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मथुरा में महिला PCS अधिकारी 70 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, विजिलेंस की टीम ने घर पर मारा छापा - MATHURA DPRO ARRESTED

मथुरा में तैनात डीपीआरओ काम के बदले ले रही थीं रिश्वत, लखनऊ से आई विजिलेंस टीम ने पकड़ कर ले गई अपने साथ

मथुरा डीपीआरओ रिश्वत लेते गिरफ्तार.
मथुरा डीपीआरओ रिश्वत लेते गिरफ्तार. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 4, 2025, 3:10 PM IST

मथुराः जिले में पीसीएस महिला अधिकारी को रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया है. हाईवे थाना क्षेत्र इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में लखनऊ की विजिलेंस टीम ने मंगलवार को जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) को 70 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.

पिछले कई दिनों से शिकायत की जा रही थी कि डीपीआरओ पीसीएस किरण चौधरी काम के बदले पैसे मांग रही हैं. शिकायतकर्ता ने लखनऊ की विजिलेंस टीम से संपर्क किया था. इसके बाद मंगलवार को मथुरा डीपीआरओ के निजी आवास पर विजिलेंस की टीम पहुंची और रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है. विजिलेंस टीम किरण चौधरी को टीम अपने साथ लखनऊ ले गई.

जानकारी के मुताबिक, शिकायत मिलने के बाद मंगलवार को लखनऊ विजिलेंस की टीम मथुरा हाईवे थाना क्षेत्र इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में पहुंची. टीम ने डीपीआरओ किरण चौधरी के निजी आवास के पास जाल बिछा दिया. इस दौरान जैसे ही डीपीआरओ ने शिकायतकर्ता से रिश्वत ली तुरंत विजिलिंस की टीम ने दबोच लिया. इस दौरान टीम मे शामिल चार अधिकारियों ने किरण चौधरी के आवास की तलाशी ली तो लाखों रुपये नगदी भी मिली. फ़िलहाल मौके पर जिले में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं. बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने लखनऊ में जाकर मथुरा में तैनात डीपीआरओ किरण चौधरी के रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता के प्राथना पत्र पर लखनऊ विजिलेंस टीम ने आवास पर आकर कार्रवाई की है. डीपीआरओ के आवास से महत्वपूर्ण फाइल भी बरामद की है. एंटी करप्शन की टीम डीपीआरओ को अपने साथ लखनऊ ले गई है.

बता दें कि पिछले तीन वर्षों से पीसीएस अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तैनात हैं. सिविल लाइन क्षेत्र राजीव भवन में किरण चौधरी का कार्यालय है. लेकिन डीपीआरओ अपना ज्यादातर ऑफिस का काम अपने निजी आवास पर करती थी. यहीं लोगों के संपर्क में रहती थी. फिलहाल जनपद में कोई भी अधिकारी इस पूरे प्रकरण को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण ने बताया कि डीपीआरओ को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. डीपीआरओ काम करने की एवरेज में 70 हजार रुपये की रिश्वत मांग रही थीं. शिकायतकर्ता ने लखनऊ विजिलेंस टीम से संपर्क किया. इसके बाद मंगलवार को टीम में एसपी महिला समेत पांच अधिकारी डीपीआरओ के घर पर छापा मारा और रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है.

संभल में रिश्वतखोर सहकारी समिति के सचिव गिरफ्तार.
संभल में रिश्वतखोर सहकारी समिति के सचिव गिरफ्तार. (Photo Credit; ETV Bharat)

संभल में सहकारी समिति के सचिव को 5 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार, डेढ़ साल होने वाले थे रिटायर
संभल में एंटी करप्शन टीम ने सहकारी समिति के सचिव को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. नखासा थाना इलाके के ग्राम शरीफपुर स्थित बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति लिमिटेड शरीफपुर में राकेश पाल सिंह सहकारी समिति के सचिव के तौर पर तैनात हैं. जो कि 30 जून 2026 को सेवानिवृत होने वाले थे. सहकारी समिति के कर्मचारी योगेंद्र सिंह ने एंटी करप्शन टीम को शिकायत की थी कि सचिव राकेश पाल सिंह उसकी वार्षिक वेतन वृद्धि को वेतन में जोड़ने के नाम पर 5000 की रिश्वत मांग रहे हैं. इसके बाद मुरादाबाद एंटी करप्शन टीम के प्रभारी सुशील कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को टीम गांव शरीफपुर स्थित सहकारी समिति के सचिव राकेश पाल सिंह को 5000 को रिश्वत के साथ मौके से धर दबोचा. एंटी करप्शन टीम आरोपी सचिव को अपने साथ लेकर नखासा थाना पहुंची. नखासा थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

