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संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस पर गूंजेगे कौशिकी चक्रवर्ती के स्वर, जानिए क्या होगा खास - Cultural Event in Lucknow

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस (Foundation Day of Sangeet Natak Academy 20 नवंबर) को कोलकाता की पटियाला घराने की विदुषी कौशिकी चक्रवर्ती अपने हुनर का जलवा बिखेरेंगी. कौशिकी चक्रवर्ती ख्याल व ठुमरी को प्रभावी रूप से पेश करने वाली लोकप्रिय शास्त्रीय और उपशास्त्रीय गायिका हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 9:27 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस के दिन कोलकाता की पटियाला घराने की विदुषी कौशिकी चक्रवर्ती अपने हुनर का जलवा बिखेरेंगी. अकादमी का स्थापना दिवस 20 नवम्बर को मनाया जाएगा. इस अवसर पर अकादमी की ओर से परंपरा के अनुसार ‘धरोहर” सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन गोमतीनगर स्थित, अकादमी परिसर के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में किया जाएगा. शाम छह बजे होने वाले इस यादगार कार्यक्रम में कोलकाता से पटियाला घराने की विदुषी कौशिकी चक्रवर्ती मुख्य कलाकार होंगी.

संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस पर होंगे ये कार्यक्रम.
संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस पर होंगे ये कार्यक्रम.

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के राग आधारित होगी प्रस्तुति : संस्कृति एवं पर्यटन के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की प्रस्तुति हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के राग आधारित उपचार पर केन्द्रित व्याख्यान होगा. उसमें इसके प्रतिष्ठित शोधकर्ता को आमंत्रित किया जाएगा. उनके अनुसार राग आधारित संगीत से ध्यान और स्मरण शक्ति भी बेहतर होती है. संगीत नाटक अकादमी के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्पिक मैके सहित अन्य संस्थाओं के सहयोग से युवाओं तक भारतीय संगीत को पहुंचाया जाएगा. इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्थानीय संगीत विद्यालय, विश्वविद्यालय और विद्यालयों को भी शामिल किया जाएगा.

संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का पोस्टर जारी करते अधिकारी.
संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का पोस्टर जारी करते अधिकारी.

अकादमी के तीन लक्ष्य : संस्कृति एवं पर्यटन के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि मुख्य रूप से गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, बरेली, आगरा, वाराणसी जैसे शहरों को अभियान से जोड़ा जा रहा है. अकादमी सहित अन्य संस्कृति संस्थानों की आय सृजन के स्रोत बढ़ाने की दिशा में भी कार्य भी किया जा रहा है. अकादमी के तीन लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. उसके अनुसार शैक्षिणिक कार्य, वर्तमान संस्कृति का अभिलेखीकरण और प्रदेश स्तर पर प्रस्तुतियां करना हैं. भारतेन्दु नाट्य अकादमी के संदर्भ में कहा कि दशकों के बाद वहां रंगमंडल का गठन कर दिया गया है. जल्द ही उन्हें बस वाहन की सुविधा भी दी जाएगी जिससे वह प्रदेश भर में नाट्य प्रस्तुतियां कराई जा सकें. प्रयास है कि पूरे प्रदेश के विभिन्न जनपदों में महोत्सव आयोजित किया जाएं. इस दिशा में बलिया महोत्सव, फिरोजाबाद महोत्सव, आजमगढ़ महोत्सव सफलता पूर्वक करवाए जा चुके हैं. राजकीय संगीत महाविद्यालय के भवन का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान भी शुरू होने जा रहे हैं. इससे शोधकार्य को प्रोत्साहन मिलेगा.

संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का पोस्टर जारी करते अधिकारी.
संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का पोस्टर जारी करते अधिकारी.

सांस्कृतिक आयोजन में भी लगेगा टिकट, एसएनए से हो रही शुरुआत : उत्तर प्रदेश में अब शास्त्रीय संगीत, शास्त्री गायन-वादन, नाटक, बौद्ध व जैन धर्म की संस्कृति व भारतीय भाषाओं के साहित्य से जुड़े डिग्री और कोर्स उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी राज्य ललित कला अकादमी, पंडित बिरजू महाराज कथक संस्थान भारतेंदु नाट्य अकादमी, बौद्ध व जैन शोध संस्थान सहित प्रदेश के 14 संस्थानों में जल्द ही शुरू होंगे. यह सभी डिग्री कोर्स भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के अधीन संचालित किए जाएंगे. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने दी है.

20 से 50 रुपये होंगे टिकट के दाम : प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश में संस्कृति विभाग के सौजन्य से संचालित संस्थाओं द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रवेश टिकट लगेगा. 20 नवंबर को इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस के अवसर पर शुरू हो रहे धरोहर कार्यक्रम से की जा रही है. संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे महाराज ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए ₹20 से लेकर ₹50 तक का टिकट रखा गया है.

प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति के नियम भी बदला : प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम के अनुसार ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, भारतेंदु नाट्य अकादमी, बौद्ध एवं जैन संस्थान जैसे संस्कृति विभाग के अधीन आने वाले संस्थानों में अब किसी प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति के नियम को भी बदल दिया गया है. अब इन संस्थानों में उसे विद्या के एक्सपर्ट को ही जिम्मेदारी सौंप जा रही है. जिससे इन संस्थाओं के स्थापना का जो मुख्य उद्देश्य है उसे पूरा किया जा सके. इसके अलावा आजमगढ़ के हरिहरपुर में राज्य स्तरीय संगीत महाविद्यालय की स्थापना का काम चल रहा है. अगले वर्ष से यहां पर पूर्ण रूप से संगीत की पढ़ाई शुरू हो जाएगी.

