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जानिए, उत्तर प्रदेश के बजट में क्या हो सकता है विशेष

प्रदेश सरकार 23 मई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अपना बजट पेश करेगी. इस बजट में सरकार चुनावों में की गई घोषणाओं को लागू करने के लिए वित्तीय प्रावधान करेगी. चलिए जानने की कोशिश करते हैं कि इस बार के बजट में क्या विशेष हो सकता है. पेश है यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी की रिपोर्ट.

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Published : May 14, 2022, 8:22 PM IST

लखनऊ : प्रदेश सरकार 23 मई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अपना बजट पेश करेगी. इस बजट में सरकार चुनावों में की गई घोषणाओं को लागू करने के लिए वित्तीय प्रावधान करेगी. खासकर महिलाओं, युवाओं, किसानों और रोजगार सृजन को लेकर घोषणाएं होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि यह बजट छह लाख करोड़ या इससे भी ज्यादा का हो सकता है. सरकार इस बजट में जनता से किए वादों को धरातल पर उतारने के प्रयास वाले प्रावधान करेगी.

भारतीय जनता पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से तैयारी कर रही है. लोकसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका हो इसके लिए प्रदेश सरकार अभी से काम कर रही है. प्रदेश की भाजपा सरकार अपने पहले बजट से ही जनता से किए वादों को पूरा करते हुए दिखाई देगी. यह बात और है कि भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल सभी वादों को पहले ही बजट में मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता. इसके बावजूद जो प्रमुख विषय हैं, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश जरूर करेगी. गौरतलब है कि 23 मई से 31 मई तक चलने वाले बजट सत्र में 26 तारीख को वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना बजट प्रस्तुत करेंगे.

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमके अग्रवाल यह बोले.
प्रदेश सरकार का फोकस रोजगार, युवाओं, महिलाओं और किसानों के साथ ही सुशासन और अपराधियों पर सख्ती से नियंत्रण करना शामिल है. रोजगार के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा निवेश कराने के साथ ही युवाओं को कौशल विकास करा और उन्हें सुलभ ऋण के अवसर दिलाने की कोशिश कर रही है. सभी प्रमुख विभागों ने इसे लेकर अपनी सौ दिन के कार्य की रूपरेखा प्रस्तुत कर दी है.
स्वाभाविक है कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी सरकार गंभीरता से काम कर रही है. हां, महंगाई पर काबू पाना सरकार के लिए एक चुनौती है क्योंकि लगातार बढ़ती महंगाई से प्रदेश का हर वर्ग परेशान है. सरकार को बजट में महंगाई पर नियंत्रण को लेकर भी प्रावधान करने होंगे. इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमके अग्रवाल कहते हैं कि योगी सरकार के पिछले जो पांच बजट थे, इस बजट में उसका प्रवाह दिखाई देगा. क्योंकि वही सरकार दोबारा सत्ता में आई है और उसके कार्यक्रमों को जनता ने स्वीकार भी किया है. कोरोना के समय में भी इसकी सफलता की कहानियां सामने आई हैं. पिछली बार आधारभूत ढांचे का काम भी बहुत अच्छा रहा था. वह कहते हैं कि पिछला बजट लगभग पौने छह करोड़ लाख का हो चुका है. ऐसे में इस बजट का आकार बढ़ना तय है. सरकार ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर बढ़ने का प्रयास और तेज करेगी. अब हम कोरोना संकट से बाहर आ चुके हैं. आधारभूत ढांचा विकसित हो चुका है.

लॉ एंड आर्डर के मामले में भी अब अन्य राज्य उत्तर प्रदेश का उदाहरण देने लगे हैं. पहली बार यह हो रहा है कि गवर्नेंस के एक मॉडल के रूप में उभरते हुए एक राज्य के रूप में भी प्रदेश को देखा जा रहा है. वह कहते हैं कि मुझे लगता है आने वाले समय में बजट की जो प्रक्रिया होगी, वह सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाली होगी. चुनाव में पार्टी ने जो वादे किए थे उन्हें यह बजट बढ़ावा देगा. बजट कैसे अधिक सृजनात्मक हो सकता है, उसकी रणनीति यहां पर देखने को मिलनी चाहिए.

एक अर्थशास्त्री के तौर पर आप इस बजट में क्या देखना चाहेंगे? इस पर प्रोफेसर एमके अग्रवाल कहते हैं कि यदि हम बजट में झांकते हैं तो एक चीज दिखाई देती है कि सरकार ने घाटे को कंट्रोल किया है. सरकार ने उत्पादक खर्चों पर व्यय बढ़ाने का प्रयास भी किया है. इसी के साथ एक खबर और आ रही है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी या इन्वेस्टर्स समिट होने जा रही है. सरकार का मॉडल उठाकर देखें, तो यह साफ है कि केवल सरकार के खर्च और निवेश से ही काम नहीं चल पाएगा इसलिए अन्य सेक्टर्स को आगे आना होगा. पर्यटन और फिल्म सेक्टर के साथ इससे संबंधित अन्य सेक्टरों के बहुत तेजी से बढ़ने की संभावना है.

