ETV Bharat / state

Joint Workshop of TIFAC DSIR CDRI : सीडीआरआई के निदेशक ने टीआरएल और अन्य तकनीक के लिए कही यह बात

टीआईएफ़एसी-डीएसआईआर-सीडीआरआई (Joint Workshop of TIFAC DSIR CDRI) की ओर से सोमवार को प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर पर संयुक्त कार्यशाला आयोजित हुई. इस अवसर पर सीडीआरआई के निदेशक ने टीआरएल और अन्य तकनीक की महत्ता समझाई.

c
c
author img

By

Published : Jan 24, 2023, 11:56 AM IST

लखनऊ : रसायन, औषधि, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में टीआईएफ़एसी-डीएसआईआर-सीडीआरआई (TIFAC-DSIR-CDRI) की ओर से सोमवार को प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (टीआरएल) पर संयुक्त कार्यशाला आयोजित हुई. प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर-6 (टीआरएल-6) प्रौद्योगिकी की प्रदर्शित तत्परता की ओर एक बड़ा कदम प्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC), भारत सरकार प्रयोगशालाओं/शिक्षाविदों/स्टार्ट-अप द्वारा विकसित स्वदेशी नवाचारों का मूल्यांकन और संकलन कर रही है.

टीआईएफ़एसी देश के प्रौद्योगिकी दृष्टि (टेक्नोलाजी विजन) के लिए थिंक टैंक के तौर पर कार्यशील है. इस प्रयास में टीआईएफ़एसी देश के विभिन्न हिस्सों में एक नोडल संगठन के साथ संयुक्त रूप से कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है. सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने रसायन, औषधि, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक दिवसीय टीआईएफएसी-डीएसआईआर-सीडीआरआई संयुक्त कार्यशाला की मेजबानी की.
सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगाराजन ने इस तरह की पहल करने के लिए टीआईएफएसी टीम की सराहना की. कार्यशाला में विभिन्न इंडस्ट्रीज एवं अकेडेमिया जैसे, ई-स्पिन नैनोटेक प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर, अदम्य हर्बल केयर, एवं एरा मेडिकल कॉलेज, लखनऊ, सीएसआईआर-सीडीआरआई, केजीएमयू लखनऊ, आईआईटी-कानपुर, एनआईपीईआर-रायबरेली के सदस्यों नें अपनी प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत किया.

क्या है टीआरएल : प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर, किसी प्रौद्योगिकी के परिपक्वता के स्तर को सूचित करने वाला एक संख्यात्मक मान है जो यह बताता है कि वह प्रौद्योगिकी कितनी परिपक्व हो चुकी है. इस प्रकार यह किसी प्रौद्योगिकी की परिपक्वता के स्तर का मूल्यांकन करने में सहायक होती है. इसे 'प्रौद्योगिकी परिपक्वता स्तर' भी कह सकते हैं. कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की चुनौतियों और व्यावसायीकरण की दिशा में समाधान पर बहुत ही जानकारीपूर्ण परिचर्चा (पैनल डिस्कशन) भी हुई. पैनलिस्ट टीम में प्रख्यात वैज्ञानिक और उद्यमी डॉ. राधा रंगराजन, निदेशक सीएसआईआर-सीडीआरआई, पुलक रंजन बासक, वैज्ञानिक जी, टीआईएफएसी, प्रो. शुभिनी सराफ, निदेशक, एनआईपीईआर- रायबरेली, डॉ. श्रद्धा गोयनका, प्रबंध निदेशक, बायोटेक डेस्क प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे. कंपनी खोलने के दौरान उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई एवं संभावित समाधान भी सामने रखे गए. उदाहरण के लिए डिजाइन थिंकिंग किस प्रकर से की जा सकती है एवं बाजार में पूर्व-विकसित उत्पादोन के माध्यम से कैसे सीखा जा सकता है जैसे बिन्दु चर्चा में शामिल रहे.

लखनऊ : रसायन, औषधि, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में टीआईएफ़एसी-डीएसआईआर-सीडीआरआई (TIFAC-DSIR-CDRI) की ओर से सोमवार को प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (टीआरएल) पर संयुक्त कार्यशाला आयोजित हुई. प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर-6 (टीआरएल-6) प्रौद्योगिकी की प्रदर्शित तत्परता की ओर एक बड़ा कदम प्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC), भारत सरकार प्रयोगशालाओं/शिक्षाविदों/स्टार्ट-अप द्वारा विकसित स्वदेशी नवाचारों का मूल्यांकन और संकलन कर रही है.

टीआईएफ़एसी देश के प्रौद्योगिकी दृष्टि (टेक्नोलाजी विजन) के लिए थिंक टैंक के तौर पर कार्यशील है. इस प्रयास में टीआईएफ़एसी देश के विभिन्न हिस्सों में एक नोडल संगठन के साथ संयुक्त रूप से कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है. सीएसआईआर-केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ ने रसायन, औषधि, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक दिवसीय टीआईएफएसी-डीएसआईआर-सीडीआरआई संयुक्त कार्यशाला की मेजबानी की.
सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधा रंगाराजन ने इस तरह की पहल करने के लिए टीआईएफएसी टीम की सराहना की. कार्यशाला में विभिन्न इंडस्ट्रीज एवं अकेडेमिया जैसे, ई-स्पिन नैनोटेक प्राइवेट लिमिटेड, कानपुर, अदम्य हर्बल केयर, एवं एरा मेडिकल कॉलेज, लखनऊ, सीएसआईआर-सीडीआरआई, केजीएमयू लखनऊ, आईआईटी-कानपुर, एनआईपीईआर-रायबरेली के सदस्यों नें अपनी प्रौद्योगिकियों को प्रस्तुत किया.

क्या है टीआरएल : प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर, किसी प्रौद्योगिकी के परिपक्वता के स्तर को सूचित करने वाला एक संख्यात्मक मान है जो यह बताता है कि वह प्रौद्योगिकी कितनी परिपक्व हो चुकी है. इस प्रकार यह किसी प्रौद्योगिकी की परिपक्वता के स्तर का मूल्यांकन करने में सहायक होती है. इसे 'प्रौद्योगिकी परिपक्वता स्तर' भी कह सकते हैं. कार्यक्रम में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की चुनौतियों और व्यावसायीकरण की दिशा में समाधान पर बहुत ही जानकारीपूर्ण परिचर्चा (पैनल डिस्कशन) भी हुई. पैनलिस्ट टीम में प्रख्यात वैज्ञानिक और उद्यमी डॉ. राधा रंगराजन, निदेशक सीएसआईआर-सीडीआरआई, पुलक रंजन बासक, वैज्ञानिक जी, टीआईएफएसी, प्रो. शुभिनी सराफ, निदेशक, एनआईपीईआर- रायबरेली, डॉ. श्रद्धा गोयनका, प्रबंध निदेशक, बायोटेक डेस्क प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे. कंपनी खोलने के दौरान उद्यमियों के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा हुई एवं संभावित समाधान भी सामने रखे गए. उदाहरण के लिए डिजाइन थिंकिंग किस प्रकर से की जा सकती है एवं बाजार में पूर्व-विकसित उत्पादोन के माध्यम से कैसे सीखा जा सकता है जैसे बिन्दु चर्चा में शामिल रहे.

यह भी पढ़ें : पूर्व विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों को वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने बताया निराधार, कहा- जेल में सभी बंदी एक समान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.