यह भी पढ़ें : संगीत नाटक अकादमी लखनऊ में तरासा जाएगा कला साधकों का हुनर, Anonymous Artists करेंगे यह काम

लखनऊ: 18 नवम्बर को होगा संगीत नाटक अकादमी का वार्षिकोत्सव

लखनऊ : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस के दिन कोलकाता की पटियाला घराने की विदुषी कौशिकी चक्रवर्ती अपने हुनर का जलवा बिखेरेंगी. अकादमी का स्थापना दिवस 20 नवम्बर को मनाया जाएगा. इस अवसर पर अकादमी की ओर से परंपरा के अनुसार ‘धरोहर” सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन गोमतीनगर स्थित, अकादमी परिसर के संत गाडगे जी महाराज प्रेक्षागृह में किया जाएगा. शाम छह बजे होने वाले इस यादगार कार्यक्रम में कोलकाता से पटियाला घराने की विदुषी कौशिकी चक्रवर्ती मुख्य कलाकार होंगी.

संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस पर होंगे ये कार्यक्रम.
संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस पर होंगे ये कार्यक्रम.

हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के राग आधारित होगी प्रस्तुति : संस्कृति एवं पर्यटन के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की प्रस्तुति हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के राग आधारित उपचार पर केन्द्रित व्याख्यान होगा. उसमें इसके प्रतिष्ठित शोधकर्ता को आमंत्रित किया जाएगा. उनके अनुसार राग आधारित संगीत से ध्यान और स्मरण शक्ति भी बेहतर होती है. संगीत नाटक अकादमी के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्पिक मैके सहित अन्य संस्थाओं के सहयोग से युवाओं तक भारतीय संगीत को पहुंचाया जाएगा. इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों के स्थानीय संगीत विद्यालय, विश्वविद्यालय और विद्यालयों को भी शामिल किया जाएगा.

संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का पोस्टर जारी करते अधिकारी.
संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का पोस्टर जारी करते अधिकारी.

अकादमी के तीन लक्ष्य : संस्कृति एवं पर्यटन के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि मुख्य रूप से गोरखपुर, प्रयागराज, मेरठ, बरेली, आगरा, वाराणसी जैसे शहरों को अभियान से जोड़ा जा रहा है. अकादमी सहित अन्य संस्कृति संस्थानों की आय सृजन के स्रोत बढ़ाने की दिशा में भी कार्य भी किया जा रहा है. अकादमी के तीन लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं. उसके अनुसार शैक्षिणिक कार्य, वर्तमान संस्कृति का अभिलेखीकरण और प्रदेश स्तर पर प्रस्तुतियां करना हैं. भारतेन्दु नाट्य अकादमी के संदर्भ में कहा कि दशकों के बाद वहां रंगमंडल का गठन कर दिया गया है. जल्द ही उन्हें बस वाहन की सुविधा भी दी जाएगी जिससे वह प्रदेश भर में नाट्य प्रस्तुतियां कराई जा सकें. प्रयास है कि पूरे प्रदेश के विभिन्न जनपदों में महोत्सव आयोजित किया जाएं. इस दिशा में बलिया महोत्सव, फिरोजाबाद महोत्सव, आजमगढ़ महोत्सव सफलता पूर्वक करवाए जा चुके हैं. राजकीय संगीत महाविद्यालय के भवन का निर्माण किया जा रहा है. साथ ही अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान भी शुरू होने जा रहे हैं. इससे शोधकार्य को प्रोत्साहन मिलेगा.

संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का पोस्टर जारी करते अधिकारी.
संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस का पोस्टर जारी करते अधिकारी.

सांस्कृतिक आयोजन में भी लगेगा टिकट, एसएनए से हो रही शुरुआत : उत्तर प्रदेश में अब शास्त्रीय संगीत, शास्त्री गायन-वादन, नाटक, बौद्ध व जैन धर्म की संस्कृति व भारतीय भाषाओं के साहित्य से जुड़े डिग्री और कोर्स उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी राज्य ललित कला अकादमी, पंडित बिरजू महाराज कथक संस्थान भारतेंदु नाट्य अकादमी, बौद्ध व जैन शोध संस्थान सहित प्रदेश के 14 संस्थानों में जल्द ही शुरू होंगे. यह सभी डिग्री कोर्स भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के अधीन संचालित किए जाएंगे. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने दी है.

20 से 50 रुपये होंगे टिकट के दाम : प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश में संस्कृति विभाग के सौजन्य से संचालित संस्थाओं द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रमुख सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रवेश टिकट लगेगा. 20 नवंबर को इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के स्थापना दिवस के अवसर पर शुरू हो रहे धरोहर कार्यक्रम से की जा रही है. संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे महाराज ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए ₹20 से लेकर ₹50 तक का टिकट रखा गया है.

प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति के नियम भी बदला : प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम के अनुसार ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी, भारतेंदु नाट्य अकादमी, बौद्ध एवं जैन संस्थान जैसे संस्कृति विभाग के अधीन आने वाले संस्थानों में अब किसी प्रशासनिक अधिकारी की नियुक्ति के नियम को भी बदल दिया गया है. अब इन संस्थानों में उसे विद्या के एक्सपर्ट को ही जिम्मेदारी सौंप जा रही है. जिससे इन संस्थाओं के स्थापना का जो मुख्य उद्देश्य है उसे पूरा किया जा सके. इसके अलावा आजमगढ़ के हरिहरपुर में राज्य स्तरीय संगीत महाविद्यालय की स्थापना का काम चल रहा है. अगले वर्ष से यहां पर पूर्ण रूप से संगीत की पढ़ाई शुरू हो जाएगी.

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लखनऊ: 18 नवम्बर को होगा संगीत नाटक अकादमी का वार्षिकोत्सव

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