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बदले गए यूपी भाजपा पंचायत प्रभारी, अब जेपीएस राठौर संभालेंगे जिम्मेदारी

उत्तर प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन की वजह से भाजपा ने विजय बहादुर पाठक को पंचायत चुनाव प्रभारी के पद से हटा दिया है. उनके स्थान पर जेपीएस राठौर को पंचायत प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है.

भारतीय जनता पार्टी.
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Published : Jun 19, 2021, 6:39 AM IST

लखनऊ: हाल ही में प्रदेश में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन की वजह से पंचायत चुनाव प्रभारी बदल दिए गए हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को पंचायत चुनाव प्रभारी के दायित्व से हटा दिया है. विजय बहादुर पाठक के स्थान पर पार्टी के प्रदेश महासचिव जेपीएस राठौर को पंचायत प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है. जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जेपीएस के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.

बता दें कि हाल ही में प्रदेश में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था. बीजेपी ने पंचायत चुनावों के लिए अभूतपूर्व तैयारी भी की थी, लेकिन नतीजे चौंकाने वाले आए. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी सीधे तीसरे नंबर पर चली गई. पंचायत चुनाव में हार की समीक्षा हुई, कई बैठकें भी की गईं. दिल्ली से यूपी तक बैठकों का दौर चलता रहा. हालांकि अब पार्टी की निगाहें इन चुनाव में मिली हार को भुलाने पर है और आगे की रणनीति तय करने पर है.

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी का सारा फोकस इसी महीने होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव पर हैं. बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत 75 जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष और 826 ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में झोंक दी है. विधायक से लेकर मंत्री और सांसदों को जिला पंचायत की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का काम दिया गया है.

बीएल संतोष ने कसे पेंच
पंचायत चुनाव के नतीजों से बीजेपी को जैसी उम्मीद थी, वैसा हुआ नहीं. बीजेपी निर्दलीयों से भी पिछड़ गई. विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की पंचायत चुनाव में यह हालत होगी, शायद संगठन ने भी ऐसा नहीं सोचा था. इसलिए इन नतीजों के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष को लखनऊ आना पड़ा. बीएल संतोष ने लखनऊ में संगठन के पदाधिकारियों से लेकर सरकार के मंत्रियों तक से इन चुनाव में मिली हार की वजह पूछी. उन्होंने पूरा रिपोर्ट कार्ड तैयार किया और संगठन से लेकर सरकार के मंत्रियों तक के पेंच कसे. सभी नेताओं को जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का काम भी दिया. बीएल संतोष ने साफ शब्दों में कहा कि अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में कोई कोर कसर नहीं रहनी चाहिए.

इसे भी पढ़ें:- स्मृति ईरानी की बढ़ीं मुश्किलें, शूटर वर्तिका मामले में HC ने 2 को जारी किया नोटिस

तैयारी से पहले की गई कार्रवाई
प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था. प्रदेश में हुए जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा. पार्टी ने चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा की. विभिन्न स्तर पर मंथन किया गया. इसके बाद पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को पंचायत प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है.

जेपीएस लड़ाएंगे जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव
पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी के प्रदेश महासचिव जेपीएस राठौर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. जेपीएस राठौर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की जिम्मेदारी संभालेंगे. भाजपा ने प्रदेश के 75 जिलों में से 60-65 जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. पार्टी पूरी ताकत के साथ प्रदेश के सभी जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. आपको बता दें कि जेपीएस राठौर 2014 से 2019 के बीच चुनाव प्रबंधन के प्रभारी रहे हैं. अब उन्हें एक बार फिर पंचायत चुनाव का दायित्व सौंपा गया है.

हार के विभिन्न कारण
भारतीय जनता पार्टी को मिली हार के पीछे के कई कारण बताए जा रहे हैं. पहला कारण यह कि जितना हो हल्ला के साथ भाजपा चुनाव लड़ने का ढिंढोरा पीट रही थी, उस हिसाब से जमीन पर काम नहीं हुआ. पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. उन्हें चुनाव में किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली. आमतौर पर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा पूरी ताकत झोंक देती है. उन चुनावों में प्रत्याशी नहीं बल्कि संगठन चुनाव लड़ता रहा है. कार्यकर्ताओं की यही अपेक्षा रही. पार्टी ने सभी जिला पंचायत वार्डों में बड़े नेताओं के कार्यक्रम तय किए थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इस पर पार्टी की दलील रही कि कोविड के चलते नेताओं के कार्यक्रम नहीं लगाए जा सके.

