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केजीएमयू के डॉक्टरों ने जुड़वा बच्चों को दी नई जिंदगी

केजीएमयू के 5 विभागों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर पेट से जुड़े जुड़वा बच्चों को अलग कर दिया. उनकी जिंदगी को सुरक्षित बनाए रखने के लिए अभी उनको आईसीयू में भर्ती कराया गया है.

केजीएमयू, लखनऊ
केजीएमयू, लखनऊ
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Published : Nov 12, 2020, 8:52 AM IST

लखनऊ : पेट से जुड़े जुड़वा बच्चों को केजीएमयू ने एक नई जिंदगी दे दी है. मंगलवार को अस्पताल के 5 विभागों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर दोनों बच्चों को अलग कर दिया है. डॉक्टरों ने सेहत में सुधार के बाद बच्चों को वेंटिलेटर से हटा दिया है. अभी दोनों बच्चे आईसीयू में भर्ती हैं.

बच्चों को मिली नई जिंदगी

दरअसल, कुशीनगर में एक मजदूर दंपत्ति के घर नवंबर 2019 में जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया था. दोनों बच्चों को लेकर परिवार बहुत ही परेशान था. ये अपने बच्चों की परेशानी लेकर केजीएमयू पहुंचे, जहां पांच विभागों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर दोनों बच्चों को अलग कर दिया है. पहले उन्हें अलग-अलग वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन सेहत में सुधार की वजह से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है.

जन्मजात बीमारी से थे पीड़ित

डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे कंज्वाइन ट्विंस बीमारी से पीड़ित थे. इनकी पेट और छाती आपस में जुड़ी हुई थी. लिवर का एक हिस्सा चिपका हुआ था, बाकी अंग दोनों के अलग-अलग थे. त्वचा के साथ भीतर की मांसपेशियां और हड्डी काटी गयी है, इसलिए दोनों बच्चों के घाव भरने में अभी लंबा वक्त लगेगा. इनके मुताबिक अगले 10 दिन दोनों बच्चों के लिए काफी अहम हैं.

लखनऊ : पेट से जुड़े जुड़वा बच्चों को केजीएमयू ने एक नई जिंदगी दे दी है. मंगलवार को अस्पताल के 5 विभागों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर दोनों बच्चों को अलग कर दिया है. डॉक्टरों ने सेहत में सुधार के बाद बच्चों को वेंटिलेटर से हटा दिया है. अभी दोनों बच्चे आईसीयू में भर्ती हैं.

बच्चों को मिली नई जिंदगी

दरअसल, कुशीनगर में एक मजदूर दंपत्ति के घर नवंबर 2019 में जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया था. दोनों बच्चों को लेकर परिवार बहुत ही परेशान था. ये अपने बच्चों की परेशानी लेकर केजीएमयू पहुंचे, जहां पांच विभागों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर दोनों बच्चों को अलग कर दिया है. पहले उन्हें अलग-अलग वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन सेहत में सुधार की वजह से उन्हें आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है.

जन्मजात बीमारी से थे पीड़ित

डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे कंज्वाइन ट्विंस बीमारी से पीड़ित थे. इनकी पेट और छाती आपस में जुड़ी हुई थी. लिवर का एक हिस्सा चिपका हुआ था, बाकी अंग दोनों के अलग-अलग थे. त्वचा के साथ भीतर की मांसपेशियां और हड्डी काटी गयी है, इसलिए दोनों बच्चों के घाव भरने में अभी लंबा वक्त लगेगा. इनके मुताबिक अगले 10 दिन दोनों बच्चों के लिए काफी अहम हैं.

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