ललितपुर में एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को 5 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा
ललितपुर: एंटी करप्शन की टीम ने किसान से 5000 की रिश्वत वसूलते लेखपाल को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. तालबेहट कोतवाली के रामपुर के मजरा हंसारी निवासी किसान अमिताब कुमार ने एंटी करप्शन टीम को दी शिकायत में बताया कि मां की मृत्यु हो जाने के बाद उसकी माता भुवन कुवर के नाम भूमि उसके भाई लल्लूराजा, कल्यान सिंह, अनिल कुमार के नाम आ गयी थी. लेकिन अमिताब कुमार की जगह अनिल कुमार लेखपाल की त्रुटि से खतौनी में अंकित हो गया था. जबकि उसके अन्य अभिलेखों में उसका नाम अमिताब कुमार ही है. खतौनी में सही दर्ज कराने के लिए उपजिलाधिकारी तालबेहट को 9 अक्टूबर 2023 को प्रार्थना पत्र दिया था. उपजिलाधिकारी ने उसी दिन नायब तहसीलदार को रिपोर्ट देने के लिए आदेश दिया था. जब वह तहसीलदार से मिला तो उनके द्वारा लेखपाल से रिपोर्ट लगवाने के लिए कहा गया. जब वह अपने क्षेत्र के लेखपाल राजेन्द्र रजक से मिला तो कहा कि मामला काफी पुराना है. 5000 रुपये दे दो तो जल्दी काम कर दूंगा. इसकी शिकायत भृष्टाचार निवारण संघ झंसी इकाई में की थी. इसके बाद मंगलवार को झांसी की टीम द्वारा 5000 रुपये रिश्वत लेते हुये लेखपाल राजेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया है.

इसे भी पढ़ें-सिंचाई विभाग के जिलेदार को एंटी करप्शन टीम ने रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

मथुराः जिले में पीसीएस महिला अधिकारी को रिश्वत लेते हुए विजिलेंस की टीम ने गिरफ्तार किया है. हाईवे थाना क्षेत्र इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में लखनऊ की विजिलेंस टीम ने मंगलवार को जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) को 70 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है.

पिछले कई दिनों से शिकायत की जा रही थी कि डीपीआरओ पीसीएस किरण चौधरी काम के बदले पैसे मांग रही हैं. शिकायतकर्ता ने लखनऊ की विजिलेंस टीम से संपर्क किया था. इसके बाद मंगलवार को मथुरा डीपीआरओ के निजी आवास पर विजिलेंस की टीम पहुंची और रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया है. विजिलेंस टीम किरण चौधरी को टीम अपने साथ लखनऊ ले गई.

जानकारी के मुताबिक, शिकायत मिलने के बाद मंगलवार को लखनऊ विजिलेंस की टीम मथुरा हाईवे थाना क्षेत्र इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में पहुंची. टीम ने डीपीआरओ किरण चौधरी के निजी आवास के पास जाल बिछा दिया. इस दौरान जैसे ही डीपीआरओ ने शिकायतकर्ता से रिश्वत ली तुरंत विजिलिंस की टीम ने दबोच लिया. इस दौरान टीम मे शामिल चार अधिकारियों ने किरण चौधरी के आवास की तलाशी ली तो लाखों रुपये नगदी भी मिली. फ़िलहाल मौके पर जिले में कोई भी अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं. बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता ने लखनऊ में जाकर मथुरा में तैनात डीपीआरओ किरण चौधरी के रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता के प्राथना पत्र पर लखनऊ विजिलेंस टीम ने आवास पर आकर कार्रवाई की है. डीपीआरओ के आवास से महत्वपूर्ण फाइल भी बरामद की है. एंटी करप्शन की टीम डीपीआरओ को अपने साथ लखनऊ ले गई है.

