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प्रदूषण मामले में प्रदेश के शहर अव्वल, पहले पर कानपुर और दूसरे पर लखनऊ

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Published : Dec 4, 2020, 9:18 PM IST

उत्तर प्रदेश में अब दिल्ली से भी ज्यादा वायु प्रदूषण हो गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में कानपुर 455 अंक के साथ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में अव्वल है. वहीं, दूसरे नंबर पर लखनऊ है.

लखनऊ में प्रदूषण
लखनऊ में प्रदूषण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शहरों में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. प्रदेश भर में कई ऐसे शहर सामने आए हैं, जहां की हवा सबसे ज्यादा दूषित है. शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में उत्तर प्रदेश के शहरों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है. प्रदूषण के मामले में देश में पहले नंबर पर कानपुर है, तो वहीं दूसरे नंबर पर लखनऊ है.

देश का सबसे प्रदूषित शहर कानपुर
उत्तर प्रदेश में अब दिल्ली से भी ज्यादा वायु प्रदूषण हो गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में यह साफ हुआ है कि उत्तर प्रदेश अब दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में दिल्ली का आकड़ा 382 है तो वहीं उत्तर प्रदेश के शहरों में कानपुर 455 अंक के साथ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में अव्वल है.

लखनऊ की हवा में जहर
देश व प्रदेश में शुक्रवार को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में लखनऊ नंबर 2 पर है. लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 441 अंक तक पहुंच गया है. इसके अलावा बुलंदशहर में 434, गाजिबाद में 440, ग्रेटर नोएडा में 415, मेरठ में 403 और नोएडा में 414 एयर क्वालिटी इंडेक्स में वायु गुणवत्ता मापी गई. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी हवा में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

तालकटोरा और लालबाग का सबसे बुरा हाल
राजधानी में बीते कई दिनों से हवा में सुधार होता दिख रहा था, जिससे यह माना जा रहा था कि जिला प्रशासन के प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं. अब लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी होती जा रही है. इसकी वजह से राजधानी लखनऊ की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है. लखनऊ में सबसे ज्यादा प्रदूषण 3 क्षेत्रों में है. इनमें तालकटोरा और लालबाग क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण मापा गया है. लालबाग में 432 और तालकटोरा में 424 प्रदूषण का स्तर है. गोमती नगर क्षेत्र में भी प्रदूषण सबसे ज्यादा है. इन क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

लखनऊ जिला प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किए दिशा-निर्देश
कुछ दिन पहले प्रशासन ने प्रदूषण को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. इसके बाद भी इन निर्देशों का पालन होता नहीं दिख रहा है. जिला प्रशासन ने निर्देश दिए थे कि निर्माण कार्य स्थलों पर पानी का छिड़काव कर धूल उड़ने से रोकी जाए. निर्माण स्थल पर ग्रीन नेट लगाने समेत कई अन्य सावधानियां बरतने को कहा जा रहा था, लेकिन इसका असर नजर नहीं आ रहा.

राजधानी के कई क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें लालबाग में चल रहे निर्माण कार्य स्थलों व मिट्टी के ढके गड्ढों में धूल उड़ती नजर आ रही है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले पर सख्ती बरती जा रही है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शहरों में लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. प्रदेश भर में कई ऐसे शहर सामने आए हैं, जहां की हवा सबसे ज्यादा दूषित है. शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में उत्तर प्रदेश के शहरों का सबसे ज्यादा बुरा हाल है. प्रदूषण के मामले में देश में पहले नंबर पर कानपुर है, तो वहीं दूसरे नंबर पर लखनऊ है.

देश का सबसे प्रदूषित शहर कानपुर
उत्तर प्रदेश में अब दिल्ली से भी ज्यादा वायु प्रदूषण हो गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में यह साफ हुआ है कि उत्तर प्रदेश अब दिल्ली से ज्यादा प्रदूषित है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में दिल्ली का आकड़ा 382 है तो वहीं उत्तर प्रदेश के शहरों में कानपुर 455 अंक के साथ सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में अव्वल है.

लखनऊ की हवा में जहर
देश व प्रदेश में शुक्रवार को सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में लखनऊ नंबर 2 पर है. लखनऊ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 441 अंक तक पहुंच गया है. इसके अलावा बुलंदशहर में 434, गाजिबाद में 440, ग्रेटर नोएडा में 415, मेरठ में 403 और नोएडा में 414 एयर क्वालिटी इंडेक्स में वायु गुणवत्ता मापी गई. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में भी हवा में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है.

तालकटोरा और लालबाग का सबसे बुरा हाल
राजधानी में बीते कई दिनों से हवा में सुधार होता दिख रहा था, जिससे यह माना जा रहा था कि जिला प्रशासन के प्रयास सार्थक सिद्ध हो रहे हैं. अब लगातार एयर क्वालिटी इंडेक्स में बढ़ोतरी होती जा रही है. इसकी वजह से राजधानी लखनऊ की हवा एक बार फिर से जहरीली हो गई है. लखनऊ में सबसे ज्यादा प्रदूषण 3 क्षेत्रों में है. इनमें तालकटोरा और लालबाग क्षेत्र में सबसे अधिक प्रदूषण मापा गया है. लालबाग में 432 और तालकटोरा में 424 प्रदूषण का स्तर है. गोमती नगर क्षेत्र में भी प्रदूषण सबसे ज्यादा है. इन क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा प्रदूषण को कम करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

लखनऊ जिला प्रशासन व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जारी किए दिशा-निर्देश
कुछ दिन पहले प्रशासन ने प्रदूषण को रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. इसके बाद भी इन निर्देशों का पालन होता नहीं दिख रहा है. जिला प्रशासन ने निर्देश दिए थे कि निर्माण कार्य स्थलों पर पानी का छिड़काव कर धूल उड़ने से रोकी जाए. निर्माण स्थल पर ग्रीन नेट लगाने समेत कई अन्य सावधानियां बरतने को कहा जा रहा था, लेकिन इसका असर नजर नहीं आ रहा.

राजधानी के कई क्षेत्रों में निर्माण कार्य चल रहा है, जिनमें लालबाग में चल रहे निर्माण कार्य स्थलों व मिट्टी के ढके गड्ढों में धूल उड़ती नजर आ रही है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन द्वारा इस पूरे मामले पर सख्ती बरती जा रही है.

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