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शुरू हुआ राजधानी की अदालतों में काम-काज, वादकारियों ने ली राहत की सांस

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Published : Aug 9, 2021, 9:39 PM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ की जिला एवं सत्र अदालत में सोमवार से न्यायिक सुचारू रूप से शुरू हो गया है. यहां के अधिवक्ताओं की सेंट्रल बार एसोसिएशन (Central Bar Association) ने अपने मांगों के निदान के लिए शुरू की गई हड़ताल को स्थगित कर दिया है.

न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश लखनऊ
न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश लखनऊ

लखनऊ: सोमवार से राजधानी की जिला एवं सत्र अदालत में न्यायिक सुचारू रूप से शुरू हो गया है. यहां के अधिवक्ताओं की सेंट्रल बार एसोसिएशन (Central Bar Association) ने अपने मांगों के निदान के लिए शुरू की गई हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया है.

उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त से सेंट्रल बार एसोसिएशन (Central Bar Association) के आह्वान पर वकील न्यायिक कार्यों से विरत चल रहे थे. सेंट्रल बार की मांग है कि किसी मुकदमे में दूसरे वकील का वकालतनामा पूर्व वकील की अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना मंजूर नहीं किया जाए. साथ ही वकालतनामे पर सीबीए से जारी कूपन भी पूर्व की भांति लगाया जाए. वहीं परिसर में बंद पड़े लिफ्ट को शुरू किए जाने की मांग भी कई दिनों से की जा रही है. सेंट्रल बार ने अपनी अन्य मांगों के साथ ही इस प्रस्ताव की प्रति कार्रवाई के लिए जनपद न्यायाधीश को भेजी है. साथ ही उनसे 15 दिन में इस पर कार्यवाही का अनुरोध किया है.

सेंट्रल बार ने इसके पूर्व जिला जज को भेजे गए प्रस्ताव में यह भी मांग किया था कि दीवानी के एक मामले में कैविएट दाखिल होने के बावजूद पारित स्थगन आदेश को प्रशासनिक स्तर पर वापस लिया जाए. वहीं सोमवार को सेंट्रल बार के अध्यक्ष सुनील कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता व महासचिव ब्रजेश कुमार यादव के संचालन में सम्पन्न हुई. आम सभा की बैठक में फिलहाल काम पर लौटने का प्रस्ताव पारित किया गया. इस आशय की जानकारी संयुक्त सचिव सुरेंद्र कुमार मौर्या ने दी है.
इसे भी पढ़ें- धनबाद जज की मौत मामले में SC का CBI को निर्देश, जानें क्या कहा

लखनऊ: सोमवार से राजधानी की जिला एवं सत्र अदालत में न्यायिक सुचारू रूप से शुरू हो गया है. यहां के अधिवक्ताओं की सेंट्रल बार एसोसिएशन (Central Bar Association) ने अपने मांगों के निदान के लिए शुरू की गई हड़ताल को फिलहाल स्थगित कर दिया है.

उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त से सेंट्रल बार एसोसिएशन (Central Bar Association) के आह्वान पर वकील न्यायिक कार्यों से विरत चल रहे थे. सेंट्रल बार की मांग है कि किसी मुकदमे में दूसरे वकील का वकालतनामा पूर्व वकील की अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना मंजूर नहीं किया जाए. साथ ही वकालतनामे पर सीबीए से जारी कूपन भी पूर्व की भांति लगाया जाए. वहीं परिसर में बंद पड़े लिफ्ट को शुरू किए जाने की मांग भी कई दिनों से की जा रही है. सेंट्रल बार ने अपनी अन्य मांगों के साथ ही इस प्रस्ताव की प्रति कार्रवाई के लिए जनपद न्यायाधीश को भेजी है. साथ ही उनसे 15 दिन में इस पर कार्यवाही का अनुरोध किया है.

सेंट्रल बार ने इसके पूर्व जिला जज को भेजे गए प्रस्ताव में यह भी मांग किया था कि दीवानी के एक मामले में कैविएट दाखिल होने के बावजूद पारित स्थगन आदेश को प्रशासनिक स्तर पर वापस लिया जाए. वहीं सोमवार को सेंट्रल बार के अध्यक्ष सुनील कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता व महासचिव ब्रजेश कुमार यादव के संचालन में सम्पन्न हुई. आम सभा की बैठक में फिलहाल काम पर लौटने का प्रस्ताव पारित किया गया. इस आशय की जानकारी संयुक्त सचिव सुरेंद्र कुमार मौर्या ने दी है.
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