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सीएम के ऐलान में क्यों हो रही देरी....महाराष्ट्र में असली शिवसेना कौन? अरविंद सावंत ने कुछ ऐसे BJP को घेरा

महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री बनाने में हो रही देरी पर ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने अरविंद सावंत से खास बातचीत की.

MAHARASHTRA
देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे, दूसरी तस्वीर में अरविंद सावंत ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए (ETV Bharat and ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में अगला सीएम कौन होगा, इसको लेकर दिल्ली से लेकर मुंबई तक सियासी सरगर्मी जारी है. विपक्ष ने तो इसे मुद्दा बना दिया है. वहीं , निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि,उन्हें भाजपा का सीएम मंजूर है. उन्होंने कहा कि, जो पीएम मोदी और अमित शाह चाहेंगे वही होगा. सरकार बनाने के लिए उनकी तरफ से कोई अड़चन नहीं है. कुल मिलाकर अब यह तय हो चुका है कि, महाराष्ट्र में बीजेपी का सीएम होगा.

इधर विपक्ष का कहना है कि सरकार बनाने और मुख्यमंत्री का नाम तय करने में देरी की वजह महायुति के बीच आपसी तालमेल की कमी और सीएम पद को लेकर खींचतान है. शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि, अगर इसकी जगह महाविकास अघाडी को बहुमत मिला होता तो यही महायुति आरोपों का पिटारा लेकर बैठ गई होती. सावंत ने कहा कि ऐसी स्थिति में बीजेपी और यही शिंदे की शिवसेना के नेता संविधान के नियमों का हवाला देते हुए 26 नवंबर तक ही सरकार बनाने की बाध्यता बताते. मगर अब महायुति के नेता किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद, अरविंद सावंत से खास बातचीत (ETV Bharat)

साथ ही अरविंद सावंत ने महायुति की जीत की बड़ी वजह के पीछे ईवीएम के खेल को बताया. साथ ही उन्होंने तुष्टिकरण, फेक वीडियो फैलाने और पैसे बांटने के आरोप भी महायुति के नेताओं पर लगाए. इस सवाल पर कि क्या उद्धव सेना ईवीएम के मुद्दे को कोर्ट में ले जाएगी. इस पर सावंत ने कहा कि, अब तो उनको अदालतों पर भी भरोसा नहीं रहा. सावंत ने माना कि, 'माझी बहिन योजना' का योगदान भी महायुति की जीत में रहा.

शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत वक्फ बोर्ड पर बनी जेपीसी के सदस्य भी हैं. सवाल है कि, आज जेपीसी में एक रेजोल्यूशन पारित कर उसकी समय सीमा बढ़ाने की सहमति जताएंगे . इस पर रिपोर्ट संभवतः अब बजट सेशन में रखे जाएंगे. इस सवाल पर अरविंद सावंत ने कहा कि समय बढ़ना सही है लेकिन जेपीसी में ऐसे लोगों को बुलाकर बात की जा रही है जो स्टेक होल्डर ही नहीं जिनका वक्फ बोर्ड से ही कुछ लेना देना नहीं.

इस सवाल पर कि, अब असली और नकली शिवसेना को लेकर भी सवाल उठ रहे है. इस पर सावंत का कहना है कि, किसी बेटे से उसके बाप का नाम नहीं हटाया जा सकता है. असली शिवसेना बला साहब ठाकरे की थी. अपने समय में ही उन्होंने अपना उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे को बनाया था और यही असली शिवसेना है.

ये भी पढ़ें: एकनाथ शिंदे बोले- मुझे BJP का CM मंजूर, चाहे जिसको बनाएं मुख्यमंत्री

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में अगला सीएम कौन होगा, इसको लेकर दिल्ली से लेकर मुंबई तक सियासी सरगर्मी जारी है. विपक्ष ने तो इसे मुद्दा बना दिया है. वहीं , निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि,उन्हें भाजपा का सीएम मंजूर है. उन्होंने कहा कि, जो पीएम मोदी और अमित शाह चाहेंगे वही होगा. सरकार बनाने के लिए उनकी तरफ से कोई अड़चन नहीं है. कुल मिलाकर अब यह तय हो चुका है कि, महाराष्ट्र में बीजेपी का सीएम होगा.

इधर विपक्ष का कहना है कि सरकार बनाने और मुख्यमंत्री का नाम तय करने में देरी की वजह महायुति के बीच आपसी तालमेल की कमी और सीएम पद को लेकर खींचतान है. शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि, अगर इसकी जगह महाविकास अघाडी को बहुमत मिला होता तो यही महायुति आरोपों का पिटारा लेकर बैठ गई होती. सावंत ने कहा कि ऐसी स्थिति में बीजेपी और यही शिंदे की शिवसेना के नेता संविधान के नियमों का हवाला देते हुए 26 नवंबर तक ही सरकार बनाने की बाध्यता बताते. मगर अब महायुति के नेता किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं.

शिवसेना (यूबीटी) सांसद, अरविंद सावंत से खास बातचीत (ETV Bharat)

साथ ही अरविंद सावंत ने महायुति की जीत की बड़ी वजह के पीछे ईवीएम के खेल को बताया. साथ ही उन्होंने तुष्टिकरण, फेक वीडियो फैलाने और पैसे बांटने के आरोप भी महायुति के नेताओं पर लगाए. इस सवाल पर कि क्या उद्धव सेना ईवीएम के मुद्दे को कोर्ट में ले जाएगी. इस पर सावंत ने कहा कि, अब तो उनको अदालतों पर भी भरोसा नहीं रहा. सावंत ने माना कि, 'माझी बहिन योजना' का योगदान भी महायुति की जीत में रहा.

शिवसेना उद्धव गुट के सांसद अरविंद सावंत वक्फ बोर्ड पर बनी जेपीसी के सदस्य भी हैं. सवाल है कि, आज जेपीसी में एक रेजोल्यूशन पारित कर उसकी समय सीमा बढ़ाने की सहमति जताएंगे . इस पर रिपोर्ट संभवतः अब बजट सेशन में रखे जाएंगे. इस सवाल पर अरविंद सावंत ने कहा कि समय बढ़ना सही है लेकिन जेपीसी में ऐसे लोगों को बुलाकर बात की जा रही है जो स्टेक होल्डर ही नहीं जिनका वक्फ बोर्ड से ही कुछ लेना देना नहीं.

इस सवाल पर कि, अब असली और नकली शिवसेना को लेकर भी सवाल उठ रहे है. इस पर सावंत का कहना है कि, किसी बेटे से उसके बाप का नाम नहीं हटाया जा सकता है. असली शिवसेना बला साहब ठाकरे की थी. अपने समय में ही उन्होंने अपना उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे को बनाया था और यही असली शिवसेना है.

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Last Updated : 2 hours ago
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