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मुख्यमंत्री के फर्जी हस्ताक्षर कर ठगी करने वाले दबोचे - लखनऊ मुख्यमंत्री के फर्जी हस्ताक्षर का प्रयोग

लखनऊ में पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फर्जी दस्तखत कर लोगों को ठगने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए यह आरोपी कंप्यूटर सेंटर व राशन कार्ड फीडिंग का टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी कर लोगों को अपना निशाना बनाते थे. आरोपियों के पास से फर्जी दस्तखत किया हुआ पत्र भी बरामद कर लिया गया है.

आरोपी गिरफ्तार
आरोपी गिरफ्तार
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Published : Feb 1, 2021, 4:42 PM IST

लखनऊ: राजधानी की चिनहट पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फर्जी दस्तखत कर लोगों को ठगने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए यह आरोपी कंप्यूटर सेंटर और राशन कार्ड फीडिंग का टेंडर दिलाने के नाम पर लोगों को अपना निशाना बनाते थे. इन आरोपियों के खिलाफ विकल्प खंड निवासी अजय सिंह यादव ने शुक्रवार को तहरीर दी थी. उन्होंने तहरीर में अपने साथ हुई 65 लाख की ठगी के बारे में बताया था. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी. सोमवार को पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से फर्जी दस्तखत किया हुआ पत्र भी बरामद कर लिया है. जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है.

सीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर ठगी
फर्जी अधिकारी बन की वसूली

विकल्प खंड निवासी अजय सिंह यादव ने चिनहट थाने पर रविवार को एक शिकायती पत्र दिया था. इसमें उन्होंने बताया था कि साल 2018 में अब्दुल खालिक उर्फ प्रिंस नामक युवक से उसकी मुलाकात हुई थी. उसने सचिवालय में अधिकारियों से गहरे संबंध होने का दावा किया था. उसने इसके बाद कंप्यूटर सेंटर का टेंडर दिलाने की बात कही. टेंडर दिलाने के नाम पर प्रिंस ने सचिवालय के पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव के रूप में फसीहुज्जमा से मुलाकात कराई. फसीहुज्जमा ने 20 लाख रुपये देने के लिए कहा. इस पर अजय ने उनको 17 लाख रुपये दे दिए. पैसे देने के बहुत दिन बाद भी उन्हें काम नहीं मिला. इस पर पीड़ित ने पूछताछ की तो जालसाज टालमटोल करने लगे.

कुल 65 लाख रुपये ठगे

जालसाज ने 2019 मार्च में फसीहुज्जमा के तबादले की बात कहकर अजय से कहा कि अब वह टेंडर नहीं मिल पाएगा. इसके बाद आरोपियों ने उसे दूसरा काम दिलाने की बात कहकर उससे कुल 65 लाख रुपये ठग लिए. इसके बाद पीड़ित युवक ने चिनहट कोतवाली पहुंचकर इस मामले की शिकायत दर्ज करा दी. पुलिस ने मामले की जांच कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर इस ठगी का खुलासा किया है. दोनों आरोपियों के पास से मुख्मयंत्री का दस्तखत युक्त फर्जी पत्र, सचिव खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश का फर्जी पत्र, कार्यालय ज्ञाप, 3 फर्जी मोहरें और एक लैपटॉप बरामद किया है.

आरोपियों से हो रही पूछताछ

एडीसीपी पूर्वी सैयद काशिम आब्दी का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान अब्दुल खालिक निवासी गाजीपुर थाना क्षेत्र और फसीहुज्जमा निवासी विकास नगर के रूप में हुई है. ये आरोपी मुख्यमंत्री के फर्जी दस्तखत पत्र के माध्यम से कई लोगों से ठगी कर चुके हैं. जानकारी के अनुसार ये लोग करोड़ों की ठगी कर चुके है. इन आरोपियों से पूछताछ की जाएगी.

लखनऊ: राजधानी की चिनहट पुलिस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फर्जी दस्तखत कर लोगों को ठगने वाले गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गए यह आरोपी कंप्यूटर सेंटर और राशन कार्ड फीडिंग का टेंडर दिलाने के नाम पर लोगों को अपना निशाना बनाते थे. इन आरोपियों के खिलाफ विकल्प खंड निवासी अजय सिंह यादव ने शुक्रवार को तहरीर दी थी. उन्होंने तहरीर में अपने साथ हुई 65 लाख की ठगी के बारे में बताया था. पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी. सोमवार को पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. उनके पास से फर्जी दस्तखत किया हुआ पत्र भी बरामद कर लिया है. जिसके बाद पुलिस आगे की कार्रवाई करने में जुट गई है.

सीएम के फर्जी हस्ताक्षर कर ठगी
फर्जी अधिकारी बन की वसूली

विकल्प खंड निवासी अजय सिंह यादव ने चिनहट थाने पर रविवार को एक शिकायती पत्र दिया था. इसमें उन्होंने बताया था कि साल 2018 में अब्दुल खालिक उर्फ प्रिंस नामक युवक से उसकी मुलाकात हुई थी. उसने सचिवालय में अधिकारियों से गहरे संबंध होने का दावा किया था. उसने इसके बाद कंप्यूटर सेंटर का टेंडर दिलाने की बात कही. टेंडर दिलाने के नाम पर प्रिंस ने सचिवालय के पिछड़ा वर्ग विभाग के सचिव के रूप में फसीहुज्जमा से मुलाकात कराई. फसीहुज्जमा ने 20 लाख रुपये देने के लिए कहा. इस पर अजय ने उनको 17 लाख रुपये दे दिए. पैसे देने के बहुत दिन बाद भी उन्हें काम नहीं मिला. इस पर पीड़ित ने पूछताछ की तो जालसाज टालमटोल करने लगे.

कुल 65 लाख रुपये ठगे

जालसाज ने 2019 मार्च में फसीहुज्जमा के तबादले की बात कहकर अजय से कहा कि अब वह टेंडर नहीं मिल पाएगा. इसके बाद आरोपियों ने उसे दूसरा काम दिलाने की बात कहकर उससे कुल 65 लाख रुपये ठग लिए. इसके बाद पीड़ित युवक ने चिनहट कोतवाली पहुंचकर इस मामले की शिकायत दर्ज करा दी. पुलिस ने मामले की जांच कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर इस ठगी का खुलासा किया है. दोनों आरोपियों के पास से मुख्मयंत्री का दस्तखत युक्त फर्जी पत्र, सचिव खाद्य एवं रसद उत्तर प्रदेश का फर्जी पत्र, कार्यालय ज्ञाप, 3 फर्जी मोहरें और एक लैपटॉप बरामद किया है.

आरोपियों से हो रही पूछताछ

एडीसीपी पूर्वी सैयद काशिम आब्दी का कहना है कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान अब्दुल खालिक निवासी गाजीपुर थाना क्षेत्र और फसीहुज्जमा निवासी विकास नगर के रूप में हुई है. ये आरोपी मुख्यमंत्री के फर्जी दस्तखत पत्र के माध्यम से कई लोगों से ठगी कर चुके हैं. जानकारी के अनुसार ये लोग करोड़ों की ठगी कर चुके है. इन आरोपियों से पूछताछ की जाएगी.

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