बता दें कि पिछले तीन वर्षों से पीसीएस अधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तैनात हैं. सिविल लाइन क्षेत्र राजीव भवन में किरण चौधरी का कार्यालय है. लेकिन डीपीआरओ अपना ज्यादातर ऑफिस का काम अपने निजी आवास पर करती थी. यहीं लोगों के संपर्क में रहती थी. फिलहाल जनपद में कोई भी अधिकारी इस पूरे प्रकरण को लेकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है.

डीजी विजिलेंस राजीव कृष्ण ने बताया कि डीपीआरओ को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. डीपीआरओ काम करने की एवरेज में 70 हजार रुपये की रिश्वत मांग रही थीं. शिकायतकर्ता ने लखनऊ विजिलेंस टीम से संपर्क किया. इसके बाद मंगलवार को टीम में एसपी महिला समेत पांच अधिकारी डीपीआरओ के घर पर छापा मारा और रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है.

संभल में रिश्वतखोर सहकारी समिति के सचिव गिरफ्तार.
संभल में रिश्वतखोर सहकारी समिति के सचिव गिरफ्तार. (Photo Credit; ETV Bharat)

संभल में सहकारी समिति के सचिव को 5 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार, डेढ़ साल होने वाले थे रिटायर
संभल में एंटी करप्शन टीम ने सहकारी समिति के सचिव को 5 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. नखासा थाना इलाके के ग्राम शरीफपुर स्थित बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति लिमिटेड शरीफपुर में राकेश पाल सिंह सहकारी समिति के सचिव के तौर पर तैनात हैं. जो कि 30 जून 2026 को सेवानिवृत होने वाले थे. सहकारी समिति के कर्मचारी योगेंद्र सिंह ने एंटी करप्शन टीम को शिकायत की थी कि सचिव राकेश पाल सिंह उसकी वार्षिक वेतन वृद्धि को वेतन में जोड़ने के नाम पर 5000 की रिश्वत मांग रहे हैं. इसके बाद मुरादाबाद एंटी करप्शन टीम के प्रभारी सुशील कुमार के नेतृत्व में मंगलवार को टीम गांव शरीफपुर स्थित सहकारी समिति के सचिव राकेश पाल सिंह को 5000 को रिश्वत के साथ मौके से धर दबोचा. एंटी करप्शन टीम आरोपी सचिव को अपने साथ लेकर नखासा थाना पहुंची. नखासा थाना प्रभारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जा रही है.

ललितपुर में एंटी करप्शन टीम ने लेखपाल को 5 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा
ललितपुर: एंटी करप्शन की टीम ने किसान से 5000 की रिश्वत वसूलते लेखपाल को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है. तालबेहट कोतवाली के रामपुर के मजरा हंसारी निवासी किसान अमिताब कुमार ने एंटी करप्शन टीम को दी शिकायत में बताया कि मां की मृत्यु हो जाने के बाद उसकी माता भुवन कुवर के नाम भूमि उसके भाई लल्लूराजा, कल्यान सिंह, अनिल कुमार के नाम आ गयी थी. लेकिन अमिताब कुमार की जगह अनिल कुमार लेखपाल की त्रुटि से खतौनी में अंकित हो गया था. जबकि उसके अन्य अभिलेखों में उसका नाम अमिताब कुमार ही है. खतौनी में सही दर्ज कराने के लिए उपजिलाधिकारी तालबेहट को 9 अक्टूबर 2023 को प्रार्थना पत्र दिया था. उपजिलाधिकारी ने उसी दिन नायब तहसीलदार को रिपोर्ट देने के लिए आदेश दिया था. जब वह तहसीलदार से मिला तो उनके द्वारा लेखपाल से रिपोर्ट लगवाने के लिए कहा गया. जब वह अपने क्षेत्र के लेखपाल राजेन्द्र रजक से मिला तो कहा कि मामला काफी पुराना है. 5000 रुपये दे दो तो जल्दी काम कर दूंगा. इसकी शिकायत भृष्टाचार निवारण संघ झंसी इकाई में की थी. इसके बाद मंगलवार को झांसी की टीम द्वारा 5000 रुपये रिश्वत लेते हुये लेखपाल राजेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया है.

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