तरह की गौशाला न बनाने का दावा करने वाले विश्वविद्यालय प्रशासन की पोल खोलने वाला एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.
इस पत्र में गौशाला के लिए जमीन आवंटन किए जाने की बात कही गई है. पत्र रजिस्ट्रार की तरफ से जारी किया गया है. इसमें, विश्वविद्यालय हेल्थ सेंटर और तालाब के बीच एक एकड़ जमीन गौशाला/डेयरी के लिए आवंटन किए जाने की बात कही गई है. यह पत्र फरवरी में जारी किया गया था.
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यह है मामला : बीते दिनों विश्वविद्यालय में गौशाला बनाम प्रयोगशाला का विवाद खड़ा हो गया था. विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से गौशाला बनाए जाने का प्रस्ताव सार्वजनिक हो गया. इसको लेकर छात्रों की तरफ से विरोध प्रदर्शन किया गया. छात्रों का कहना था कि विश्वविद्यालय में कई विभागों में प्रयोगशाला तक नहीं हैं. ऐसे में गौशाला के स्थान पर प्रयोगशालाएं बननी चाहिए. हालांकि, इस मुद्दे पर विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार बचता आ रहा है. शुरुआत में विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डॉ. रचना गंगवार ने गौशाला निर्माण का कोई प्रस्ताव न होने की बात कही, लेकिन पत्र के सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होने के बाद उन्होंने चुप्पी साध ली.
यह है छात्रों का पक्ष : छात्र विश्वविद्यालय परिसर में गौशाला का विरोध कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में छात्रावास की कमी है. छात्रों को कमरे नहीं मिल पा रहे हैं. प्रयोगशालाओं पर काम नहीं हो रहा है. क्लास रूम बनाने जैसी आवश्यक जरूरतों को छोड़कर विश्वविद्यालय प्रशासन गौशाला बनाने के लिए संसाधन जुटाने में लगा है. आरोप यह भी है कि प्रशासन में बैठे कुछ लोग अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए यह सब कर रहे हैं. बता दें, विश्वविद्यालय में लगातार छात्र और प्रशासन आमने सामने है.
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