लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी ने अपने छह एमएलसी चुन लिए हैं. इनमें से एक आईआईएम ग्रेजुएट हैं तो दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालय का वीसी रहे हैं. नए एमएलसी की लिस्ट में चार नाम ऐसे हैं, जो लंबे समय से बीजेपी संगठन से जुड़े रहे हैं. इस तरह बीजेपी ने संगठन में काम करने वाले कार्यकर्ताओं को इनाम भी दिया है. साथ ही भारतीय जनता पार्टी ने इन 6 एमएलसी के जरिये सभी वर्गों को साधने का प्रयास किया है. एक ब्राह्मण, एक पिछड़ा, एक अति पिछड़ा, एक दलित एक वैश्य और एक एमएलसी मुस्लिम भी बनाया गया है.
बीजेपी ने निकाय चुनाव से पहले विधान परिषद में 6 सीटों की वेकेंसी फुल कर दी है. पार्टी ने रामसूरत राजभर, साकेत मिश्र, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के वीसी तारिक मंसूर, लालजी सुमन, रजनीकांत माहेश्वरी और हंसराज विश्वकर्मा को विधान परिषद भेज दिया है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी ने कुछ ऐसे चेहरे चुने हैं, जिन्होंने लंबे समय तक संगठन में काम किया है. अब उन्हें काम का फल मिला है. इसके साथ ही पार्टी ने समाज के एक बड़े वर्ग को साधने का प्रयास भी किया है. जिसका फायदा पार्टी को निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव 2024 में अवश्य मिलेगा.
किसान परिवार से हैं रामसूरत राजभर : रामसूरत राजभर आजमगढ़ के फूलपुर तहसील के मक्खापुर गांव के निवासी हैं. रामसूरत राजभर 1980 से भाजपा के सक्रिय सदस्य रहे हैं. पांच बार वह चुनाव भी लड़ चुके हैं. किसान परिवार से हैं. 1964 में जन्मे रामसूरत राजभर के पिता का नाम महाबल है. लंबे समय से भाजपा की राजनीति से जुड़े रहने का उनको फल मिला है.
साकेत मिश्र से जुड़ा है नृपेंद्र मिश्र का नाम : आईआईएम कोलकाता से ग्रेजुएट साकेत मिश्रा भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय नेता हैं. उनके पिता वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे हैं. पिता नृपेंद्र मिश्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफी नजदीक माने जाते रहे हैं. इन दिनों उन्हें राम जन्मभूमि तीर्थ विकास क्षेत्र में अहम जिम्मेदारी मिली हैं. साकेत मिश्रा ड्यूस बैंक में काम कर चुके हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में श्रावस्ती सीट से लोकसभा चुनाव में उतरने की चर्चा भी लंबे समय से रही है.
बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की आलोचक बने थे तारिक़ मंसूर : हाल ही में बीबीसी ने गुजरात दंगों को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को बिगाड़ने का प्रयास किया गया था. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति तारिक मंसूर ने इस डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की थी. इनके कार्यकाल के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति भी आए. इन कारणों से वह लगातार भाजपा के नजदीकी होते गए.
लाल जी सुमन हैं भाजपा का दलित चेहरा : लाल जी सुमन अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष हैं. वे दिन पर दिन भारतीय जनता पार्टी का दलित चेहरा बनते जा रहे हैं. लंबे समय से भाजपा उनको दलित मामलों में आगे रखती है. जिस अंबेडकर महासभा के अध्यक्ष हैं, वहां डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से जुड़े कई यादें सहेजी गई हैं. महासभा की तरफ से डॉक्टर अंबेडकर के विचारों पर समय-समय पर काम होता रहता है.
रजनीकांत को मिला समर्पित रहने का फल : भारतीय जनता पार्टी ब्रज क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष रजनीकांत माहेश्वरी लंबे समय से भाजपा संगठन से जुड़े रहे हैं. उन्होंने संगठन में अलग-अलग पदों पर काम किया. ब्रज क्षेत्र समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता रहा है. जहां उनके बेहतरीन काम का नतीजा यह रहा कि भाजपा को लगातार अच्छी जीत मिलती रही हैं. जिसकी वजह से उनको एमएलसी पद का फल मिला है.
पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट से जुड़े हैं हंसराज विश्वकर्मा : हंसराज विश्वकर्मा भारतीय जनता पार्टी वाराणसी जिले के अध्यक्ष रहे हैं. लंबे समय से संगठन के लिए काम करते रहे हैं. विश्वकर्मा अति पिछड़े वर्ग से आते हैं. प्रधानमंत्री के कई ड्रीम प्रोजेक्ट पर उन्होंने काफी काम किया. वह नरेंद्र मोदी के पसंद बताए जाते हैं. जिसका परिणाम है कि उनको एमएलसी पद के लिए चुना गया.
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