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लखनऊ : प्रदेश सरकार 23 मई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में अपना बजट पेश करेगी. इस बजट में सरकार चुनावों में की गई घोषणाओं को लागू करने के लिए वित्तीय प्रावधान करेगी. खासकर महिलाओं, युवाओं, किसानों और रोजगार सृजन को लेकर घोषणाएं होने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि यह बजट छह लाख करोड़ या इससे भी ज्यादा का हो सकता है. सरकार इस बजट में जनता से किए वादों को धरातल पर उतारने के प्रयास वाले प्रावधान करेगी.

भारतीय जनता पार्टी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से तैयारी कर रही है. लोकसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका हो इसके लिए प्रदेश सरकार अभी से काम कर रही है. प्रदेश की भाजपा सरकार अपने पहले बजट से ही जनता से किए वादों को पूरा करते हुए दिखाई देगी. यह बात और है कि भाजपा के घोषणा पत्र में शामिल सभी वादों को पहले ही बजट में मूर्त रूप नहीं दिया जा सकता. इसके बावजूद जो प्रमुख विषय हैं, उन्हें पूरा करने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश जरूर करेगी. गौरतलब है कि 23 मई से 31 मई तक चलने वाले बजट सत्र में 26 तारीख को वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना बजट प्रस्तुत करेंगे.

लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमके अग्रवाल यह बोले.
प्रदेश सरकार का फोकस रोजगार, युवाओं, महिलाओं और किसानों के साथ ही सुशासन और अपराधियों पर सख्ती से नियंत्रण करना शामिल है. रोजगार के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा निवेश कराने के साथ ही युवाओं को कौशल विकास करा और उन्हें सुलभ ऋण के अवसर दिलाने की कोशिश कर रही है. सभी प्रमुख विभागों ने इसे लेकर अपनी सौ दिन के कार्य की रूपरेखा प्रस्तुत कर दी है.
स्वाभाविक है कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी सरकार गंभीरता से काम कर रही है. हां, महंगाई पर काबू पाना सरकार के लिए एक चुनौती है क्योंकि लगातार बढ़ती महंगाई से प्रदेश का हर वर्ग परेशान है. सरकार को बजट में महंगाई पर नियंत्रण को लेकर भी प्रावधान करने होंगे. इस संबंध में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एमके अग्रवाल कहते हैं कि योगी सरकार के पिछले जो पांच बजट थे, इस बजट में उसका प्रवाह दिखाई देगा. क्योंकि वही सरकार दोबारा सत्ता में आई है और उसके कार्यक्रमों को जनता ने स्वीकार भी किया है. कोरोना के समय में भी इसकी सफलता की कहानियां सामने आई हैं. पिछली बार आधारभूत ढांचे का काम भी बहुत अच्छा रहा था. वह कहते हैं कि पिछला बजट लगभग पौने छह करोड़ लाख का हो चुका है. ऐसे में इस बजट का आकार बढ़ना तय है. सरकार ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर बढ़ने का प्रयास और तेज करेगी. अब हम कोरोना संकट से बाहर आ चुके हैं. आधारभूत ढांचा विकसित हो चुका है.

लॉ एंड आर्डर के मामले में भी अब अन्य राज्य उत्तर प्रदेश का उदाहरण देने लगे हैं. पहली बार यह हो रहा है कि गवर्नेंस के एक मॉडल के रूप में उभरते हुए एक राज्य के रूप में भी प्रदेश को देखा जा रहा है. वह कहते हैं कि मुझे लगता है आने वाले समय में बजट की जो प्रक्रिया होगी, वह सरकार के एजेंडे को आगे बढ़ाने वाली होगी. चुनाव में पार्टी ने जो वादे किए थे उन्हें यह बजट बढ़ावा देगा. बजट कैसे अधिक सृजनात्मक हो सकता है, उसकी रणनीति यहां पर देखने को मिलनी चाहिए.

एक अर्थशास्त्री के तौर पर आप इस बजट में क्या देखना चाहेंगे? इस पर प्रोफेसर एमके अग्रवाल कहते हैं कि यदि हम बजट में झांकते हैं तो एक चीज दिखाई देती है कि सरकार ने घाटे को कंट्रोल किया है. सरकार ने उत्पादक खर्चों पर व्यय बढ़ाने का प्रयास भी किया है. इसी के साथ एक खबर और आ रही है कि ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी या इन्वेस्टर्स समिट होने जा रही है. सरकार का मॉडल उठाकर देखें, तो यह साफ है कि केवल सरकार के खर्च और निवेश से ही काम नहीं चल पाएगा इसलिए अन्य सेक्टर्स को आगे आना होगा. पर्यटन और फिल्म सेक्टर के साथ इससे संबंधित अन्य सेक्टरों के बहुत तेजी से बढ़ने की संभावना है.

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