लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में जल्द ही प्री-हाॅस्पिटल केयर ट्रामा की शुरूआत की जाएगी. इस सुविधा के तहत एक्सीडेंटल स्थानों पर मरीजों को इलाज देकर उनकी जान बचाई जाएगी. केजीएमयू कुलपति डॉ. विपिन पुरी ने बताया कि 10 किलोमीटर के रेडियंस में कहीं भी हादसा होने पर ट्रामा सेंटर के डॉक्टरों की टीम मौके पर पहुंचेगी और मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें ट्रामा सेंटर लाया जाएगा. साथ ही उन्होंने बताया कि एफएम रेडियो की तर्ज पर केजीएमयू प्रशासन कम्युनिटी रेडियो स्टेशन की शुरुआत करने जा रहा है.
प्री-हाॅस्पिटल केयर ट्रामा की जल्द होगी शुरूआत
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी ने बताया कि अभी तक एक्सीडेंटल मरीजों के केसों में ज्यादातर लोगों की मौत घटनास्थल पर हो जाती है. ऐसे में इन मामलों में लोगों की जान बचाने के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. जल्द ही मेडिकल कॉलेज के 10 किलोमीटर दायरे में इस सुविधा की शुरुआत की जाएगी. घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस प्रशासन और अन्य अधिकारियों की मदद ली जाएगी. साथ ही मरीजों के उचित इलाज के लिए तीन नए डिपार्टमेंट की शुरुआत की गई है.
कोविड में केजीएमयू में केयर, टीचिंग प्रोग्राम, मेडिकल रिसर्च
चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विपिन पुरी ने बताया कि जब पूरी दुनिया कोविड-19 महामारी से बचने के उपाय कर रही थी, उस समय किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय द्वारा संक्रमित मरीजों को भर्ती करने और उनके उचित इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की गई. कोविड-19 के दौरान केजीएमयू प्रशासन में जहां मरीजों को समय पर उचित इलाज किए जा रहे थे. इसके साथ ही पेशेंट केयर, टीचिंग प्रोग्राम, मेडिकल रिसर्च व कम्युनिटी आउटरीच प्रोग्राम में डॉक्टरों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान अदा किया है.
KGMU में रिसर्च के लिए यूके यूनिवर्सिटी ने मांग सहयोग
राजधानी लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी का पुराना इतिहास रहा है. यहां के डॉक्टरों की टीम ने कई रिसर्च किए हैं. खतरनाक संक्रमण के पीरियड के दौरान भी यहां के डाक्टर रिसर्च कर रहा थे. कुलपति ने बताया कि केजीएमयू के डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे रिसर्च को देखते हुए अमेरिका सहित अन्य देशों के विश्वविद्यालय काफी आकर्षित हुए हैं. वे लखनऊ के केजीएमयू से जुड़ना चाह रहे हैं. कार्यक्रम में प्रो० एस० एन० शंखवार, प्रो० उमा सिंह, प्रो० अनिता जैन, प्रो० अनिल चन्द्रा, प्रो० शैली अवस्थी, प्रो० आशुतोष द्विवेदी और प्रभारी सुधीर सिंह सहित कई विभागों के डॉक्टर भी मौजूद रहे.