लखनऊः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के बीच अब वामपंथी छात्र संगठन भी अपनी जमीन तलाशने लगे हैं. इस विचारधारा को शिक्षण संस्थानों में खड़ा करने की कवायदें तेज कर दी गई हैं. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) हो या स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) जैसे दूसरे वामपंथी छात्र संगठन खुद को मजबूत करने में लगे हैं. फिलहाल, रोजगार और छात्रों के दूसरे मुद्दों के सहारे इकाइयों को गठन कर सक्रियता साबित की जा रही है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कई राज्य विश्वविद्यालय में वामपंथी छात्र संगठनों का दबदबा रहा है. अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ पहली बार 1935-36 में लखनऊ में ही एक सम्मेलन के दौरान छात्र संगठनों को वामपंथी विचारधारा के साथ मजबूत किया गया था. आजादी के करीब तीन दशक बाद तक इस संगठनों ने विश्वविद्यालयों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. इसके बाद इन संगठनों की सक्रियता धीरे-धीरे कम होती गई. वामपंथी संगठनों के कमजोर होने के साथ ही छात्रसंगठन भी खत्म से होने लगे थे. हालांकि, अब इन्हें दोबारा खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है.