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सपा-बसपा की संयुक्त रैली में सवर्ण जातियों के लिए क्या बोलेंगे अखिलेश

सहारनपुर के देवबंद में सपा-बसपा की संयुक्त रैली में अखिलेश यादव के भाषण पर सभी की निगाहें टिकी होंगी. देखने वाली बात ये होगी कि अखिलेश यादव सवर्ण वर्ग को लेकर किस तरह का रूख अपनाएंगे.

देवबंद में अखिलेश मायावती एक साथ करेंगे जनसभा को संबोधित.
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Published : Apr 7, 2019, 12:13 PM IST

लखनऊ: रविवार को सहारनपुर के देवबंद में सपा बसपा की पहली संयुक्त चुनावी रैली होने वाली है. इसमें सबसे ज्यादा अहम होगा समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का भाषण. लोगों की नजर इस बात पर होगी कि अखिलेश यादव अपनी चुनावी रैली में सामान्य वर्ग यानी सवर्ण जाति के मतदाताओं को लेकर क्या कहेंगे.

देवबंद में अखिलेश मायावती एक साथ करेंगे जनसभा को संबोधित.

सपा ने पिछले कुछ महीनों में अपना राजनीतिक एजेंडा बदलने की कोशिश की है. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सामान्य वर्ग को लेकर विशेष टिप्पणी की है और यह माना है कि इन जातियों का देश के संसाधनों पर आबादी से ज्यादा कब्जा है. इस वजह से देश में बड़े स्तर पर असमानता है.

रविवार को जब सपा-बसपा की पहली रैली में अखिलेश यादव का भाषण होगा तो लोगों की नजर इसी पर टिकी रहेगी कि वह पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक गठजोड़ को मजबूत करने के लिए किन बातों पर फोकस करेंगे. सवर्ण जातियों को लेकर उनका रुख और अधिक आक्रामक होता है या अपने घोषणापत्र के ऐलान को वह मुलायम रूप देना पसंद करेंगे.

लखनऊ: रविवार को सहारनपुर के देवबंद में सपा बसपा की पहली संयुक्त चुनावी रैली होने वाली है. इसमें सबसे ज्यादा अहम होगा समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का भाषण. लोगों की नजर इस बात पर होगी कि अखिलेश यादव अपनी चुनावी रैली में सामान्य वर्ग यानी सवर्ण जाति के मतदाताओं को लेकर क्या कहेंगे.

देवबंद में अखिलेश मायावती एक साथ करेंगे जनसभा को संबोधित.

सपा ने पिछले कुछ महीनों में अपना राजनीतिक एजेंडा बदलने की कोशिश की है. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सामान्य वर्ग को लेकर विशेष टिप्पणी की है और यह माना है कि इन जातियों का देश के संसाधनों पर आबादी से ज्यादा कब्जा है. इस वजह से देश में बड़े स्तर पर असमानता है.

रविवार को जब सपा-बसपा की पहली रैली में अखिलेश यादव का भाषण होगा तो लोगों की नजर इसी पर टिकी रहेगी कि वह पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक गठजोड़ को मजबूत करने के लिए किन बातों पर फोकस करेंगे. सवर्ण जातियों को लेकर उनका रुख और अधिक आक्रामक होता है या अपने घोषणापत्र के ऐलान को वह मुलायम रूप देना पसंद करेंगे.

Intro:लखनऊ . हाथों में नीला और लाल हरा झंडा थामे मायावती अखिलेश यादव जिंदाबाद का नारा लगा रहे कार्यकर्ताओं का यह हुजूम कुछ महीने पहले लखनऊ में दिखाई दिया था जब मायावती और अखिलेश यादव ने गठबंधन का ऐलान किया था रविवार को इसका बड़ा रूप सहारनपुर के देवबंद में होने वाली सपा बसपा की पहली संयुक्त चुनावी रैली में भी दिखेगा लेकिन इसमें सबसे ज्यादा अहम होगा समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का भाषण. लोगों की नजर इस पर रहेगी कि अखिलेश यादव अपनी चुनावी रैली में सामान्य वर्ग यानी सवर्ण जाति के मतदाताओं को लेकर क्या कहेंगे.


Body:समाजवादी पार्टी ने पिछले कुछ महीनों में अपना राजनीतिक एजेंडा बदलने की कोशिश की है. पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में सामान्य वर्ग की जातियों को लेकर विशेष टिप्पणी की है और यह माना है कि इन जातियों का देश के संसाधनों पर आबादी से ज्यादा कब्जा है और इस वजह से देश में बड़े स्तर पर असमानता है. रविवार को जब समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की पहली रैली में अखिलेश यादव का भाषण होगा तो लोगों की नजर इसी पर टिकी रहेगी कि वह पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक गठजोड़ को मजबूत करने के लिए किन बातों पर फोकस करेंगे सवर्ण जातियों को लेकर उनका रुख और अधिक आक्रामक होता है या अपने घोषणापत्र के ऐलान को वह मुलायम रूप देना पसंद करेंगे।

पीटीसी अखिलेश तिवारी


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