लखनऊ: हाल ही में प्रदेश में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन की वजह से पंचायत चुनाव प्रभारी बदल दिए गए हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा नेतृत्व ने प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को पंचायत चुनाव प्रभारी के दायित्व से हटा दिया है. विजय बहादुर पाठक के स्थान पर पार्टी के प्रदेश महासचिव जेपीएस राठौर को पंचायत प्रभारी का दायित्व सौंपा गया है. जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जेपीएस के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा.

बता दें कि हाल ही में प्रदेश में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा था. बीजेपी ने पंचायत चुनावों के लिए अभूतपूर्व तैयारी भी की थी, लेकिन नतीजे चौंकाने वाले आए. सत्ताधारी पार्टी बीजेपी सीधे तीसरे नंबर पर चली गई. पंचायत चुनाव में हार की समीक्षा हुई, कई बैठकें भी की गईं. दिल्ली से यूपी तक बैठकों का दौर चलता रहा. हालांकि अब पार्टी की निगाहें इन चुनाव में मिली हार को भुलाने पर है और आगे की रणनीति तय करने पर है.

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी का सारा फोकस इसी महीने होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव पर हैं. बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत 75 जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष और 826 ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में झोंक दी है. विधायक से लेकर मंत्री और सांसदों को जिला पंचायत की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का काम दिया गया है.

बीएल संतोष ने कसे पेंच
पंचायत चुनाव के नतीजों से बीजेपी को जैसी उम्मीद थी, वैसा हुआ नहीं. बीजेपी निर्दलीयों से भी पिछड़ गई. विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की पंचायत चुनाव में यह हालत होगी, शायद संगठन ने भी ऐसा नहीं सोचा था. इसलिए इन नतीजों के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन बीएल संतोष को लखनऊ आना पड़ा. बीएल संतोष ने लखनऊ में संगठन के पदाधिकारियों से लेकर सरकार के मंत्रियों तक से इन चुनाव में मिली हार की वजह पूछी. उन्होंने पूरा रिपोर्ट कार्ड तैयार किया और संगठन से लेकर सरकार के मंत्रियों तक के पेंच कसे. सभी नेताओं को जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख की ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने का काम भी दिया. बीएल संतोष ने साफ शब्दों में कहा कि अब जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में कोई कोर कसर नहीं रहनी चाहिए.

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तैयारी से पहले की गई कार्रवाई
प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया था. प्रदेश में हुए जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा. पार्टी ने चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा की. विभिन्न स्तर पर मंथन किया गया. इसके बाद पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक को पंचायत प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है.

जेपीएस लड़ाएंगे जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव
पार्टी सूत्रों की मानें तो पार्टी के प्रदेश महासचिव जेपीएस राठौर को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है. जेपीएस राठौर प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की जिम्मेदारी संभालेंगे. भाजपा ने प्रदेश के 75 जिलों में से 60-65 जिला पंचायत अध्यक्ष की सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है. पार्टी पूरी ताकत के साथ प्रदेश के सभी जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत अध्यक्षों का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. आपको बता दें कि जेपीएस राठौर 2014 से 2019 के बीच चुनाव प्रबंधन के प्रभारी रहे हैं. अब उन्हें एक बार फिर पंचायत चुनाव का दायित्व सौंपा गया है.

हार के विभिन्न कारण
भारतीय जनता पार्टी को मिली हार के पीछे के कई कारण बताए जा रहे हैं. पहला कारण यह कि जितना हो हल्ला के साथ भाजपा चुनाव लड़ने का ढिंढोरा पीट रही थी, उस हिसाब से जमीन पर काम नहीं हुआ. पार्टी ने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. उन्हें चुनाव में किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिली. आमतौर पर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा पूरी ताकत झोंक देती है. उन चुनावों में प्रत्याशी नहीं बल्कि संगठन चुनाव लड़ता रहा है. कार्यकर्ताओं की यही अपेक्षा रही. पार्टी ने सभी जिला पंचायत वार्डों में बड़े नेताओं के कार्यक्रम तय किए थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. इस पर पार्टी की दलील रही कि कोविड के चलते नेताओं के कार्यक्रम नहीं लगाए जा सके.

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